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कब्ज़ होने के 10 कारण जिनके बारे में आप हैं अंजान
कब्ज़ एक ऐसी समस्या होती है जिसका अक्सर मज़ाक बनाया जाता है। परंतु जो व्यक्ति इस समस्या से ग्रसित होता है उसके लिए यह बहुत ही असुविधाजनक और कभी कभी बहुत ही दर्दनाक होता है। चिकित्सीय रूप से यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को मल त्याग करने में समस्या आती है या उन्हें क्वचित ही मल त्याग करने की इच्छा होती है।
READ: कब्ज़ के बारे में मिथक और सत्य
कब्ज़
के
स्वास्थ्य
पर
बहुत
दुष्परिणाम
होते
हैं।
जहाँ
इस
स्थिति
से
निपटने
के
लिए
कई
घरेलू
उपचार
उपलब्ध
हैं
वहीं
इसके
उपचार
के
साथ
साथ
इस
समस्या
का
कारण
जानना
भी
आवश्यक
है।
अत:
आपकी
सहायता
के
लिए
यहाँ
कब्ज़
के
10
सामान्य
कारण
बताए
गए
हैं।
पानी कम पीना या डिहाईड्रेशन:
यदि कोई व्यक्ति आवश्यकता से कम पानी पीता है तो शरीर अपने संसाधनों से इसकी पूर्ति करने लगता है। आपका शरीर सभी संभव स्त्रोतों से पानी शोषित करके क्षतिपूर्ति करने का प्रयत्न करता है तथा शरीर से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थ इसका प्रमुख लक्ष्य होते हैं, जिसके कारण कब्ज़ होती है। इससे मल या व्यर्थ पदार्थ सूख जाते हैं जिसके कारण मल त्याग में कठिनाई होती है। इसके अलावा आप जब धीमी गति से खाना खाते हैं और भोजन जब आँतों से गुज़रता है तब मलाशय भोजन से अधिकाँश पानी अवशोषित कर लेता है जिसके कारण समस्या और अधिक बढ़ जाती है। आप पर्याप्त पानी न पीने के अन्य दुष्परिणामों के बारे में पढना भी पसंद करेंगे।
2. निष्क्रिय या गतिहीन जीवन शैली:
आज के इस युग में जहाँ हर चीज़ कम्प्यूटराइज्ड हो गई है वहां निष्क्रिय जीवन शैली एक मानक बन गई है। कई कार्यों के लिए शरीर व्यायाम पर निर्भर करता है जैसे म्यूकस का निर्माण (मलाशय को लुब्रीकेट रखने के लिए आवश्यक तरल पदार्थ) तथा चयापचय की दर को उच्च रखना। जब हम निष्क्रिय होते हैं तो शरीर की चयापचय दर कम हो जाती है जिसके कारण कब्ज़ की समस्या होती है।
3. कुछ विशेष दवाईयां या औषधियां:
कई दवाईयों जैसे एंटीडिप्रेसेंट (अवसादरोधी), कैल्शियम चेनल ब्लॉकिंग दवाईयां और डाइयुरेटिक आदि के कारण भी कब्ज़ की समस्या आती है।
4. गर्भावस्था:
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बहुत अधिक हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिसके कारण कब्ज़ की समस्या हो सकती है। भ्रूण की वृद्धि भी एक अन्य ज्ञात कारण है जिसके कारण पाचन के रास्ते पर दबाव पड़ता है तथा जिसके कारण भोजन धीमी गति से बढ़ता है। आपने गर्भावस्था के दौरान होने वाली कब्ज़ की समस्या से निपटने के लिए कई घरेलू उपचार सुने होंगे।
5. वृद्धावस्था:
जैसे जैसे लोग वृद्ध होते हैं उनके शरीर के कार्यों में भी परिवर्तन आता है। ऐसा पाया गया है कि वृद्धावस्था में चयापचय तथा पाचन की दर धीमी हो जाने के कारण बहुत से लोगों को कब्ज़ की समस्या हो जाती है।
6. लेक्सेटिव (विरेचक औषधि) का अत्याधिक उपयोग करने के कारण:
अधिकाँश लोग मल त्याग को नियमित बनाने के लिए लेक्सेटिव का उपयोग करते हैं। लेक्सेटिवआदत में शामिल हो जाता है, जिसका अर्थ है कि आप जितना अधिक इसका उपयोग करेंगे, अगली बार उतना ही परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको अधिक मात्रा लेने की आवश्यकता होगी। यदि आप लेक्सेटिव का उपयोग करते हैं तो अच्छा होगा आप धीरे धीरे इसकी आदत छोड़ दें।
7. कैंसर या अन्य शारीरिक बीमारी:
कई स्थितियां जैसे कोलोन कैंसर, या अन्य शारीरिक बीमारी जैसे डाइबिटीज़, हाइपोथायराइडिज्म, पार्किन्संस के कारण भी कब्ज़ की समस्या हो सकती है। इस प्रकार के मामले में अच्छा होगा कि आप अपने डॉक्टर से चिकित्सीय परामर्श लें।
8. कब्ज़ होना
इस बात का संकेत भी हो सकता है कि आप आंत्र बाधा से पीड़ित हैं। जब यह समस्या बहुत गंभीर हो जाती है तथा व्यक्ति कई दिनों तक मल त्याग नहीं कर पाता तो इसे ऑब्सटीपेशन कहते हैं।
9. दूध या दूध से बने उत्पाद:
कई लोगों को लैक्टोस इनटोलरेन्स की समस्या होती है। यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को दूध या दूध से बने पदार्थों से एलर्जी होती है। इस स्थिति के कारण या तो डायरिया या कब्ज़ की समस्या हो सकती है।
10. शौचालय जाने की तीव्र इच्छा पर नियंत्रण करना:
कई लोगों को शौचालय जाने की इच्छा पर नियंत्रण करने की आदत होती है। हालाँकि कई स्थितियों में यह आवश्यक होता है परन्तु नियमित तौर पर ऐसा करने से कब्ज़ की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप मल को रोकते हैं तो यह मलाशय में ऊपर चढ़ जाता है तथा फिर यह पूर्ण रूप से बाहर नहीं निकलता।