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बहू बनते ही आ जाती है ज़िम्मेदारियां, ऐसे करें संयुक्त परिवार में एडजस्ट

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10-15 लोगों का एक ही छत के नीचे मज़े से रहना, दुख-सुख में एक दूसरे के लिए खड़े हो जाना और मिलकर ज़िम्मेदारियों को निभाने वाले संयुक्त परिवार के दिन अब लद चुके हैं। लेकिन जो लोग ऐसे परिवार में पले-बढ़े हैं, वह उन दिनों को भूला नहीं सकते। साथ ही इनके पास अपने अनुभव को बांटने के लिए शब्द ही नहीं है। इतना ही नहीं ऐसे लोग हर परिस्थिति में आसानी से सामंजस्य बैठा सकते हैं।

लेकिन सच में ऐसे बड़े परिवार में तालमेल बिठाना बहुत बड़ा काम है, खासतौर पर जब बात हो नई बहू की तो यह काम और मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इनके कंधों पर नई-नई ज़िम्मेदारियां डाल दी जाती हैं। फिर भले ही बहू एक छोटे परिवार या संयुक्त परिवार से ही क्यों न आती हो। उसे चुनिदां चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वह ऐसे घर की सदस्य बनने जा रही है, जहां पहले ही बहुत सारे लोग एक साथ रहते हैं। ऐसे में हर नई बहू को संयुक्त परिवार में सभी को पहले समझना होता है और फिर काम करके तालमेल कायम करना पड़ता है।

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रिश्तेदारों का करें सत्कार: संयुक्त परिवार में सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात है कि आप सभी रिश्तों और रिश्तेदारों की इज़्ज़त करें और उनका सत्कार करें। साथ ही हो सकता है कि आपने सभी के बारे में कुछ न कुछ सुन रखा हो, लेकिन कही सुनी बातों के आधार पर राय बना लेना गलत होगा। आपको अपनी समझ के अनुरूप ही लोगों के प्रति राय बनानी चाहिए। साथ ही हमेशा बड़ों को आदर व बच्चों को प्यार देने की कोशिश करें।

गॉसिप से रहें दूर: चूंकि परिवार संयुक्त है तो, स्वाभाविक है कि चटपटी गॉसिप भी बहुत सारी होगी। ऐसे में परिवार के नए सदस्य होने के नाते कोशिश करें कि आप इन सबसे दूर ही रहें। साथ ही अगर कोई आप से कुछ कहता भी है तो आप उसे अपने तक ही रखें।

शब्दों में हो दम: संयुक्त परिवार में निभाने के लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपकी कथनी और शब्दों में थोड़ा दम होना चाहिए। याद रखें कि परिवार में सभी लोग अलग अलग स्वभाव के होते हैं, ऐसे में आपको नहीं पता होता कि कौन आपके शब्दों को कैसे स्वीकार करे। इसलिए कोशिश कीजिए कि एक मध्यस्थ रास्ता अपनाते हुए सभी के साथ तरीके और संयम के साथ बात करें।

शिकवे न रखें: जब चार बर्तन घर में होते हैं तो खटकते तो है ही, यह कहावत संयुक्त परिवार पर बिल्कुल सटीक बैठती है। ऐसे परिवार में चार अलग-अलग तरह के लोग एक साथ रहते हैं और इनके बीच किसी भी बात को लेकर मन मुटाव होना भी मुमकिन है। लेकिन नई बहू होने के नाते आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि आप कोई शिकायत या शिकवा न रखें। क्योंकि याद रहे कि हर छोटी-छोटी बात को लेकर शिकायत करना आपके लिए ही खतरा बन सकता है। ऐसे में सामने वाले को समझने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दें।

समझें ज़िम्मेदारियां: बड़े परिवार का मतलब है कि ज़िम्मेदारियां और उन्हें सम्पूर्णता से निभाने का निश्चय। परिवार का हिस्सा होने के नाते, ज़रूरी है कि आप परिवार और परिवार के हर सदस्य को समझें। इसी के साथ बड़े परिवार में सभी के हिस्से थोड़ी-थोड़ी ज़िम्मेदारी भी आती है, जिन्हें हर मुमकिन कोशिश कर पूरा करना सभी का कर्त्तव्य है। अब जब आप परिवार का हिस्सा हैं तो आप जो भी करते हैं वह परिवार की अच्छाई के लिए ही होता है।

मदद करें सबकी: जब आप किसी की मदद करते हैं तो ज़रूरत पड़ने पर आपको भी मदद मिल ही जाती है और आपका रूका हुआ काम बन जाता है। साथ ही हमेशा ध्यान रखें कि आप अकेले नहीं जी रहे हैं, आपके साथ बहुत से रिश्ते जुड़े हैं। इसलिए हमेशा साथ मिलकर रहें और एक दूसरे की मदद करते रहें।

बनाएं हेल्दी रिश्ता: किसी भी परिवार में लड़ाई झगड़े होना आम है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस वजह से घर के माहौल पर असर पड़े, या फिर आपकी बोल चाल ही बंद हो जाए। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो रिश्ते और परिवार दोनों के टूटने का खतरा बना रहता है। साथ ही आप माने या न माने लेकिन एक बहू ही किसी परिवार को एकजुट कर सकती है।

English summary

How Daughter-In-Law Can Adjust In A Joint Family

As the daughter-in-law in joint family, youve to shoulder many responsibilities. Take a look at some tips on how to adjust in a joint family.
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