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अगर नहीं पता तो अभी जानें कि करेक्टर्स का उपयोग कैसे करें?
सही करेक्टर्स चुनना थोडा कठिन काम है। सही शेड चुनने तक आपको कई रंगों के साथ प्रयोग करके देखना पड़ता है जबकि कंसीलर के रंग का चुनाव आसानी से किया जा सकता है।
करेक्टर्स का उपयोग दाग धब्बों को छुपाने के लिए किया जाता है। त्वचा पर मॉस्चराइज़र और प्राइमर लगाने के बाद दाग धब्बों पर सही शेड का करेक्टर लगायें। इसके बाद कंसीलर और फाउंडेशन लगायें।
करेक्टर्स का उपयोग करते समय ये गलतियां न करें
1.
इसकी
परत
न
लगायें
जैसे
कि
आप
कंसीलर
लगाते
समय
करते
हैं।
इसकी
थोड़ी
सी
मात्रा
को
दाग
धब्बों
पर
लगायें
और
उसे
अच्छे
से
ब्लैंड
करें।
इसकी
अधिक
मात्रा
लगाने
से
यह
दिखने
लगता
है।
2. हर तरह की त्वचा के लिए करेक्टर्स के विभिन्न शेड उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए आपको गहरा लाल तथा साथ ही साथ हलके रंग का करेक्टर भी मिलेगा। त्वचा के प्रकार और रंग के अनुसार सही करेक्टर चुनें क्योंकि अन्य कोई करेक्टर उतना प्रभावी नहीं होता। लोग अक्सर यह गलती करते हैं। केवल सही रंग का चुनाव करना ही उपयुक्त नहीं है। आपको विभिन्न फार्मूला उपयोग करके देखने चाहिए कि कौन सा आपकी त्वचा के लिए अधिक बेहतर है।
3. त्वचा की रंगत एक जैसी होने पर भी आवश्यक नहीं है कि एक व्यक्ति पर जो करेक्टर अच्छा दिखता है वही दूसरे व्यक्ति पर भी अच्छा दिखे। सही कलर के करेक्टर का चुनाव करने के लिए कई रंगों के करेक्टर्स को लगाकर देखना पड़ता है। गलत शेड का चुनाव करने से समस्या बढ़ सकती है।
कंसीलर और करेक्टर्स के बीच अंतर
हालाँकि इन दोनों का उपयोग समान उद्देश्य के लिए किया जाता है परन्तु कंसीलर और करेक्टर्स दोनों अलग अलग तरीके से काम करते हैं।
कंसीलर समस्या को कवर करता है परन्तु करेक्टर इसे संतुलित करता है। करेक्टर्स और कंसीलर से होने वाले लाभ और फायदे इस प्रकार हैं:
न्यूट्रीलाइजेशन
और
कवरेज
करेक्टर
कलर
को
संतुलित
करके
समस्या
को
समाप्त
कर
देता
है।
कंसीलर
समस्या
को
ढँक
देता
है।
हालाँकि
दोनों
का
उपयोग
प्रभावशाली
होता
है
परन्तु
कलर
करेक्शन
से
टच
अप
की
आवश्यकता
नहीं
होती।
उपयोग
जब
लगाने
की
बात
आती
है
तो
कंसीलर
की
तुलना
में
कलर
करेक्शन
करना
थोडा
कठिन
होता
है।
करेक्टर्स
को
ठीक
तरह
से
मिलाना
ज़रूरी
होता
है
अन्यथा
ऐसा
लगेगा
कि
आप
किसी
कार्निवाल
में
जा
रहे
हैं।
दूसरी
ओर
कंसीलर
लगाना
आसान
होता
है।
यदि
आप
लगाने
में
गलती
करते
हैं
तो
आपका
चेहरा
धब्बेदार
दिखता
है
जिसे
ट्रांसल्यूसेंट
पाउडर
से
मैनेज
किया
जा
सकता
है।
सही
शेड
चुनना
सही
करेक्टर्स
चुनना
थोडा
कठिन
काम
है।
सही
शेड
चुनने
तक
आपको
कई
रंगों
के
साथ
प्रयोग
करके
देखना
पड़ता
है
जबकि
कंसीलर
के
रंग
का
चुनाव
आसानी
से
किया
जा
सकता
है।
इसके
अलावा
कंसीलर
के
गलत
शेड
को
आवश्यकतानुसार
हलके
या
गहरे
रंग
के
शेड
द्वारा
सुधारा
जा
सकता
है।
फिनिश
यहाँ
करेक्टर्स
अधिक
प्रभावी
होते
हैं
क्योंकि
वे
प्राकृतिक
चमक
देते
हैं।
कंसीलर
को
ठीक
तरह
से
लगाने
के
बाद
भी
इससे
केकी
फिनिश
ही
आता
है।
निष्कर्ष यह है कि कलर करेक्टर्स खरीदना निश्चित रूप से उपयोगी है। एक बार जब आप इसे लगाने में मास्टर हो जाते हैं तो यह पूरी प्रक्रिया आपकी मेकअप की दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा बन जाती है।