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प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए 10 घरेलू उपचार
आप नौ महीने तक इस कीमती पल का इंतज़ार करते हैं। और यदि आपकी निर्धारित तारीख आने वाली है तो आप और भी अधिक अधीर हो जाते हालाँकि इस स्थिति से आप आसानी से और धैर्य से निपट सकते हैं। कभी कभी गर्भवती महिला अस्पताल पहुँचने से पहले प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कई घरेलू उपचार लेती है।
यदि आपकी प्रसव की तिथि निकट है तो वह अधीर महिला जो मां बनने वाली है अपने बच्चे को सरलता से बाहर लाना चाहती है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा गर्भावस्था के अंतिम दिनों में प्रसव पीड़ा को प्रेरित किया जा सकता है। मैटरनिटी बैग में रखने योग्य 12 महत्वपूर्ण चीजें
यहाँ
मां
बनने
वाली
महिलाओं
के
लिए
कुछ
घरेलू
उपचार
दिए
गए
हैं
जिसके
द्वारा
वे
उस
अद्भुत
पल
का
इंतज़ार
करते
हुए
अपनी
प्रसव
पीड़ा
को
प्रेरित
कर
सकती
हैं।
1. एक्यूपंचर
यह थोड़ा सा डरावना महसूस हो सकता है परंतु मुझ पर विश्वास करें यह प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए बहुत प्रभावी है। आपके शरीर में सुई चुभने की कल्पना थोड़ी डरावनी अवश्य हो सकती है परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। जब सुईयां अच्छी होती हैं तब इनके कारण कोई दर्द नहीं होता। यद्यपि यह बात भी सत्य है कि एक्यूपंचर के द्वारा की गई प्रसव पीड़ा हमेशा सफल नहीं होती परंतु कभी कभी यह सफल भी होती है। अपनी प्रसव पीड़ा एक्यूपंचर से बढ़ाने के लिए आपकी प्रसव तिथि निकट होनी चाहिए तथा आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। एक्यूपंचर बच्चे और मां के लिए सुरक्षित होता है, तथा यह आपके शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं की गति बढ़ाने में सहायक होता है। यदि आप सुईयां चुभने की इस प्रक्रिया को पसंद नहीं करते तो आप एक्युप्रेशर की पद्धति अपना सकते हैं
2. निप्पल को उत्तेजित करना
यदि आप बिना किसी जटिलताओं के एक सुरक्षित और आरामदायक गर्भावस्था से गुज़र रहे हैं तो प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने का यह एक उत्तम तरीका है। निप्पल को उत्तेजित करना बहुत आसान है तथा तथा इसके कारण प्रसव पीड़ा प्रेरित होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है क्योंकि इसके कारण ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जिसके कारण गर्भाशय में संकुचन होता है। यदि आप 40 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती हैं तो यह पद्धति काफी प्रभावी होती है। आपको इसे दिन में तीन बार एक एक घंटे करना होगा। परंतु ध्यान रहे कि इसे हल्के हाथों से करें। असके अलावा ऐसी गर्भावस्था जिसमें अधिक खतरा हो जैसे गर्भावस्था में मधुमेह, प्रीक्लाम्पसिया या उच्च रक्तदाब आदि
3. वॉकिंग
वॉकिंग के कारण प्राकृतिक रूप से प्रसव पीड़ा प्रारंभ होने की संभावना होती है। क्योंकि यह स्थिति बहुत सही होती है तथा इसके कारण आपके बच्चे को गर्भाशय की ग्रीवा की ओर आने में सहायता मिलती है।
4. अनानास
अनानास भी प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में सहायक है क्योंकि इसमें ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है जो गर्भाशय को नरम करता है और उसे पकता है। यदि आपकी गर्भावस्था के 40 महीने पूरे हो चुके हैं तो आप ताज़े अनानास खाकर भी स्वयं की सहायता कर सकते हैं। परंतु आपको सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि इसे अधिक मात्रा में खाने से डायरिया हो सकता है और निश्चित रूप से जब आप प्रसव पीड़ा से गुज़र रहे हों तब आप यह नहीं चाहेंगे कि आपका पेट ख़राब हो। अनानास का जूस न पीयें क्योंकि जूस में ब्रोमेलैन नामक तत्व समाप्त हो जाता है।
5. रास्पबेरी की पत्तियों की चाय
रास्पबेरी की पत्तियों की चाय प्रसव पीड़ा को उत्तेजित नहीं करती परंतु प्रसव पीड़ा प्रारंभ होने के बाद यह बहुत उपयोगी होती है। आप इसका उपयोग चाय या गोली के रूप में कर सकते हैं। प्रारंभ में इसे दिन में एक बार लें तथा बाद में इसे बढ़ाते हुए दिन में तीन बार तक लें। यदि आप गर्भावस्था के 32 वें सप्ताह तक पहुँच गए हैं तो रास्पबेरी पत्तियों की चाय पीना प्रारंभ कर दें परंतु उससे पहले नहीं क्योंकि यह गर्भाशय की मांसपेशियों को बहुत अधिक प्रभावी रूप से उत्तेजित करता है। रास्पबेरी की पत्तियाँ प्राकृतिक टोनर का काम करती हैं तथा साथ ही साथ यह गर्भाशय के लिए एक अच्छा लौह स्त्रोत हैं जो मां बनने वाली महिलाओं को एनीमिक (खून की कमी) होने से बचाता है।
