Just In
- 3 hrs ago मनोज तिवारी Vs कन्हैया कुमार: कौन हैं कितना अमीर? दोनों की संपति डिटेल जानिए
- 6 hrs ago Summer skin care: गर्मी में आप भी बार-बार धोते हैं चेहरा? जानें दिन में कितनी बार करें Face Wash
- 7 hrs ago फराह खान की तरह बनाना चाहते हैं टेस्टी यखनी पुलाव, तो खुद उनसे ही जान लीजिए सीक्रेट रेसिपी
- 8 hrs ago Appraisal Prediction 2024: राशि के अनुसार जानें किसके हाथ लगेगी लॉटरी और किसके हिस्से में आएगी मायूसी
Don't Miss
- News Haryana News: सीएम नायब सिंह ने रामनवमी पर प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक की दी बधाई, जानिए क्या बोले मुख्यमंत्री
- Education KVS Admission 2024: केवी संगठन ने अनंतिम प्रवेश सूची जारी की; यहां देखें डायरेक्ट लिंक
- Movies बुशरा अंसारी ने 66 साल की उम्र में किया दूसरा निकाह, जानिए कौन हैं एक्ट्रेस के शौहर
- Finance Car Loan: पहले समझें 20-4-12 का नियम फिर खरीदें अपनी पसंद कार, कभी नहीं होगी फंड की दिक्कत
- Technology Samsung ने मार्केट में लॉन्च किए नए स्मार्ट टीवी, मिलेंगे AI इंटिग्रेटेड फीचर्स
- Automobiles 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
- Travel सऊदी अरब ने बदला उमराह Visa Rule, अब 90 दिनों तक वीजा रहेगा वैध, Details
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
अपने कंधों को मज़बूत बनाएँ
विधि
सबसे पहले खड़े हो जाएं और दोनों पैरों में डेढ़ फ़ुट का अंतर रखें. घुटनों को मोड़ते हुए बैठ जाएं, नितंब का स्पर्श ज़मीन से नहीं होना चाहिए.
दोनों हाथों को आपस में मिलाएं और अंगुलियों को इंटरलॉक कर लें यानी दोनों हाथों की एक मुट्ठी बना लें. बाजू सीधी और तानकर रखें. रीढ़ को भी सीधा करें. यह प्रारंभिक स्थिति है.
साँस भरते हुए दोनों बाज़ुओं को एक साथ सिर के ऊपर लाएं और तेज़ गति से नियंत्रणपूर्वक साँस निकालते हुए दोनों हाथों को नीचे ज़मीन की ओर लेकर आएं जैसे हम लकड़ी काटते हैं.
ऐसा करते हुए मुँह से "हा" की आवाज़ आएगी ताकि फेफड़ों से हवा बाहर आ सके. यह एक राउंड है. ऐसे दस राउंड तक अभ्यास करें.
विशेष
जिन व्यक्तियों को ज़मीन पर बैठने में दिक्कत हो या इस आसन में बैठते हुए एड़ी ज़मीन से उठ जाए तो इस आसन का अभ्यास खड़े होकर भी किया जा सकता है परंतु लाभ कुछ कम मात्रा में मिलेगा.
महिलाओं के लिए यह आसन काफ़ी उपयोगी है और इसे करना भी सरल है. इसके अभ्यास से कूल्हे के जोड़ की लचक बढ़ती है और वे सशक्त हो जाते हैं.
लाभ
काष्ठ तक्षण आसन के अभ्यास से पीठ की सभी माँसपेशियों का एक साथ उपयोग होता है और व्यायाम जैसा लाभ भी मिलता है. कंधों की माँसपेशियाँ और कंधों के जोड़ मज़बूत बनते हैं.
महिलाओं के लिए यह आसन काफ़ी उपयोगी है और इसे करना भी सरल है. इसके अभ्यास से कूल्हे के जोड़ की लचक बढ़ती है और वे सशक्त हो जाते हैं. कूल्हे और पेट की माँसपेशियों से खिंचाव आता है और अतिरिक्त चर्बी घटती है जिससे मोटापे पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है.
स्कंध शक्ति विकासक आसन
विधि सीधे खड़े हो जाएं और पैर परस्पर मिले हों. दोनों हाथ जंघाओं के बगल में रहेंगे. दोनों हाथों की इस प्रकार मुट्ठी बनाएं कि अंगूठा मुट्ठियों के अंदर रहे.
मुंह को चोंच की आकृति बनाकर बाहर की वायु को अंदर खींचें. गाल फुलाइये, साँस रोकिए और ठुड्डि को कंठकूप (छाती) से लगा लें ताकि साँस रोककर रख सकें. गालों को फुलाए रखिए.
चाहे तो आँखें भी बंद कर लीजिए. फिर दोनों बाज़ुओं को कड़ा करके कंधों को बल-वेग पूर्वक लगातार ऊपर नीचे लेकर जाएं.
परंतु इस क्रिया को करते समय भुजाएँ सीधी रहेंगी और कोहनी को नहीं मोड़ेंगे.
क्रिया करते समय कंधों को यथासाध्य ऊपर नीचे लेकर आएँ और साँस रोककर रखें. ऐसा दस बार करें.
तत्पश्चात हाथों और कंधों को गति देना बंद करें, गर्दन सीधी करें, आँखें खोलें और दोनों नाक से नियंत्रणपूर्वक धीरे धीरे बिना किसी आवाज़ के साँस बाहर निकाल दें.
मुट्ठियों को भी खोल दें. यह स्कंध शक्ति विकासक का एक राउंड है. नियमित पाँच राउंड तक अभ्यास करना चाहिए.
विशेष
जिन्हें सरवाइकल की समस्या है वे इस क्रिया का अभ्यास गर्दन को बिना आगे झुकाए कर सकते हैं.
लाभ
इस क्रिया के अभ्यास से कंधे की हड्डियाँ, माँसपेशियाँ, नस-नाड़िका शुद्ध एवं सुड़ौल होकर अंग प्रत्यंग को पुष्ट करती है.
इसके अभ्यास से पीठ और कंधों की माँसपेशियाँ सशक्त तो होंगी ही बल्कि शारीरिक गठन भी सुंदर दिखेगा और हमारे व्यक्तित्व में भी सुधार होगा.