Just In
- 38 min ago प्रेगनेंसी के First Trimester में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? कैसी होनी चाहिए हेल्दी डाइट
- 1 hr ago OMG! भारत के इस गांव में प्रेगनेंट होने आती हैं विदेशी महिलाएं, आखिर यहां के मर्दों में क्या हैं खास बात
- 4 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 5 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
Don't Miss
- News Haryana News: पूर्व सीएम मनोहर लाल का नीलोखेड़ी दौरा, कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र
- Movies जब करीना कपूर ने रवीना टंडन के बॉयफ्रेंड संग किया 10 था बार लिपलॉक, पति सैफ का ऐसा था रिएक्शन
- Education Job Alert: बैंक ऑफ इंडिया ने निकाली 143 ऑफिसर पदों पर भर्ती 2024, देखें चयन प्रक्रिया
- Technology अप्रैल में OnePlus, Samsung, Motorola समेत इन ब्रांड्स के Smartphones होंगे लॉन्च, जानिए कीमत व स्पेक्स
- Travel एक दिन में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर वापस लौटे मुंबई, Tour Guide
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
इन वजहों से न्यू मॉम्स की फिजिकल एक्टिविटी हो जाती है कम, रिसर्च से पता चला
एक
रिसर्च
के
अनुसार,
छोटे
बच्चों
वाली
माओं
में
मीडियम
से
हाई
एक्सरसाइज
के
जरूरी
लेवल
को
पाने
की
संभावना
सबसे
कम
होती
है।
ये
आधी
से
भी
कम
महिलाएं
करती
हैं।
फिजिकल
एक्टिविटी,
विशेष
रूप
से
जब
ये
मीडियम
से
ज्यादा
होती
है,
तो
इसके
कई
फिजिकल
बेनिफिट्स
होते
हैं,
कैंसर
से
लेकर
टाइप
2
डायबिडिज
और
हार्ट
प्रॉबमल
तक
की
बीमारियों
की
एक
काफी
बड़ी
रेंज
के
जोखिम
को
कम
करते
हैं,
साथ
ही
हेल्थी
वजन
बनाए
रखने
में
मदद
करते
हैं।
और
बेहतर
मेंटल
हेल्थ
भी
प्राप्त
होती
है।
फिजिकल
एक्टिविटी
वालें
पेरेंट्स
के
बच्चों
से
मजबूत
संबंध
सबूत
बताते
हैं
कि
फिजिकल
एक्टिविटी
वाले
पेरेंट्स
की
डेली
रूटीन
की
चुनौतियों
से
निपटने
में
ये
मदद
कर
सकती
है
और
अगर
वे
एक
साथ
सक्रिय
हैं
तो
बच्चों
के
साथ
संबंध
मजबूत
कर
सकते
हैं।
हालांकि,
बच्चो
के
पेरेंट्स
गैर-पेरेंट्स
की
तुलना
में
कम
एक्टिव
होते
हैं।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के साउथेम्प्टन महिला सर्वे में भाग लेने वाली 848 महिलाओं के डेटा का एनालिस्ट किया। 20-34 साल की आयु की महिलाओं को 1998 और 2002 के बीच भर्ती किया गया था और बाद के सालो में उनको फॉलो किया किया गया। उनकी एक्टिविटी के स्तर का आकलन करने के लिए उन्हें एक्सेलेरोमीटर दिया गया था।
स्कूल-एज ग्रुप के बच्चों वाली महिलाओं ने प्रति दिन औसतन लगभग 26 मिनट मीडियम से हाई फिजिकल एक्टिविटी की, जबकि केवल छोटे बच्चों (चार साल या उससे कम आयु) वाली आओं ने प्रति दिन लगभग 18 मिनट का मैनेजमेंट किया।
