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बिजली का झटका लगने पर करे ये आसान उपाय, इन सेफ्टी टिप्स से बचा सकते हैं किसी की जान
बिजली का झटका यानि इलेक्ट्रिक शॉक कहीं भी लग सकता है। बरसात के मौसम में ऐसी घटनाएं ज्यादा सुनने को मिलती है। अगर समय रहते पीडि़त को इलाज नहीं मिला तो इसमें पीडि़त की जान भी जा सकती है। कई मामलों में इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर करंट के शरीर के माध्यम से गुजरने पर कार्डिएक अरेस्ट यानि हृदय गति रुकने का भी खतरा रहता है। जब किसी को करंट लग जाता है तो कुछ भी सोचने-समझने की शक्ति खत्म सी हो जाती है। हड़बड़ी में कुछ समझ में नहीं आता है कि ऐसा क्या किया जाएं कि मरीज को डॉक्टर के पास लेकर जाने से पहले कौन-सा ट्रीटमेंट दिया जाए ताकि करंट लगे व्यक्ति की थोड़ी परेशानी कम हो सके है।
अगर आपके आस-पास भी कुछ ऐसी घटना होती दिखें और पीड़ित की हार्ट बीट रूक जाएं तो कुछ टिप्स अपनाएं और पीडित की मदद करें। आइए जानते है कि कैसे अपनी समझदारी से आप किसी की जान बचा सकते हैं।
लोहे की चीजें हटाएं
इससे पहले की आप मदद के लिए आगे जाएं, ये सुनिश्चित कर लें कि आसपास कुछ ऐसी चीजें तो नहीं है, जिसमें करंट हो। आपको बता दें कि पानी या लोहे की चीजों में करंट जल्दी से पास होता है। उसके बाद तुरंत एमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करें।
मुंह से सांस दे
अगर आपके आस-पास किसी को करंट लग जाए तो जब तक एम्बुलेंस नहीं आती है, तब तक आप बेहोश व्यक्ति के मुंह में सांस भरते रहें। इसी के साथ उसके सीने पर भी प्रेशर से दवाब बनाएं, इससे उसके दिल की धड़कने चलती रहेंगी। ऐसे में आप पीड़ित व्यक्ति को सीधा लेटाकर उसके पैरों को ऊपर की तरफ उठा लें।
करंट की सप्लाई बंद कर दें
व्यक्ति को करंट लगने वाली चीज से अलग करने की कोशिश करें। इसके लिए पावर ऑफ कर दें या डिवाइस अलग निकाल लें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते, तो एक सूखे लकड़ी के स्टूल पर खड़े होकर किसी लकड़ी की छड़ी से व्यक्ति को अलग करने की कोशिश करें। व्यक्ति को भूलकर भी ना छूएं, इससे आप भी करंट चपेट में आ सकते हैं।
रिकवरी पोजीशन
व्यक्ति को अलग करने के बाद उसे रिकवरी पोजीशन में लेटा दें। इस पोजीशन में व्यक्ति किसी एक करवट में होता है और उसका एक हाथ सिर के नीचे और दूसरा आगे की तरफ होता है और उसका एक पैर सीधा होता है और दूसरा मुड़ा हुआ होता है। इसके बाद उसकी ठोड़ी उठाकर जांच करें कि वो सांस ले रहा है या नहीं।
कंबंल से ना लपेटें
अगर व्यक्ति सांस ले रहा है और थोड़ा जल गया है, तो उसे पानी से धो लें। व्यक्ति को कभी भी कंबल से ना लपेटें। अगर ब्लीडिंग हो रही है, तो ब्लड रोकने के लिए उस जगह को एक साफ और सूखे कपड़े से बांध दें।
सीपीआर शुरु कर दें
करंट लगने से कई बार वह हिस्सा सुन्न या लकवाग्रस्त हो सकता है। अगर आपको व्यक्ति के सांस लेने, खांसने या किसी भी तरह की गतिविधि का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, तो आप सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) शुरू करें। इस तकनीक में पीड़ित का दिल कम से कम प्रति मिनट 100 बार दबाया जाता है। इस प्राथमिक चिकित्सा से किसी बेहोश या मूर्छित व्यक्ति के दिल और फेफड़ो को पुन: होश में लाया जाता है। अगर व्यक्ति सांस ले रहा है, तो कभी भी सीपीआर ना करें।
मरहम लगाएं
अगर उस व्यक्ति को होश आ जाएं तो उसे खाने-पीने के लिए कोई चीज न दें। उसको करवट दिलाकर जले हुए या करंट वाले हिस्से पर कोई भी मरहम लगाएं।
मेडिकल ट्रीटमेंट जरुर दें
ध्यान रहे कि करंट लगने वाले व्यक्ति को तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है, भले ही व्यक्ति घटना के बाद पूरी तरह से ठीक लग रहा हो। डॉक्टर जांच के बाद ही ईसीजी, ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे टेस्ट के लिए कह सकते हैं।