For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Krishna Janmashtami: इस कथा से जानें छप्पन भोग का क्या है रहस्य, देखें 56 पकवानों की लिस्ट

|

जन्माष्टमी का दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। देशभर में जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। भारत में कृष्ण के जन्मदिन के मौके पर बड़ी धूम देखने को मिलती है। मथुरा में कान्हा का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों की साज-सजावट देखने लायक होती है। इस मौके पर लोग झांकियां भी तैयार करते हैं और साथ ही उन्हें 56 भोग भी लगाया जाता है। जानते हैं जन्माष्टमी के मौके पर 56 भोग में क्या क्या तैयार किया जाता है और इसकी क्या विशेष महत्ता है।

श्रीकृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाने से जुड़ी कथा

श्रीकृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाने से जुड़ी कथा

भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाए जाने वाले 56 भोग से जुड़ी एक प्रचलित मान्यता है। माता यशोदा बाल गोपाल से बहुत प्रेम करती और उन पर जान छिड़कती थीं। उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे, इसके लिए वो आठों पहर कान्हा को भोजन कराती थीं। एक बार श्रीकृष्ण के कहने पर गोकुलवासियों ने इंद्र देव का पूजन नहीं किया तब इंद्र देव को बहुत गुस्सा आया और वो भारी बारिश करने लगे। पूरा गोकुल जल में डूब गया। तब नगरवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया। इंद्र इससे और क्रोधित हो गये और बरसात की धर और तेज कर दी। मगर अंत में इन्द्रदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ और श्रीकृष्ण की लीला का बोध हुआ। उन्होंने कृष्ण भगवान से क्षमा मांगी और वर्षा रोक दी। ऐसा कहा जाता है कान्हा ने लगातार सात दिनों तक पर्वत उठाये रखा और इस दौरान उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया था। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा व प्रेम दिखाते हुए यशोदा मां और ब्रज के अन्य लोगों ने मिलकर सात दिन और 8 पहर के हिसाब से 56 तरह के पकवान तैयार किए और कृष्णा को परोसे। तब से हर जन्माष्टमी के अवसर पर उनके लिए छप्पन तरह के भोग तैयार किए जाते हैं।

छप्पन भोग से जुड़ी गोपियों की कथा

छप्पन भोग से जुड़ी गोपियों की कथा

छप्पन पकवान से जुड़ी एक और कथा प्रचलित है। श्रीमद्भागवत कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए एक महीने तक सूर्योदय से पहले यमुना के शीतल जल में स्नान और मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करती थीं। माता कात्यायिनी उनके श्रद्धा भाव से प्रसन्न हुई और मां के आदेश पर श्रीकृष्ण ने उनकी मनोकामनाएं पूरी होने की सहमति दे दी। अपनी तपस्या के पूरा हो जाने के फलस्वरूप गोपियों ने प्रेमपूर्वक मन मोहने वाले कन्हैया को छप्पन भोग चढ़ाए थे।

छप्पन भोग में क्या क्या चढ़ाया जाता है?

छप्पन भोग में क्या क्या चढ़ाया जाता है?

1. भक्त (भात),

2. सूप (दाल),

3. प्रलेह (चटनी),

4. सदिका (कढ़ी),

5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी),

6. सिखरिणी (सिखरन),

7. अवलेह (शरबत),

8. बालका (बाटी),

9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा),

10. त्रिकोण (शर्करा युक्त),

11. बटक (बड़ा),

12. मधु शीर्षक (मठरी),

13. फेणिका (फेनी),

14. परिष्टश्च (पूरी),

15. शतपत्र (खजला),

16. सधिद्रक (घेवर),

17. चक्राम (मालपुआ),

18. चिल्डिका (चोला),

19. सुधाकुंडलिका (जलेबी),

20. धृतपूर (मेसू),

21. वायुपूर (रसगुल्ला),

22. चन्द्रकला (पगी हुई),

23. दधि (महारायता),

24. स्थूली (थूली),

25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी),

26. खंड मंडल (खुरमा),

27. गोधूम (दलिया),

28. परिखा,

29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त),

30. दधिरूप (बिलसारू),

31. मोदक (लड्डू),

32. शाक (साग),

33. सौधान (अधानौ अचार),

34. मंडका (मोठ),

35. पायस (खीर),

36. दधि (दही),

37. गोघृत (गाय का घी),

38. हैयंगपीनम (मक्खन),

39. मंडूरी (मलाई),

40. कूपिका (रबड़ी),

41. पर्पट (पापड़),

42. शक्तिका (सीरा),

43. लसिका (लस्सी),

44. सुवत,

45. संघाय (मोहन),

46. सुफला (सुपारी),

47. सिता (इलायची),

48. फल,

49. तांबूल,

50. मोहन भोग,

51. लवण,

52. कषाय,

53. मधुर,

54. तिक्त,

55. कटु,

56. अम्ल।

English summary

Janmashtami 2021: What Is Chappan Bhog? Why 56 Food Items Offered to Lord Krishna on Gokulashtami

Janmashtami 2021: What Is Chappan Bhog? Why 56 Food Items Offered to Lord Krishna on Gokulashtami.
Desktop Bottom Promotion