6. मसालेदार खाना खाएं
अधिकाँश महिलाएं मसालेदार खाना खाना पसंद करती हैं विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान क्योंकि उनकी स्वादेन्द्रियाँ मसालेदार और स्वादिष्ट खाने की मांग करती हैं। अत: मसालेदार खाना भी प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करता है। हालाँकि यह पूर्ण रूप से सिद्ध नहीं हुआ है। प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में लहसुन एक बड़ी भूमिका निभाता है। यह आपके मल निष्कासन को उत्तेजित करता है तथा परिणामस्वरूप आपका मल पतला हो जाता है। इससे आपका गर्भाशय उत्तेजित हो जाता है तथा परिणामस्वरूप गर्भाशय में संकुचन प्रारंभ हो जाता है। इसके अलावा इसके द्वारा बच्चे को नीचे की ओर आने में सहायता मिलती है। इससे आपके बच्चे को बाहर आने में सहायता मिलती है।
7. प्यार करें
ऐसा माना जाता है कि प्यार करने से गर्भाशय में संकुचन बढ़ता है। हालाँकि इसके कोई प्रमाण नहीं है बहुत सी महिलाओं ने दावा किया है कि अपने साथी से प्यार करने के बाद उनके गर्भाशय में संकुचन होने लगा। परंतु इसके पीछे कुछ आधारभूत कारण है कि प्यार करने के बाद प्रसव पीड़ा कैसे उत्तेजित हो जाती है। संभोग के पश्चात स्त्रावित होने वाला वीर्य गर्भाशय को नरम करता है जिसके कारण प्रसव पीड़ा प्रारंभ हो जाती है। वीर्य में प्रोस्टाग्लैंडस नामक रसायन होता है जो ऊतकों को आराम देता है जिससे गर्भाशय नरम हो जाता है। संभोग करने से भी ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन स्त्रावित होता है जो गर्भाशय की दीवारों में संकुचन पैदा करता है। ऐसा माना जाता है कि संभोग होने के बाद भी गर्भाशय उत्तेजित हो जाता है क्योंकि इसके कारण गर्भाशय की दीवारों में संकुचन पैदा होता है। सावधान रहें यदि आपके गर्भाशय की पानी की थैली फूट चुकी है तो संभोग न करें क्योंकि ऐसा करने से संक्रमण हो सकता है।
8. कैस्टर ऑइल (एरंड का तेल)
एरंड का तेल बहुत अधिक रेचक है तथा कुछ मामलों में यह प्रसव पीड़ा को उत्तेजित कर सकता है। अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसकी कुछ मात्रा (114 मिली.) संतरे के रस में मिलकर लें। एरंड के तेल की चिकनाई पेट को उत्तेजित करती है जिसके कर्ण आपका मल पतला हो जाता है जिसके कारण गर्भाशय में संकुचन आना प्रारंभ हो जाते हैं। याद रखें इसकी थोड़ी मात्रा लेने से भी आपको मितली आ सकती है। आप प्रसव पीड़ा उत्तेजित करने के लिए पूर्ण रूप से इस पद्धति पर निर्भर नहीं रह सकते क्योंकि कभी कभी इसका उपयोग कोई असर नहीं करता। एरंड का तेल केवल पेट ख़राब करता है। इसके कारण मां या बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
9. होम्योपैथिक दवाईयां लें
प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में होम्योपैथी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बहुत सी महिलाओं ने इसका उपयोग किया है तथा देखा है कि इससे प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में सहायता मिलती है। आप होम्योपैथिक दवाईयां जैसे पुल्सतिल्ला और काउलोफ्य्ल्लुम का उपयोग कर सकते हैं जो प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में सहायक है। ये होम्योपैथिक दवाईयां बहुत तेज़ पदार्थों का बहुत पतला (तनु) संस्करण हैं। होम्योपैथी बच्चे या मां के लिए नुकसानदायक नहीं होती। इन होम्योपैथिक दवाईयों का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या दाई से सलाह अवश्य लें। यदि आप प्रसव पीड़ा उत्तेजित करने के लिए होम्योपैथिक दवाईयों का उपयोग करना चाहते हैं तो पंजीकृत होम्योपैथ से ही सलाह लें।
10. आरामदायक स्नान करें
गरम पानी से नहायें और आपकी प्रसव पीड़ा प्रारंभ हो जायेगी। आपकी भावनात्मक स्थिति भी आपके गर्भाशय में संकुचन उत्पन्न करने में सहायक होती है। सावधान रहें, पानी बहुत ज़्यादा गरम न हो क्योंकि इसके कारण आपके बच्चे को तनाव हो सकता है क्योंकि वह आपके शरीर के अंदर हैं जहाँ पहले से ही तापमान अधिक होता है। नहाने के इस पानी में आप लैवेंडर तेल की 1-2 बूंदे भी डाल सकते हैं इससे आपके शरीर को भी आराम मिलेगा तथा आपका मूड भी अच्छा हो जाएगा।