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162 सालों बाद 27 जुलाई को चंद्रग्रहण पर बन रहा है ये दुर्लभ केमद्रुम योग

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Ashadha Purnima 2018: चंद्रग्रहण पर 162 साल बाद बन रहा है 'केमद्रुम योग, करें ये उपाय | Boldsk

13 जुलाई शुक्रवार को इस साल के दूसरे सूर्य ग्रहण के बाद अब इसी महीने में एक और ग्रहण जल्द ही लगने वाला है। जी हां, इस बार यह सूर्य नहीं बल्कि चंद्र ग्रहण होगा जो 27 जुलाई, शुक्रवार को लगने वाला है।

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चंद्र ग्रहण

सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने के कारण सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है तब इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा का एक सरल रेखा में होना चंद्र ग्रहण की स्थिति बनाता है। चंद्र ग्रहण भी आंशिक और पूर्ण दोनों रूप में होते हैं।

ये इस साल का नहीं बल्कि पूरे 21 वीं सदी का सबसे बड़ा और पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। अगर जानकारों की मानें तो यह विशेष संयोग करीब 104 साल बाद बन रहा है। इस बार यह ब्लड मून होगा।

162 साल बाद केमद्रुम योग

इस बार इस ग्रहण के साथ केमद्रुम योग बन रहा है। जानकारों के अनुसार यह योग 162 सालों में एक बार बनता है। कुंडली में बने केमद्रुम दोष की शांति के लिए यह योग बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। चन्द्र ग्रहण काल में केमद्रुम दोष से पीड़ित जातक इस दोष का निवारण कर इससे मुक्ति पा सकते हैं। चलिए जानते हैं क्या है केमद्रुम योग।

क्या है केमद्रुम योग और क्यों बनता है ये

जब जातक की कुंडली में चंद्रमा के आगे-पीछे कोई ग्रहण नहीं होता है तब केमद्रुम योग बनता है। इस दोष के कारण जातक के जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं जैसे, रोग, दरिद्रता, पारिवारिक कलह आदि। इतना ही नहीं व्यक्ति हमेशा खुद को अकेला ही पाता है। इस दशा में व्यक्ति के भीख मांग कर खाने की भी स्थिति आ जाती है। इस दोष की वजह से व्यक्ति के जीवन में कई सारी बाधाएं उत्पन्न होती है लेकिन दूसरी ओर उसे इन मुश्किलों का सामना करने की ताकत भी मिलती है।

चन्द्रमा के आगे और पीछे का स्थान खाली रहना हमारे दिमाग के भाग का प्रतीक होता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है ठीक उसी प्रकार इस दोष से पीड़ित जातक का जीवन उसके बुरे ख्यालों की वजह से नकारात्मक ऊर्जा से घिरा रहता है।

केमद्रुम दोष से मुक्ति के उपाय

जैसा कि हमने आपको बताया कि इस दोष के कारण मनुष्य का जीवन परेशानियों से भर जाता है। न तो व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती है, न उसे सच्चे प्रेम की प्राप्ति होती है और न ही उसे कोई और सुख मिलता है।

ऐसे में जितनी जल्दी हो सके इस दोष का निवारण कर लेना चाहिए ताकि जातक को इस तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल सके।

केमद्रुम योग के अशुभ प्रभाव से बचने के कुछ उपाय

1. सोमवार की पूर्णिमा के दिन या सोमवार को चित्रा नक्षत्र से लगातार चार वर्ष तक पूर्णिमा का व्रत रखें।

2. इस दोष से पीड़ित जातकों के लिए शिव और लक्ष्मी जी की उपासना बेहद फायदेमंद होती है।

3. प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं साथ ही शिव पंचाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें। इस मंत्र के जाप के लिए आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर सकते हैं।

4. महामृत्युंजय मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें।

5. घर में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करें। इस शंख के जल से लक्ष्मी जी को स्नान करवाएं।

किसी भी ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए हम पूजा पाठ का सहारा लेते हैं ताकि हमें ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद दोनों ही प्राप्त हो जाए और हमारा जीवन सुखमय बन जाए।

इस चंद्र ग्रहण पर केमद्रुम पूजा

केमद्रुम दोष से पीड़ित व्यक्ति इस शुभ योग में अपने इस दोष का निवारण कर सकता है। आषाढ़ पूर्णिमा होने के कारण यह अवसर और भी शुभ हो गया है।162 सालों बाद यह चंद्र ग्रहण इस पूजा के लिए बहुत ही अच्छा माना जा रहा है। केमद्रुम योग पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।

English summary

After 162 Years Kemdrum Yoga On Lunar Eclipse Day July 27

Kemdrum Yoga can make life really difficult for individuals having it in their zodiac, if it turns retrograde, and if they do not get it remedied soon. This lunar eclipse will offer a very auspicious time to remove this yoga. Know more.
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