Just In
- 2 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 4 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
- 6 hrs ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 8 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
Don't Miss
- News Haryana News: सीएम नायब सिंह ने मुख्यमंत्री आवास पर कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, लोकसभा चुनाव पर कही यह बात
- Movies 'ये रोमांस कभी खत्म ना हो' शादी की खबरों के बीच तापसी ने अपनी पहली तस्वीरें पोस्ट कर कही ये बात
- Technology Amazon से Samsung, Oneplus समेत इन फोल्डेबल फोन्स को सस्ते में खरीदें, जल्दी करें, यहां देखें लिस्ट
- Travel खुल गया है लद्दाख पहुंचने का नया रास्ता, मनाली से लेह को जोड़ने वाला यह है सबसे छोटा रूट
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
आखिर क्यों सताती है किसी की याद?
काम से लौटकर रोज़ जब घर पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका पेट डॉगी पास आकर झूमने और लिपटने लगता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि पेट्स की यही भावना हम इंसानी स्वभाव में भी होती है। जैसे कि छोटे बच्चे को जब मां की याद सताती है तो वह रोने लगता है और जैसे ही मां करीब पहुंची बच्चा अपने आप नॉर्मल हो जाता है।
हमारे स्वभाव की यही गुणवत्ता ताउम्र हमारे साथ रहती है। ज़िंदगी के हर मोड़ पर यह अपना असर दिखाती है। जैसे कि स्कूल में दोस्तों के साथ खेलना अच्छा लगता है, इसी खेल में जब कोई एक साथी गैरमौजूद होता है तो गेम में ना तो मज़ा आता है और न ही मन को अच्छा लगता है। स्कूल से निकल कॉलेज में नए महौल के बीच स्कूल टीचर और दोस्तों की खूब याद सताती है। इसी तरह हमें दोस्तों, सहयोगियों, शिक्षकों या बॉस और यहां तक कि जीवनसाथी या बच्चों की भी याद सताती है।
असल में किसी के साथ भी स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बन जाना हमारे स्वभाव में प्राकृतिक है। कभी कभार पार्टनर की गैरमौजूदगी में पल-पल याद सताना बहुत दर्दनीय हो जाता है। तो आइए आज इस आर्टिकल के ज़रिए हम भावनाओं के इसी मुद्दे पर चर्चा करते हैं कि आखिर क्यों हम कुछ खास लोगों को बहुत याद करते हैं।
उनकी मौजूदगी
ऐसे बहुत से लोग हैं जिनसे सकारात्मक वाइब्स का एहसास होता है। असल में जब आप किसी की उपस्थिति में अच्छा और सकारात्मक महसूस करते हैं, तो आप अपनी शेष ज़िंदगी उन्हीं की उपस्थिति में बिताना चाहते हैं और इसलिए आप उनकी अनुपस्थिति में उन्हें याद करते हैं।
संपर्क
ज़रूरी नहीं है कि आप अपने कॉन्टेक्ट में आने वाले हर व्यक्ति से जुड़ाव महसूस करें। इसके साथ ही जब आपको ऐसा कोई खास कनेक्शन वाला साथी मिल जाता है तो अपने आप खास बॉडिंग हो जाती हैं। यहां तक कि यह कनेक्शन आपको उनकी अनुपस्थिति में कमज़ोर महसूस कराता है।
है बहुत खास
किसी की याद आना इस ओर इशारा करता है कि आप उस इंसान को बेहद याद कर रहे हैं। जी हां, कुछ लोग हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और जब वे आसपास नहीं होते हैं तो हम उन्हें याद करने लगते हैं।
उनकी अहमियत का एहसास
आम तौर पर, होता यही है कि किसी कि अनुपस्थिति के दौरान उसकी सही वैल्यू महसूस होती है। शायद यही कारण है कि हम किसी को याद करते हैं। एक व्यक्ति जिसने आपकी खुशी में योगदान दिया है, वह आपके लिए बहुत मायने रखता है।
यादों का संग्रह
जब आपके पास किसी के साथ बहुत सारी मीठी यादें होती हैं, तो आप उनकी अनुपस्थिति के दौरान उन्हें याद करते हैं। इसी वजह से आपको उनकी और याद सताने लगती है।
आती है सकारात्मक भावनाएं
जिन लोगों के साथ आप खुश रहते हैं स्वभाविक है कि इन्हीं की वजह से आपके आस पास का माहौल सकारात्मकता से भरा होगा। इसलिए, ऐसे लोगों की अनुपस्थिति में आपके दिल में कहीं न कहीं उनकी यादें रह जाती हैं।
उनके बिना जीवन हुआ सुस्त
यह महसूस करना बहुत ही स्वाभाविक है कि जीवन किसी खास के बिना सुस्त होने लगा है। वास्तव में, प्रकृति चाहती है कि हम अपने साथी मनुष्यों के साथ और अधिक जुड़ें और यही कारण है कि इससे हमें कुछ लोगों की याद सताती है।