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शिव डमरू में समाएं हैं सात सुर, इसके एक उपाय से रोग-चिंता सब होंगे दूर
भोलेनाथ हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय भगवानों में से एक हैं। आम जन ही नहीं, भूत-प्रेत और पिशाच भी इनके अनुयायी हैं। जटाधारी शिव शरीर पर भस्म लगाते हैं तो वहीं अपना दरबार कैलाश पर्वत पर बना लिया। वे अपने हाथों में डमरू और त्रिशूल, गले में सर्प, मस्तक पर चन्द्रमा और जटाओं में गंगा को धारण किए होते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि भगवान शिव जो भी वस्तु अपने शरीर पर धारण करते हैं उनके पीछे कोई ख़ास कारण और महत्व होता है। चलिए जानते हैं भगवान शिव के डमरू की विशेषताएं, उसका महत्व और उससे संबंधित उपायों के बारे में-
पौराणिक महत्व
शास्त्र-पुराणों के अनुसार सृष्टि के निर्माण के समय स्वर एवं विद्या की देवी सरस्वती ने अपनी वाणी से सृष्टि की नीरसता को कम किया। परन्तु उनके स्वर में कोई संगीत नहीं था, इस कारण भगवान शिव ने नृत्य करते हुए अपने डमरू को 14 बार घुमाया और उससे जो संगीत निकला उससे सृष्टि में संगीत के छंद, ताल की उत्पति हुई।
भगवान शिव ही संगीत और नृत्य के प्रवर्तक थे। वे डमरू बजाकर और उसकी आवाज़ सुनकर प्रसन्न होते थे। उनका डमरू बजाना मंगल और आनंद का सूचक माना जाता है। डमरू की आवाज़ में सातों सुर समाए हुए हैं।
डमरू रखने के उपाय
अपने घर में शिव डमरू रखने और शिव स्तुति में उसको बजाने से घर में नकारात्मक व अमंगल शक्तियां दूर हो जाती हैं और सकारात्मकता का वास होता है।
पुराणों के मुताबिक़ शिव के डमरू से कई महत्वपूर्ण शक्तिशाली मन्त्र निकले थे। घर में डमरू रखने और बजाने से इसके सुरों और मन्त्रों से बीमारियों के इलाज में भी फायदा मिलता है।
इसके उपयोग से कई कठिन कार्यों की शीघ्र सिद्धि हो जाती है।
डमरू की शक्तिशाली एवं सकारात्मक आवाज़ से व्यक्ति को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है और मन शांत होता है।
डमरू की ध्वनि से जो स्वर निकलता है उससे पूरा वातावरण सकारात्मक, शिव की भक्ति और शक्ति से भर जाता है।
बच्चों के कमरे में रख सकते हैं डमरू
भगवान शिव मन से बड़े भोले हैं। कहा जाता है जो भक्त सच्चे मन से उनसे कुछ मांग ले, उसे वह पूरा करते हैं। यही वजह है कि भक्त उन्हें भोले बाबा भी कहते हैं। भगवान शिव को अपना डमरू बड़ा प्रिय है। यदि शिव डमरू को आप बच्चों के कमरे में रखते हैं तो वो नकारात्मक शक्तियों से बचे रहेंगे और उनकी तरक्की में आने वाली रूकावट भी दूर होगी।
नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।