एक से ज्यादा बच्चे होने का मतलब है कि मॉम्स प्रति दिन केवल लगभग 21 मिनट मीडियम से हाई फिजिकल एक्टिविटी कर पाती हैं, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि पांच साल से कम उम्र के कई बच्चों वाली मॉमेल ने स्कूली उम्र के बच्चों की तुलना में अधिक लाइट से हाई फिजिकल एक्टिविटी की।
50
फिसदी
से
कम
माओ
ने
अपने
बच्चों
की
एज
की
परवाह
किए
बिना
मीडियम
से
हाई
फिजिकल
एक्टिविटी
(150
मिनट
पर
वीक)
के
रिकमडेड
रेंज
को
पूरा
किया।
कैम्ब्रिज
यूनिवर्सिटी
में
मेडिकल
रिसर्च
काउंसिल
(MRC)
एपिडिमियॉलजी
से
डॉ
कैथरीन
हेस्केथ
ने
कहा,
"जब
आपके
छोटे
बच्चे
होते
हैं,
तो
पेरेंट्स
की
ज़िम्मेदारियां
बहुत
अधिक
हो
सकती
हैं,
और
वक्त
के
बाहर
एक्टिव
होने
के
लिए
समय
निकालना
अक्सर
कठिन
होता
है।"
वो
सारा
वक्त
अपने
बच्चों
की
देखभाल
में
बिताते
हैं।
इसलिए
एक्सरसाइज
अक्सर
उनके
रास्ते
से
हटने
वाली
पहली
चीजों
में
से
एक
है,
और
इसलिए
ज्यादातर
फिजिकल
एक्टिविटी
जो
मांएं
करती
हैं,
वे
कम
इंटेंसिटी
वाली
लगती
हैं।
बच्चों के स्कूल जानें के बाद ही मांएं फिजिकल एक्टिविटी में सक्रिय हो पाती हैं
"हालांकि,
जब
बच्चे
स्कूल
जाते
हैं,
तो
मां
ज्यादा
फिजिकल
एक्टिविटी
करने
में
कामयाब
होती
हैं।
ऐसा
होने
के
कई
संभावित
कारण
हो
सकते
हैं,
जिसमें
अपने
बच्चों
के
साथ
हाई
इंटेससिटी
वाली
गतिविधियों
में
भाग
लेने
के
अधिक
अवसर
शामिल
हैं,
आप
एक्टिव
ट्वैवल
पर
लौट
सकते
हैं।
या
अकेले
एक्टिव
होने
के
लिए
समय
का
यूज
करने
में
अधिक
सहज
महसूस
करें।
फिजिकल एक्टिविटी करने से शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों फायदे
एमआरसी एपिडेमियोलॉजी यूनिट में पीएचडी छात्र राहेल सिम्पसन ने कहा, ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों स्पष्ट लाभ होते हैं, खासकर, अगर ये आपकी हार्ट रेट को बढ़ाता है। लेकिन मां बनने की मांग के कारण समय निकालना मुश्किल हो जाता है। हमें न केवल मांओं को प्रोत्साहित करने के तरीकों पर विचार करने की जरूरत है बल्कि बिजी शिडयूल वाली मॉम्स के लिए जितना संभव हो उतना आसान बनाने के लिए, विशेष रूप से छोटे बच्चों के साथ, हाई एक्टिविटी की मात्रा बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
MRC
लाइफकोर्स
एपिडेमियोलॉजी
सेंटर
और
NIHR
साउथेम्प्टन
बायोमेडिकल
रिसर्च
सेंटर
के
प्रोफेसर
कीथ
गॉडफ्रे
ने
कहा,
ये
शायद
अनप्रिडिक्टेबल
नहीं
है
कि
जिन
माओं
के
छोटे
बच्चे
हैं
या
कई
बच्चे
कम
हाई
फिजिकल
एक्टिविटी
में
अटैचमेंट
हैं,
लेकिन
यह
पहली
रिसर्च
है
जिसने
इसकी
मात्रा
निर्धारित
की
है
इस
कमी
का
महत्व
है।
फिजिकल
एक्टिविटी
में
अटैच
होने
में
माओं
का
सपोर्ट
करने
के
लिए
लोकल
गवर्नमेंट
प्लानर्स
और
लेज़र
फैसिलिटी
प्रोवाइडर्स
को
और
अधिक
किए
जाने
की
जरूरत
है।
(Reference-
ANI)