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रात को उल्‍लूओं की तरह जागने से पड़ सकता है दिल का दौरा, इन बीमारियों का भी होने का रहता है डर

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नाइट आउॅल यानी देर रात तक जगने वाले लोगों को जल्‍दी उठने वाले लोगों के तुलना में दिल से जुड़ी बीमारियां और डायबिटीज- टाइप 2 होने का खतरा ज्‍यादा मंडराता है। ये बात हम नहीं कह रहे हैं, हाल ही में एक शोध में यह बात सामने आई है कि देर तक जगने वाले लोगों का खानपान की गलत शैली के वजह से मोटापा और हार्ट डिजीज का खतरा रहता है।

दरअसल मानव का शरीर 24 घंटे के चक्र पर चलता है, जो जैविक घड़ी से नियंत्रित होता है। यह आतंरिक घड़ी हमारे शरीर के कई कामों को नियमित करती है। मसलन यह बताती है कि आपको कब खाना है, कब सोना और कब जागना है। यह आंतरिक घड़ी प्राकृतिक प्राथमिकता के आधार पर यह जल्दी उठने और जल्दी सोने की दिशा में काम करती है।

शोधकर्ताओं ने रिसर्च के आधार पर पाया कि देर रात तक जगने वाले लोगों में गलत खानपान के चलते दिल की बीमारी और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या ज्यादा होने लगी थी। दरअसल देर रात तक जगने वाले लोग अनहेल्‍दी फूड जैसे शराब, चीनी, चाय-कॉफी और फास्ट फूड का ज्‍यादा सेवन करने लगते है। जबकि जल्दी उठने वाले लोगों में ऐसा कम देखने को मिलता है।

बढ़ जाता है ग्‍लकोज का स्‍तर

बढ़ जाता है ग्‍लकोज का स्‍तर

दिन में देर से खाने का संबंध टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है क्योंकि शरीर के अंदर की घड़ी शरीर को ऊर्जा देने के लिए ग्लूकोज के ल‍िए मार्ग बनाने का काम करती है। ग्लूकोज का स्तर प्राकृतिक तरीके से दिनभर नीचे गिरता है और रात में वह बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच जाता है। मगर देर रात तक जगने वाले लोग अक्सर बिस्तर पर जाने से पहले कुछ न कुछ खाते रहते हैं, इसलिए उनके ग्लूकोज का स्तर उस समय तक बढ़ जाता है, जब वे सोने जाते हैं। ग्‍लूकोज के अधिक स्‍तर के वजह से डायबिटीज का बढ़ जाता है।

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 खाने की गलत हैबिट

खाने की गलत हैबिट

रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग रात को देर से उठते है, उनके खानपान का समय गड़बड़ा जाता है। देर से सोने की वजह से वे उठते भी देर से हैं, जिससे सुबह के नाश्ते का समय निकल जाता है और वे दिन में देर से खाना खाते हैं। उनके खानपान में अनाज, सब्जी और फलों की मात्रा भी कम होती है। देर से उठने वाले लोग दिन में कम बार खाना खाते हैं, लेकिन उनकी खुराक की मात्रा ज्‍यादा होती है। इसका असर सीधा सेहत पर पड़ता है।

अवसाद की वजह

अवसाद की वजह

देर तक सोने का असर हमारे दिमाग और हार्मोन्स पर पड़ता है। एक शोध के अनुसार जो लोग स्वाभाविक तौर पर देर से उठते हैं उनके मस्तिष्क में व्हाइट मैटर सबसे खराब स्थिति में होता है, विशेष रूप से दिमाग के ‌उस हिस्से में जहां से अवसाद और दुख के भाव पैदा होते हैं। इसी कारण देर से उठने वाले लोगों को अवसाद और तनाव अधिक होता है।

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बिहेवियर डिसऑर्डर

बिहेवियर डिसऑर्डर

पहले भी एक शोध में ये बात सामने आ चुकी है कि ज्यादा देर तक जागने से ऑबसेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर की संभावना बढ़ जाती है जिसके चलते व्यक्ति एक ही व्यवहार बार बार करता है। रिसर्च में सामने आया था कि जो लोग रात से सोते है उन्‍हें सनक भरे विचार आने लगते है जिस वजह से उनका व्यवहार पर इसका असर पड़ता है। एक दिन पहले सोने के समय से अगले दिन का व्यवहार का संबंध आपस में होता है।

English summary

Night owls at high risk of heart disease, diabetes: Study

people who prefer staying up late -- may have a higher risk of suffering from heart disease and type 2 diabetes than early risers, a study has found.
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