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विश्व जनसंख्या दिवस: इन बर्थ कंट्रोल से करें फैमिली प्लानिंग, ये है सरल और सस्ते उपाय
वर्तमान में दुनिया की आबादी 7.7 बिलियन है जो हर दिन, हर घंटे, हर सेकंड बढ़ती जा रही है। भारत में बढ़ती जनसंख्या की वजह से देश को लगातार बेरोजगारी, गरीबी, भूखमरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा अनुमान है कि अगर ऐसी ही आबादी साल दर साल बढ़ती गई तो आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ रह पाना मुश्किल होगा।
ऐसा अनुमान के मुताबिक भारत में एक मिनट में लगभग 25 बच्चे जन्म लेते हैं। जनसंख्या दिवस के मौके पर हम आपको बता रहे हैं फैमिली प्लानिंग के उन तरीकों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप आबादी नियंत्रण में सहयोग दे सकते हैं।
कंडोम
परिवार नियोजन का सबसे आसान तरीका है कंडोम। हर बार पार्टनर संग सेक्स के दौरान कंडोम के इस्तेमाल से न सिर्फ प्रेग्नेंसी और STD यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज दोनों के खतरे को कम किया जा सकता है।
नसबंदी
नसबंदी, फैमिली प्लानिंग का सबसे कारगर उपायों में से एक है। ये एक प्रभावी स्थाई उपाय है। परिवार न बढ़ाने के फैसले के बाद कोई भी कपल नसबंदी का सहारा ले सकता है। महिला और पुरुष दोनों ही नसबंदी करवा सकते हैं। महिला नसबंदी की तुलना में, पुरुष नसबंदी सरल और अधिक प्रभावी है, इसमें कम जटिलताएं हैं और बहुत कम खर्चीली हैं।
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गर्भ निरोधक गोलियां
गर्भ निरोधक गोलियां भी फैमिली प्लानिंग का सबसे आसान और सरल तरीका है। अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए इन गोलियों को हर दिन लेना होता है। पिछले कुछ दशकों से ये महिलाओं की पहली पसंद रही है। ये सुरक्षित और असरदार होती है। इन गोलियों में मौजूद हॉर्मोन्स ऑव्यूलेशन की प्रक्रिया को रोक देते हैं। इन्हें शुरु करने से पहले डॉक्टर से जरुर अपनी राय पूछें।
वजाइनल रिंग
यह एक बेहद छोटी लेकिन फ्लेक्सिबल डिवाइस होती है जो हॉर्मोन्स से कोटेड होती है। गर्भनिरोधक गोलियों की तरह यह डिवाइस भी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन रिलीज करती है जिससे कॉन्ट्रसेप्शन होता है। गर्भनिरोधक गोलियों को जहां आपको ओरली हर दिन लेना पड़ता है वहीं, वजाइनल रिंग एक बार वजाइना में इंसर्ट होने के बाद लगातार कम डोज में हॉर्मोन रिलीज करती रहती है।
आईयूडी (इंट्रा युटेराइन डिवाइस)
आईयूडी (इंट्रा युटेराइन डिवाइस) इसे गर्भाशय के अंदर डाला जाता है और ये शुक्राणु को महिलाओं के अंडे तक पहुंचने से रोकता है। ये कुछ महीनों से लेकर 10 साल तक चलता है। यह गर्भधारण रोकने में 98 से 99 फीसदी कारगर है। गर्भाशय में स्थापित करने के साथ ही ये काम करना शुरू कर देता है।
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क्यों मनाया जाता है जनसंख्या दिवस?
विश्व में लगातार बढ़ रही जनसंख्या चिंता का सबब है। इसी के मद्देनजर साल 1989 में पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत इसे शुरू किया गया। जिसमें परिवार नियोजन, लिंग समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों का महत्व शामिल हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस 2019: थीम
हर साल विश्व जनसंख्या दिवस संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा एक थीम तय की जाती है। पिछले वर्ष की थीम ‘परिवार नियोजन' (Family Planning) थी, लेकिन 2019 में थीम नहीं तय की गई है। जनसंख्या और विकास पर 1994 के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अधूरे कारोबार पर ध्यान देने पर गौर किया गया है।
वृद्ध लोगों की बढ़ती जा रही है आबादी
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आबादी बढ़ने की रफ्तार इतनी ही बनी रही तो जल्द ही वैश्विक स्तर पर इसका आंकड़ा 10 अरब के आस-पास पहुंच जाएगा। आपको बता दें कि वर्तमान में दुनिया की कुल आबादी 7.7 अरब को पार कर गई है। जिसमें दुनिया की कुल आबादी का आधे से भी बड़ा हिस्सा केवल एशिया महाद्वीप में रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार ऐसा हुआ है जब 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी पांच साल के बच्चों की आबादी से ज्यादा हो गई है।