Just In
- 19 min ago Zero Shadow Day 2024 Timing: आज बैंगलोर में परछाई छोड़ देगी लोगों का साथ, जानें कितने बजे होगी ये अनोखी घटना
- 50 min ago Vaishakh Month 2024 Festival List: शुरू हुआ वैशाख माह, आएंगे अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व
- 1 hr ago खूबसूरत स्किन की मल्लिका होती हैं ईरानी महिलाएं, ये हैं इनकी खूबसूरती के 6 राज
- 3 hrs ago उन बाहरी खिड़कियों को कैसे करें साफ, जो है आपकी पहुंच से दूर
Don't Miss
- Technology आज ही घर ले आएं Vivo T3X 5G स्मार्टफोन, इस साइट पर डिस्काउंट के साथ शुरू हुई सेल
- News विरासत टैक्स वाले बयान पर बवाल, सैम पित्रोदा के बचाव में उतरी कांग्रेस, जानें आखिर क्यों मचा रहा हंगामा?
- Automobiles ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में Honda Amaze को लगा झटका! इस सेक्शन में मिली '0' रेटिंग्स
- Movies आरती सिंह ने अपने संगीत में इस गाने पर किया डांस, लगाए ऐसे ठुमके कि लोग बोले- ससुराल जाने की जल्दी है...
- Education MP Board Result 2024: एमपी बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट आज होंगे जारी, देखें पिछले पांच वर्षों के पास प्रतिशत
- Travel अगले 2 सालों में पूरी तरह से तैयार हो जाएगा चेन्नई एयरपोर्ट का नया टर्मिनल, Know Details
- Finance LPG Consumers: घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए नए सुरक्षा जांच के दिशानिर्देश किए गए पेश
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
महाशिवरात्रि 2018: ये है महाशिवरात्रि की सही व्रत विधि
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे हर साल फाल्गुन माह में 13वीं रात या 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का महापर्व दो दिन 13 और 14 फरवरी को पड़ रहा है। देश के कुछ शहरों में 13 को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी तो कुछ शहरों में 14 फरवरी को। शिवरात्री मनाने के पीछे मुख्यतः दो मान्यताएं मानी जाती है। पहली की सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। जबकि कुछ का मानना है की इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था।
इसी पवित्र दिन आप भोले भंडारी और माता शिवानी की पूजा कर आप सौभाग्य की प्राप्ती करेंगे और सुख समृद्धी से परिवूर्ण होंगे। अब आइये जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा किस विधि से करनी चाहिये...
सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में पानी भर कर ऊपर से बेल पत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डाल कर शिवलिंग पर चढाइये।
क्या
करें
अगर
घर
पर
शिवलिंग
नहीं
है
या
शिव
जी
का
मंदि
नहीं
है
तो?
ऐसे
में
आप
शुद्धी
गीली
मिट्टी
ले
कर
उससे
शिवलिंग
बनाएं
और
फिर
उसकी
पूजा
करें।
इसके
बाद
शिव
पूराण
का
पाठ
सुनें।
सूर्योदय से पहले उत्तर पूर्व दिशा में हो कर पूजन और आरती आदि की तैयारियां कर लें। सूर्योदय के समय पुष्पांजली और स्तुति कीर्तन के साथ महाशिवरात्रि का पूजन संपन्न होता है। उसके बाद दिन में ब्रहमभोज भंडारा के दृारा प्रसाद वित्रण कर व्रत सम्पन्न करें।
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सब पापों का नाश हो जाता है। हिंसक प्रवृत्ति बदल जाती है। निरीह जीवों के प्रति आपके मन में दया भाव उपजता है! महाशिवरात्रि की व्रत समाप्ति अगले दिन प्रातहकाल जौ, तिल , खील और बेल पत्र का हवन कर के करें।
इस पर्व की खासियत है कि इस दिन चारों प्रहर ईश्वर की विधि विधान से पूजा अर्चना की जा सकती है।
चारों
प्रहरों
का
मूहूर्त
रात्रि
के
समय
भगवान
शिव
का
पूजन
एक
से
चार
बार
किया
जाएगा।
यह
भक्तों
पर
निर्भर
करता
है
कि
वे
किस
तरह
महादेव
की
पूजा
करना
चाहते
हैं।
- रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय : शाम 18:05 से 21:20 तक
- रात के दूसरा प्रहर में पूजा का समय : रात 21:20 से 00:35 तक
- तीसरा प्रहर पूजा का समय = 00:35 से 03:49 तक
- चौथा प्रहर पूजा का समय = 03:49 से 07:04 तक
शिवरात्रि
का
महत्व
ऐसा
माना
जाता
है
कि
महाशिवरात्रि
पर
भगवान
मानवजाति
के
काफी
निकट
आ
जाते
हैं।
मध्यरात्रि
के
समय
ईश्वर
मनुष्य
के
सबसे
ज्यादा
निकट
होते
हैं।
यही
कारण
है
कि
लोग
शिवरात्रि
के
दिन
रातभर
जागते
हैं।