Just In
- 1 hr ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 2 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
- 4 hrs ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 6 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
Don't Miss
- News नई दिल्ली में जयशंकर से मिले यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा, रूस को जंग रोकने के लिए मनाएगा भारत?
- Technology Amazon से Samsung, Oneplus समेत इन फोल्डेबल फोन्स को सस्ते में खरीदें, जल्दी करें, यहां देखें लिस्ट
- Movies 'प्रोड्यूसर ने होटल के कमरे में बुलाया और..' जब नीना गुप्ता ने खोल दी थी प्रोड्यूसर की पोल, साथ में रात बिताना
- Travel खुल गया है लद्दाख पहुंचने का नया रास्ता, मनाली से लेह को जोड़ने वाला यह है सबसे छोटा रूट
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
प्रेगनेंसी के दौरान 'टॉक्सेमिया' से जूझ रही थी सिंगर बियोंसे, जानिए क्या है ये बीमारी?
वोग मैग्जीन को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी सिंगर बियॉन्से ने अपने प्रेगनेंसी के एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि पिछले साल प्रेग्नेंसी के दौरान वह 'टॉक्सेमिया' नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। उन्होंने बताया कि डिलीवरी से पहले उनके शरीर में काफी सूजन आ गई थी। इस दौरान उनकी और उनके जुड़वा बच्चों की जान खतरे में पड़ गई थी। बियॉन्से वोग मैग्जीन के सितंबर एडिशन के कवर पेज पर नजर आएगी। हाल ही में बियॉन्से की इस कवरपेज की फोटोज सोशल मीडिया में खूब वायरल भी हो रही थी।
आइए जानते है कि क्या होता है टॉक्सेमिया और क्या है इसके लक्षण प्रेगनेंसी में किस तरह ये प्रेगनेंट महिला के लिए हो सकता है खतरनाक।
क्या है टॉक्सेमिया?
टॉक्सेमिया
प्रेग्नेंसी
से
जुड़ी
एक
गंभीर
स्थिति
है
जिसे
प्री-एक्लेमप्शिया
के
नाम
से
भी
जाना
जाता
है।
ये
स्थिति
प्रेगनेंसी
के
आखिरी
चरण
में
सामान्यता
सामने
आती
है।
ये
स्थिति
हाई
ब्लड
प्रेशर
और
यूरिन
में
अधिक
मात्रा
में
प्रोटीन
बनने
की
वजह
से
बनती
है।
इस
वजह
से
प्रेगनेंसी
के
दौरान
मां
के
शरीर
के
कई
अंग
प्रभावित
हो
सकते
हैं।
खासतौर
से
लीवर
और
किडनी।
इसके
अलावा
इस
स्थिति
में
प्लेसेंटा
का
ठीक
से
विकास
नहीं
होता
है।
प्लसेंटा
एक
ट्यूबनुमा
आकार
की
संरचना
होती
है
जिससे
गर्भ
में
पल
रहे
भ्रूण
को
माता
से
पोषण
मिलता
है।
ऐसा
प्रेग्नेंसी
की
तीसरी
तिमाही
के
दौरान
होता
है।
इस
दौरान
भ्रूण
तक
ऑक्सीजन
और
पोषक
तत्वों
की
सप्लाई
ठीक
से
न
होने
के
कारण
उसके
विकास
पर
असर
पड़
सकता
है।
ये है इसके लक्षण
दुनियाभर में प्री-एक्लेमप्शिया से प्रभावित करीब 3.9 प्रतिशत प्रेगनेंसी के मामले सामने आएं है। इनमें से भी ज्यादात्तर महिलाएं अपनी पहली प्रेगनेंसी के दौरान इस स्थिति से गुजरती है। शरीर में सूजन और हाई ब्लड प्रेशर के अलावा तेज सिरदर्द होना, वजन काफी बढ़ जाना, मिचली आना या पेटदर्द होने जैसे लक्षण दिखते हैं तो गर्भवती महिला को डॉक्टर से मिलना चाहिए।
डिलीवरी नहीं होती है आसान
टॉक्सेमिया या प्री-एक्लेमप्शिया की स्थिति होने पर डिलीवरी करवाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। क्योंकि ये समस्या प्रेगनेंसी के 20 हफ्तों यानी कि तीसरे चरण में मालूम चलती है, जो कि बियोंसे के साथ हुआ। बियोंसे के शरीर में सूजन के चलते डॉक्टर्स ने सी-सेक्सन के जरिए उनकी डिलीवरी करवाई। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें एक महीनें बेड रेस्ट की सलाह दी। अगर इस स्थिति में सुरक्षित डिलीवरी की सम्भावनाएं कम लगती है तो डॉक्टर कोशिश करते हैं कि दवाईयों से ब्लड प्रेशर को कम या काबू में किया जाएं।
इन जांचों से मालूम चलता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान 140/90 मिमी एचजी से अधिक बीपी होना आसामान्य है लेकिन एक ही बार हाई ब्लड प्रेशर आने का मतलब यह नहीं कि आपको प्री-एक्लेमप्शिया ही है। इसकी पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट, यूरिन एनालिसिस और अल्ट्रासाउंट किया जाता है।
इसका इलाज
विशेषज्ञ लक्षण और जांच रिपोर्ट के आधार पर ट्रीटमेंट तय करते हैं। ऐसी स्थिति में ब्लड प्रेशर और पेट की ऐंठन कम करने की दवाएं देते हैं। इसके अलावा रेस्ट करने की सलाह भी जरूरी तौर पर दी जाती है। स्थिति गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है।
सावधानी बरतें
- अगर पहले से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान रही हैं तो प्री-एक्लेमप्शिया की बढ़नें की पूरी सम्भावनाएं हैं। इसलिए बेहतर होगा कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में डॉक्टर को ये जानकारी जरूर दें।
- हर महीनें डॉक्टर के पास जाकर वजन चैक करवाएं, अगर वजन अचानक से बढ़ रहा है तो इसका कारण पूछें।