Just In
- 35 min ago क्रॉच एरिया के फंगल इंफेक्शन की वजह हो सकता है आपका गंदा अंडरवियर, Jock Itching से बचने के लिए करें ये काम
- 2 hrs ago Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
- 5 hrs ago Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
- 5 hrs ago गर्मी में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को पसंद आएगी मैंगो स्टफ्ड मलाई कुल्फी, यह रही रेसिपी
Don't Miss
- Movies अस्पताल में भर्ती हुए Munawar Faruqui, हाथ में ड्रिप चढ़ी फोटो देखकर फैंस का घबराया मन, मांगने लगे दुआ
- Education UP Board 10th Result 2024 Declared: यूपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2024 जारी, चेक करें बीते पांच वर्षों के आंकड़ें
- News ओडिशा महानदी में पलटी नाव: 5 लोगों की और हुई मौत, मृतकों की संख्या बढ़कर 7, जानें अभी कितने लापता?
- Finance फिक्स डिपॉजिट में सीनियर सिटीजन को 5 वर्षों में मिलेगा जबरदस्त रिटर्न, जानिए कितना होगा फायदा
- Technology भारत में लॉन्च हुआ HP Omen Transcend 14 गेमिंग लैपटॉप, कम वजन के साथ AI सपोर्ट भी शामिल
- Automobiles Bajaj Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर का किफायती वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए कितनी होगी कीमत?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
गर्भावस्था में दर्दनिवारक दवाएं अत्यंत हानिकारक
शोधकर्ताओं का कहना है कि पैरासीटामोल, एस्प्रिन और आईबूप्रोफेन जैसी दवाओं का लम्बे समय तक इस्तेमाल लड़कों में प्रजनन अंगों के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। 'ह्यूमन रिप्रोडक्शन' जर्नल के मुताबिक करीब 50 प्रतिशत महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अक्सर सिरदर्द से निजात पाने के लिए दर्दनिवारक दवाएं लेती हैं।
इन दवाओं के इस्तेमाल से लड़कों में बनने वाले शुक्राणुओं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और जीवन के अंतिम दिनों में उन्हें वृषण कैंसर का खतरा हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हाल के समय में पुरुषों में होने वाली प्रजनन संबंधी विकृतियों की मुख्य वजह दर्दनिवारक दवाएं हैं। इसके अलावा भ्रूण के हार्मोन असंतुलन के सम्पर्क में होने से भी विकृतियां होती हैं।
अध्ययन के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय एक से ज्यादा प्रकार की दर्दनिवारक दवाएं लेने वाली महिलाओं के बेटों में यह खतरा सात गुना तक बढ़ जाता है। चार से छह महीने की गर्भावस्था के दौरान दर्दनिवारक दवाएं लेना सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इस दौरान केवल एक दर्दनिवारक दवा लेने से भी ये दवाएं न लेने वाली महिलाओं के बच्चों की तुलना में इन महिलाओं के बेटों में ये खतरा दोगुना हो जाता है।
पैरासीटामोल खतरे को दोगुना करती है जबकि एस्प्रिन या आईबूप्रोफेन चार गुना तक खतरा बढ़ा देती है। अध्ययन के मुताबिक चार से छह महीने की गर्भावस्था के दौरान एक साथ दो दर्दनिवारक दवाएं लेने से यह खतरा 16 गुना तक बढ़ जाता है। कोपेनहेगन के रिग्सहॉस्पिटल के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्ययनकर्ता हेनरिक लेफर्स कहते हैं कि दर्दनिवारक दवाएं भ्रूण में हार्मोन के प्रवेश को रोकती हैं।