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महिलाओं को स्मोकिंग के लिए प्रेरणा देते हैं विज्ञापन
तेहरान। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि तंबाकू उद्योग महिलाओं को लक्ष्य करते हुए विज्ञापन बना रहे हैं और इन विज्ञापनों में तंबाकू के इस्तेमाल को खूबसूरती और स्वतंत्रता से जोड़ा जाता है।संयुक्त राष्ट्र ने कहा, "यद्यपि 10 महिलाओं में एक से भी कम महिला धूम्रपान करती है लेकिन दुनियाभर में उनकी संख्या 20 करोड़ है।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून कहते हैं, "ज्यादातर मौतें निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। किसी ठोस कार्रवाई के बिना 2030 तक यह संख्या बढ़कर 25 लाख हो सकती है।" बान ने कहा, "तंबाकू का इस्तेमाल सुरुचिपूर्ण या सशक्त नहीं बनाता। यह बहुत बदसूरत और घातक है।"
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 151 देशों में कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक आधे देशों में धूम्रपान करने वाले लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर है। यह चिंता की बात है कि धूम्रपान की यह आदत वयस्क होने तक तक जारी रह सकती है। वक्तव्य में कहा गया है, "साक्ष्य बताते हैं कि कुछ देशों में महिलाओं में तंबाकू के इस्तेमाल की दर बढ़ी है।" तंबाकू की वजह से हर साल दुनियाभर में 15 लाख से ज्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है और अगले दो दशकों में यह संख्या बढ़कर 25 लाख हो सकती है। यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र ने जारी की है।