Just In
- 1 hr ago बीपी और कॉलेस्ट्रॉल के मरीज थे सीईओ ध्रुव अग्रवाल, 71 किलो वेटलॉस कर अब हैं एकदम फिट
- 2 hrs ago April 2024 Love Rashifal: रोमांस का मीटर कितना रहेगा हाई, लव राशिफल से जानें सभी 12 राशियों का हाल
- 3 hrs ago ईद पर दिखना है बला सी खुबसूरत, हानिया आमिर के ये 5 खूबसूरत शरारा सेट आपके हुस्न पर लगा देंगे चार-चांद
- 4 hrs ago रास्ते में मिल जाये भंडारा तो खाना चाहिए या नहीं, जानें प्रेमानंद जी महाराज के विचार
Don't Miss
- News Election 2024: क्या होता है चुनावी क्षेत्र? जानिए घर बैठे कैसे चेक करें अपने निर्वाचन क्षेत्र के चुनावी नतीजे
- Automobiles Animal फिल्म की चर्चित एक्ट्रेस Tripti Dimri ने खरीदी Range Rover SUV, जानें क्या है खासियत
- Finance Cheapest Gold: भारत से सस्ता सोना कहां-कहां बिक रहा, ये है शहरों की पूरी लिस्ट
- Technology Poco C61 vs Redmi A3 में से कौन सा फोन आपके लिए होगा बेस्ट ऑप्शन ? यहां जानें सबकुछ
- Movies राजनीति में आते ही कंगना रनौत के बदले बोल, अपनी ही बात पर नहीं कर पा रहीं अमल
- Education JEST 2024 Result OUT: भौतिकी परीक्षा के लिए JEST 2024 का परिणाम जारी; स्कोरकार्ड डाउनलोड करने के चरण
- Travel फूल नहीं कांटों से था रतलाम के इस राजा को लगाव, बना डाला 'कैक्टस गार्डन'
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
चेहरे पर होने वाले हर्पीस को इन प्राचीन नुस्खों से करें ईलाज
हर्पीस जैसी संक्रमक बीमारी के नाम से कोई भी डर जाता है। ये रोग हर्पीस नामक वायरस से होने वाली इस बीमारी को दो श्रेणियों में बांटा जाता है, ओरल हर्पीस और जेनिटल हर्पीस। हर्पीस को अंग्रेजी में जोस्टर कहा जाता है। चालीस साल की उम्र के बाद इस रोग के होने की संभावना अधिक हो जाती है।
इस रोग में चेहरे व त्वचा पर पानी के भरे हुए छोटे छोटे दाने निकलने लगते हैं जिससे इंसान के शरीर के एक ही हिस्से में काफी सारे दाने निकल जाते हैं। हर्पीस की बीमारी में पथरी की तरह दर्द होता है। यह दो प्रकार का होता है जेनिटल हर्पीस और ओरल हर्पीस। यह रोग ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें चिकन पॉक्स हुआ हो। परन्तु हर्पीस के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हैं। आइए कुछ ऐसे घरेलू उपचारों के बारे में जानें जो हर्पीस की तीव्रता को कम करते हैं तथा इस संक्रमण को नियंत्रण में रखते हैं।
हर्पीस के लक्षण
