Just In
- 16 min ago Aaj Ka Rashifal 24th April: इन राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का पूरा सपोर्ट, बदलेगी इनकी जिंदगी
- 5 hrs ago Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- 7 hrs ago Hashimoto : एक्ट्रेस स्मृति खन्ना को प्रेग्नेंसी में हुई ये खतरनाक बीमारी, सीधा गर्भाशय पर करती है हमला
- 8 hrs ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
Don't Miss
- News Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 24 अप्रैल 2024, बुधवार
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
गुदा में फुंसिया होने का मतलब हो सकता है फिस्टुला, जाने लक्षण और उपाय
फिस्टुला एक ऐसा रोग है जिसके बारे में ज्यादात्तर महिलाएं अवेयर नहीं होती है। इसके लक्षण वैसे तो बहुत आम होते है लेकिन इसका असर महिलाओं के डेलीरुटीन पर बहुत पड़ता है। यह रोग महिलाओं के गुदा मार्ग को प्रभावित करता है। इसमें गुदा मार्ग के आसपास फुंसियां हो जाती हैं और सूजन और खुजली भी रहती है। यही नहीं कई बार तो गुदा मार्ग इतना बढ़ जाता है कि जांघों तक आ जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है महिलाओं में फिस्टुला रोग।
भगंदर (एनल फिस्टुला) नामक रोग में गुदा द्वार के आसपास एक छेद बन जाता है। इस छेद से पस निकलता और रोगी काफी तेज दर्द महसूस करता है। सही समय पर ठीक इलाज न मिलने पर बार-बार पस पड़ने से फिस्टुला बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकता है। फिस्टुला का सही समय पर इलाज नहीं मिलने से कैंसर और आंतों की टी.बी. की समस्या भी हो सकती है।
क्या हैं इसके लक्षण
रोगी की गुदा में तेज दर्द होता है, जो जो बैठने पर बढ़ जाता है।
गुदा के आसपास खुजली हो सकती है। इसके अलावा सूजन होती है।
त्वचा लाल हो जाती है और वह फट सकती है। वहां से मवाद या खून रिसता है। रोगी को कब्ज रहता है और मल-त्याग के समय उसे दर्द होता है।
Most Read : डिलीवरी के बाद इस गलती से हो सकता है किडनी इंफेक्शन, जानिए इसकी वजह
कैसे मालूम करें
फिस्टुला की जांच के लिये डिजिटल एनस टेस्ट (गुदा परीक्षण) किया जाता है, लेकिन कई रोगियों को इसके अलावा अन्य परीक्षणों की जरूरत पड़ सकती है, जैसे फिस्टुलोग्राम और फिस्टुला के मार्ग को देखने के लिये एमआरआई जांच।
क्या हैं उपचार
फिस्टुला की परंपरागत सर्जरी को फिस्टुलेक्टॅमी कहा जाता है। सर्जन इस सर्जरी के जरिये भीतरी मार्ग से लेकर बाहरी मार्ग तक की संपूर्ण फिस्टुला को निकाल देते हैं। इस सर्जरी में आम तौर पर टांके नहीं लगाये जाते हैं और जख्म को धीरे-धीरे और प्राकृतिक तरीके से भरने दिया जाता है। इस उपचार विधि में दर्द होता है और उपचार के असफल होने की संभावना रहती है। अंदर के मार्ग और बगल के टांके आम तौर पर हट जाते हैं जिससे दोबारा फिस्टुला हो सकता है। परम्परागत उपचार विधि में मल त्याग में दिक्कत होती है। फिस्टुला की सर्जरी से होने वाले जख्म को भरने में छह सप्ताह से लेकर तीन माह का समय लग जाता है।
आयुर्वेद में ऐनल फिस्टुला
आयुर्वेद में ऐनल फिस्टुला एक ऐसी स्थिति है जिसमें जो शरीर में तीन दोषों अर्थात वात, पित और कफ के ऊर्जा में असंतुलन के कारण होती है। सुश्रुत संहिता के अनुसार फिस्टुला को निम्नलिखित प्रकार में बांटा गया है: - शतपोनक - फिस्टुला में वातदोष प्रमुख विक्रय होता है।
जंक फूड से बचे
ऐनल फिस्टुला से पीड़ित रोगी को नियमित रूप से अधिक पानी पीना चाहिए। उसे अपने आहार में फाइबर में समृद्ध खाना और संतुलित आहार खाना चाहिए। उन्हें मसालेदार और जंक फूड से बचना चाहिए।
Most Read : क्या है रेस्टोरेशन ऑफ वर्जिनिटी', क्यों बढ़ रहा है महिलाओं में इसका क्रेज
अदरक खाएं
अदरक से फिस्टुला का उपचार आमतौर पर अदरक को उसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। अदरक में एंटी माइक्रोबायल, एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक, एनाल्जेसिक, एंटीबायोटिक, एंटीपैरिक, एंटिफंगल गुण हैं। यह शरीर के लिए कुछ आवश्यक पोषक तत्वों के साथ शक्ति प्रदान करती है।