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स्वाइन फ्लू से बचने के लिए 10 घरेलू उपचार
स्वाइन इंफ्लुएंजा को स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है जो कि इंफ्लुएंजा वायरस से होता है और यह वायरस सूअरों के श्वसन तंत्र से निकलता है। इस वायरस में परिवर्तित होने की क्षमता होती हैं जिससे यह आसानी से लोगों में फैल जाता है। मनुष्यों में खांसी, थकान, नजला, उल्टी आना, बुखार, दस्त, शरीर में दर्द आदि इसके लक्षण हैं।
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आयुर्वेद में इसे वात कफज ज्वर के नाम से जाना जाता है जो कि वात (हवा) और कफज (पानी) के बिगड़ने से होता है। यह श्वसन तंत्र से शरीर में प्रवेश कर हवा के रास्ते को बंद कर कफ, नजला, शरीर में दर्द जैसे लक्षण पैदा करता है।
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हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जिनसे आप फ्लू के वायरस से निपट सकते हैं, स्वाइन फ्लू से भी। ऐसा नहीं है कि आपको सभी चीजें एक साथ करनी हैं। आप इनमे से कुछ औषधियाँ चुन सकते हैं जो कि आपको सूट करती हैं। यदि आप स्वाइन फ्लू से पीड़ित भी तो भी ये तरीके आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यदि आप H1N1 की चपेट में आ गए हो तो अस्पताल में जाना और शांत वातावरण में रहना आपके लिए बेहद जरूरी है।
1. तुलसी की पत्तियाँ
दोनों तरफ से धुली हुई तुलसी की पत्तियाँ रोज सुबह लें। तुलसी का अपना एक चिकित्सीय गुण है। यह गले और फेफड़े को साफ रखती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसके संक्रमण से बचाती है।
2. गिलोय
गिलोई कई क्षेत्रों में सामान्य रूप से पाई जाती है| गिलोई की एक फुट लंबी शाखा लें इसमें तुलसी की 5-6 पत्तियाँ मिलाकर इसे 15-20 मिनट तक उबाल लें, जब तक कि इसमे इसके तत्व ना घुल जाएँ| इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, सेंधा नमक (यदि व्रत है तो) या काला नमक, मिश्री मिला लें| इसे ठंडा होने दें और गुनगुने का सेवन करें| इम्यूनिटी के लिए यह कारगर है| यदि गिलोई का पौधा उपलब्ध नहीं हो तो हमदर्द या अन्य किसी ब्रांड का गिलोई पाउडर इस्तेमाल कर यह काढ़ा बना सकते हैं।
3. कपूर
गोली के आकार का कपूर का टुकड़ा महीने में एक या दो बार लिया जा सकता है। बड़े लोग इसे पानी के साथ निगल सकते हैं और छोटे बच्चों को यह आलू या केले के साथ मलकर दे सकते हैं क्यों कि इसे सीधा लेना मुश्किल होता है। याद रखें कपूर को रोजाना नहीं लेना है इसे महीने में एक बार ही लें।
4. लहसुन
जो लोग लहसुन खाते हैं वे रोज सुबह दो कलियाँ कच्ची चबा सकते हैं। यह गुनगुने पानी से लिया जा सकता है। अन्य चीजों की बजाय लहसुन से इम्यूनिटी ज्यादा बढ़ती है।
5. गुनगुना दूध
जिन लोगों को दूध से एलर्जी नहीं है वे रोज रात को दूध में थोड़ी हल्दी डालकर ले सकते हैं।
6. ग्वारपाठा
ग्वारपाठा आसानी से उपलब्ध पौधा है। इसकी कैक्टस जैसी पतली और लंबी पत्तियों में सुगंध रहित जैल होता है। इस जैल को एक टी स्पून में पानी के साथ लेने से त्वचा के लिए बहुत अच्छा रहेगा, जोड़ों का दर्द दूर होगा और साथ ही इम्यूनिटी बढ़ेगी।
7. नीम
नीम में हवा को साफ करने का गुण होता है जिससे यह वायुजनित बीमारियों के लिए कारगर है, स्वाइन फ्लू के लिए भी। आप खून को साफ करने के लिए रोज 3-5 नीम की पत्तियाँ चबा सकते हैं।
8. रोजाना प्राणायाम करें
गले और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना प्राणायाम करें और जॉगिंग करें। आपको स्वस्थ रखने के साथ ही यह हर बीमारी के लिए फायदेमंद है जो कि नाक, गले और फेफड़ों से संबन्धित हैं।
9. विटामिन सी
खट्टे फल और विटामिन सी से भरपूर आंवला जूस आदि का सेवन करें। चूंकि आंवले का जूस हर महीने नहीं मिलता है (खास तौर पर चार महीने) ऐसे में आप पैक्ड आंवला जूस भी ले सकते हैं।
10. हाइजीन
अपने हाथों को रोजाना लगातार धोते रहें और साबुन लगाकर गरम पानी से 15-20 सेकण्ड्स के लिए धोये। खास तौर पर खाना खाने से पहले और किसी भी ऐसी चीज को छूने के बाद जिसमे आपको लगता है कि यहाँ पर फ्लू के वायरस हो सकते हैं जैसे कि दरवाजे का हैंडल या बस, ट्रेन आदि में सफर के बाद हाथ जरूर धोएँ।