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कैसे इंसुल‍िन नियंत्रण करता है डायबिटीज, जानिए क्‍यों है जरुरी?

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हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि 2030 तक डायबिटीज टाइप 2 के रोगियों की संख्‍यां 40.56 करोड़ से बढ़कर 51 करोड़ तक पहुंच जाएगीं, लेकिन उससे भी बुरी खबर ये है कि बढ़ते डायबिटीज रोगियों की संख्‍या की वजह से इंसुल‍िन की उपब्‍धता में किल्‍लत होने लगेगी। इंसुल‍िन की आपूर्ति और बढ़ती डिमांड की वजह से बहुत से डायबिटीज मरीजों को इलाज में काफी समस्‍या आएंगी। दरअसल अभी से अमेरिका जैसे देशों में इंसुलिन की उपलब्‍धता में कमी आने लगी है और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में इसके दाम आसमान छू रहें है, जो कि चिंता का विषय है।

दुनियाभर में टाइप 2 डायबीटीज तेजी से फैल रहा है जिसका संबंध मोटापा और एक्सर्साइज की कमी से है। लोगों की बदलती लाइफस्टाइल टाइप 2 डायबीटीज की सबसे बड़ी वजह है। आइए जानते है कि इंसुलिन इतना क्‍यों है जरुरी है।

इंसुलिन क्या है?

इंसुलिन क्या है?

इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन है जिसका निर्माण अग्नाशय करता है। डायबीटीज होने पर अग्नाशय कार्य करना बंद कर देता है जिससे शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और शरीर में ग्लूकोज और शुगर का नियंत्रण भी बंद हो जाता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते है।

 टाइप 2 के ल‍िए क्‍यों जरूरी है इंसुलिन?

टाइप 2 के ल‍िए क्‍यों जरूरी है इंसुलिन?

अगर खान-पान, लाइफस्‍टाइल और दवाईयों के जरिए डायबिटीज को नियंत्रित नहीं होता है तो इंसुल‍िन थैरेपी का सहारा ल‍िया जाता है। डायबिटिक रोगियों को बीमारी के बारे में पता चलने के कुछ साल बाद इंसुलिन लेनी पड़ती है। इसका बड़ा कारण पैक्रियाज यानी अग्‍नाशय में इंसुलिन का उत्‍पादन घटना होता है। शरीर में इंसुल‍िन की मात्रा को संतुल‍ित करने के ल‍िए इसे दिया जाता है। अगर रोगी डायबिटीज को कंट्रोल में नहीं रखता तो इससे उसका हार्ट, किडनी, आंख और नर्वस सिस्‍टम प्रभावित हो सकता है।

इंसुलिन थेरेपी कैसे मदद करती है?

इंसुलिन थेरेपी कैसे मदद करती है?

पैंक्रियाज़ से निकलने वाला इंसुलिन आपके ब्लड शुगर को नॉर्मल रेंज में बनाए रखता है। आपका शरीर ख़ुद-ब-ख़ुद शुगर लेवल के प्रति अपनी प्रतिक्रिया देता है और ये पूरे दिन कम मात्रा में बैसल इंसुलिन जारी करता रहता है, जिससे खाने के दौरान और रात में ब्लड शुगर को मैंटेन किया सके। जब आप कुछ खाते हैं तो ये आपके खाने को सोखकर निकली चीनी के बदले बोलस इंसुलिन का उत्पादन करती है।

इंजेक्शन या इंसुलिन पंप के ज़रिए लिया गया इंसुलिन शरीर पर प्राकृतिक इंसुलिन के समान ही अपना असर दिखाता है। ये नॉर्मल इंसुलिन के स्तर का अनुमान लगाकर हाई ब्लड शुगर (उच्च रक्त शर्करा) को कम करने में मदद करता है। इसके लिए, आपकी इंसुलिन थेरेपी में निम्न चाज़ों का शामिल होना ज़रुरी है।

चार तरह के होते है इंसुल‍िन

चार तरह के होते है इंसुल‍िन

इंसुल‍िन भी चार तरह के होते है। हर इंसुल‍िन का प्रकार उसकी समय अवधि पर न‍िर्भर करता है। अगर आपको चाहिए कि इंसुल‍िन तुरंत अपना असर दिखाना शुरु कर दे तो इंजेक्‍शन लेने के करीब 15 मिनट में यह इंसुल‍िन अपना कार्य करना शुरु कर देता है। और एक घंटे के बाद इसका असर देखने को मिलता है। एक से चार घंटों तक कार्य करती है।

English summary

How does insulin control the blood sugar levels?

With a lack of availalibility, rising costs and increasing burden of the disease, study says over 40 million with Type 2 diabetes may not be able to procure insulin in 2030.
Story first published: Wednesday, December 19, 2018, 14:27 [IST]
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