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स्ट्रेस, इंफेक्शन और इन वजहों से पीरियड में कम होती है ब्लीडिंग
पीरियड्स
हर
महिला
के
जीवन
में
एक
नेचुरल
प्रक्रिया
है।
इस
दौरान
होने
वाले
हार्मोनल
बदलाव
की
वजह
से
महिलाएं
काफी
समस्याओं
से
गुजरती
है।
पीरियड्स
के
दौरान
ज्यादा
ब्लीडिंग
होना
एक
हद
तक
सामान्य
है
लेकिन
पीरियड्स
में
कम
ब्लीडिंग
होना
भी
एक
समस्या
है।
महिलाओं
को
कम
ब्लीडिंग
होने
का
पता
आसानी
से
चल
जाता
है।
अगर
आप
पूरे
दिन
में
एक
बार
भी
पैड
नहीं
बदलती
है
तो
तो
जरूर
कुछ
गड़बड़
है।
अगर
आपको
यह
समस्या
लगातार
हो
रही
है
तो
यह
गम्भीर
समस्या
से
है,
इसे
हल्के
मे
ना
लें।
आइए
जानें
पीरियड्स
के
दौरान
कम
ब्लीडिंग
होने
के
क्या
कारण
हो
सकते
हैं।
हार्मोन में असंतुलन
यह तो सब जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन में परिवर्तन होते हैं और यह सामान्य भी है। लेकिन कुछ महिलाओं के शरीर में ऐसे यह काफी तेजी से होता है जो कि कम ब्लीडिंग का कारण हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपंर्क करें।
थायरॉइड
थायरॉइड की वजह से और पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की वजह से भी पीरियड्स कम होने की समस्या आने लगती है।
स्ट्रेस
शारीरिक श्रम, मानसिक तनाव और जीवनशैली में बदलाव, ये भी कुछ ऐसी बातें हैं जिनके कारण पीरियड में ब्लीडिंग कम हो जाती है।
पीरियड में ब्लीडिंग कम आने की वजह सीरियस भी हो सकती है।
संक्रमण
प्रजनन अंगों में कई तरह के संक्रमण होने के कारण महिलाओं को उन दिनों में ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है जैसे गर्भाशय के पेल्विक में सूजन और संक्रमण के कारण समस्या ज्यादा होती है।
गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन
कांट्रासेप्टिव गोलियों के सेवन से भी माहवारी में बदलाव आता है, जिससे ब्लीडिंग की मात्रा में कमी आ जाती है।
मेनोपॉज में भी होता है ऐसा
अगर कोई महिला मेनोपॉज के करीब है तो उन्हें भी हल्की ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इनके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा कम हो जाती है। पीरियड में ब्लीडिंग कम होने की ये वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप। आगे जानिए
कम उम्र की लड़कियां
कम उम्र की लड़कियों को अगर महावारी आने लगे तो उनमें लाइट ब्लीडिंग की समस्या अक्सर देखने को मिलती है। कई बार महावारी रूक भी जाती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
वजन में गिरावट
कभी कभी आपका पीरियड आपके वजन पर भी निर्भर करता है। अगर आपका वजन सामान्य से कम है तो पीरियड के दौरान ब्लीडिंग में कमी हो सकती है।
अधेड़ उम्र
जो महिलाएं अधेड़ उम्र जानी कि 40 की उम्र में पहुंच जाती है, उन्हें हल्के रक्तस्त्राव का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम होने लगती है।