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मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) में महिलाओं को होने वाली दिक्‍कतें

By Super Admin
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मेनोपॉज़, महिलाओं के मासिक धर्म का चक्र खत्म होने का संकेत होता है। इस समय में महिलाओं में प्रजनन अंगों को नियमित करने वाले हार्मोंस का उत्पादन बंद हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं के शरीर में बहुत अधिक परिवर्तन होते हैं। ये परिवर्तन तकलीफ देते हैं तथा प्रत्येक महिला में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन तथा उनकी तीव्रता अलग अलग हो सकती है।

मेनोपॉज डाइट: क्‍या खाएं और क्‍या नहीं मेनोपॉज डाइट: क्‍या खाएं और क्‍या नहीं

कई महिलाओं को मेनोपॉज़ से संबंधित समस्याओं से निपटना बहुत मुश्किल लगता है तथा इसके कारण उनके शरीर में होने वाले परिवर्तनों और लक्षणों को देखकर वे घबरा जाती हैं। इन लक्षणों में मूड स्विंग्स (मूड बदलना), फ्रस्टेशन (तनाव), प्रतिस्पर्धी व्यवहार बढ़ना, अचानक रोने का मन करना और बिना किसी कारण गुस्सा आना शामिल हैं। यह हार्मोन्स के स्तर में उतार चढ़ाव के कारण होता है।

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इसके अलावा ध्यान केन्द्रित न कर पाना, नींद से संबंधित समस्याएं, घबराहट और तनाव जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। आपको विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने और भूख बढ़ने की समस्या भी हो सकती है। आपकी पीठ, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। शरीर में होने वाले दर्द के कारण महिलाओं को दैनिक कार्य करने में भी परेशानी होती है।

महिलाओं को जरुर पता होनी चाहिये मेनोपॉज से जुड़ी ये जरुरी बातेंमहिलाओं को जरुर पता होनी चाहिये मेनोपॉज से जुड़ी ये जरुरी बातें

एस्ट्रोजन के कम स्तर के कारण मेनोपॉज़ के बाद वज़न बढ़ने जैसी समस्या हो सकती है क्योंकि शरीर पहले की तुलना में कम कैलोरीज़ का उपयोग करता है। आपके हारमोंस का स्तर बदलता रहता है को मोटापे का कारण बनता है। इसका कारण आवश्यकता से अधिक खाना या शरीर द्वारा पानी रोक कर रखना हो सकता है।

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इस दौरान महिलाओं को हॉट फ्लेशेस (बहुत अधिक गर्मी होकर पसीना आना) हो सकते हैं जिसके कारण शरीर का तापमान थोडा बढ़ जाता है। इसके कारण कई बार महिलायें मानसिक रूप से टूट जाती हैं। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को बहुत अधिक ब्लीडिंग की समस्या भी होती है। उनकी योनि शुष्क हो जाती है जिसके कारण संभोग बहुत पीड़ादायक होता है।

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एस्ट्रोजन का स्तर कम होने के कारण
त्वचा शुष्क हो जाती है जिसके कारण खुजली की समस्या हो सकती है। त्वचा पर झुर्रियां आने लगती हैं तथा त्वचा लटकने लगती है। मेनोपॉज़ के लक्षणों से आराम पाने के लिए हार्मोन थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी के कुछ दुष्परिणाम भी होते हैं जिसमें ब्रेस्ट (स्तन) और गर्भाशय का कैंसर भी शामिल हैं।

हार्मोन थेरेपी तीन तरह से दी जा सकती है। व्यक्ति के आवश्यकता के अनुसार उसे केवल एस्ट्रोजन, केवल प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों का मिश्रण दिया जा सकता है। उपयुक्त इलाज के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों के मिश्रण की सलाह दी जाती है।

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अन्य उपचारों में एंटी-इनफ्लेमेट्री (प्रदाहनाशी), एंटी-डिप्रेसेंट (अवसाद नाशक) और डाइयुरेटिक (मूत्रवर्धक) दवाईयां शामिल हैं जो शरीर से अतिरिक्त द्रव्य पदार्थ को बाहर निकालती हैं। कई माहिलायें प्राकृतिक उपचार जैसे हर्बल दवाईयां भी लेती हैं। कई उत्पादों में लाभदायक मिनरल (खनिज) और विटामिन्स होते हैं जो पोषण के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

हर्बल सप्लीमेंट्स (संपूरक) में बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन्स जैसे जिंक और मैग्नीशियम शामिल होते हैं। हालाँकि यह बात सच है कि हर्बल दवाईयों के कुछ दुष्परिणाम नहीं होते फिर भी इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक होता है।

English summary

Lessons On The Horrors Of Menopause

Menopause marks the end of a woman's menstrual cycle. Women bid farewell to the hormones that regulate their reproductive life.
Story first published: Tuesday, June 28, 2016, 15:13 [IST]
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