किसी भी प्रकार के हर्पीस में इस बीमारी के लक्षण भयंकर डरावने होते हैं जिसके कारण बहुत ही तकलीफ और तनाव होता है। लगातार खुजली, दर्द, मरोड़ आदि के कारण व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन में बहुत परेशानी हो जाती है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए तथा लक्षणों को कम करने के लिए दवाईयां दी जाती हैं। हर्पीस की बीमारी को पूरी तरह से आयुर्वेदिक घरेलू उपायों के जरिए ठीक किया जा सकता है।
हर्पीस का घरेलू उपाचार
बर्फ
का
पैक
हर्पीस
से
प्रभावित
जगह
पर
बर्फ
का
बना
पैक
लगाना
चाहिए।
बर्फ
को
किसी
कपड़े
या
किसी
पन्नी
में
डालकर
लगाएं।
इससे
हर्पीस
तेजी
से
ठीक
होता
है।
ध्यान
रहे
बर्फ
का
इस्तेमाल
सीधे
त्वचा
पर
ना
करें।
बेकिंग
सोड़ा
का
इस्तेमाल
बेकिंग
सोड़े
को
आप
पानी
में
मिलाकर
इसे
रूई
में
डुबोकर
हर्पिस
वाली
जगह
पर
लगाएं।
बेकिंग
सोड़ा
कीटाणुओं
का
खत्म
करता
है।
और
हर्पिस
की
वजह
से
होने
वाली
खुजली
और
दर्द
से
भी
आराम
देता
है।
गुलाब
जल
गुलाब
जल
को
चंदन
में
घिसकर
लेप
बनाकर
हर्पीज
के
दानों
पर
लगाने
से
आराम
मिलता
है।
लेमन
बाम
हर्पीस
वायरस
को
रोकने
की
एक
कारगर
और
बेहतरीन
औषधि
है
लेमन
का
बाम।
इसे
प्रभावित
क्षेत्र
में
लगाने
से
हर्पीस
वायरस
को
फैलने
से
रोका
जा
सकता
है।
शहद
का
प्रयोग
शहद
भी
एक
बेहतरीन
औषधि
है
हर्पीस
की
बीमारी
से
बचने
की।
नियमित
रूप
से
यदि
आप
शहद
को
हर्पीस
से
प्रभावित
जगह
पर
लगाते
हैं
तो
आप
इस
बीमारी
से
आराम
पा
सकते
हो।
एलोवेरा
का
इस्तेमाल
हर्पीस
के
दानों
पर
एलोवेरा
का
जेल
बहुत
ही
बेहतर
तरीके
से
काम
करती
है।
आप
नियमित
एलोवीरा
के
पेस्ट
को
हर्पीस
से
प्रभावित
जगह
पर
लगाएं
इससे
यह
बीमारी
जल्दी
ठीक
होती
है।
मुलैठी
की
जड़
मुलैठी
की
जड़
से
बना
चूर्ण
हर्पीस
की
बीमारी
को
ठीक
कर
सकता
है।
मुलैठी
की
जड़
में
कई
तरह
के
एंटीआक्सीडेंट
और
एंटीबैक्टीरियल
तत्व
पाए
जाते
हैं।
जैतून
का
तेल
जेतून
का
तेल
त्वचा
से
संबंधित
रोगों
को
ठीक
करता
है।
क्योंकि
जैतून
के
तेल
में
भी
एंटीबैक्टीरियल
तत्व
होते
हैं
जो
त्वचा
के
अंदर
जाकर
काम
करते
हैं।
हर्पीस
से
ग्रसित
हिस्सों
पर
जैतून
के
तेल
को
लगाने
से
यह
रोग
धीरे.धीरे
ठीक
होने
लगता
है।
एंटीवायरल
पेपरमिंट
तेल
हर्पीस
के
वायरस
को
जड़
से
खत्म
कर
देता
है
पेपरमिंट
तेल
में
मौजूद
एंटीवायरल
तत्व।
यही
नहीं
हर्पीस
से
होने
वाले
भंयकर
दर्द
से
भी
राहत
देता
है
यह
तेल।
आपको
बाजार
में
आसानी
से
मिल
सकता
है
पेपरमिंट
ऑइल।
टी
ट्री
तेल
का
इस्तेमाल
टी
ट्री
आयल
भी
आपको
बाजार
में
आसानी
से
मिल
जाएगा।
यह
तेल
हर्पीस
से
होने
वाले
इंन्फेक्शन
को
खत्म
कर
देता
है।
साथ
ही
साथ
दर्द
और
खुजली
को
भी
खत्म
करता
है।
टी
ट्री
आॅयल
हर्पीस
के
संक्रमण
को
समाप्त
करता
है।