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कुंवारे लोग रहे सावधान! रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण का हो सकता है ये बुरा असर
7th अगस्त को सुबह 11.04 बजे से लेकर 1.52 मिनट तक आप रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं।
करीब 12 साल बाद ऐसा हो रहा है कि रक्षाबंधन और चंद्रग्रहण की स्थिति साथ-साथ में बन रही हैं। इस बार रक्षाबंधन 7 अगस्त को है लेकिन इस त्योहार पर भद्रा के साथ चंद्रग्रहण का साया भी रहेगा साथ ही इस दिन सूतक भी लगेगा, इस साल का ये दूसरा चन्द्र ग्रहण है।
ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है। यही नहीं कहा ये भी जाता है कि ग्रहण देखने वाले युवक-युवती अगर शादी हो भी जाती है तो भी उनके वैवाहिक जीवन में काफी कष्ट भी आते हैं।
आइए जानते है कि इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मूहर्त क्या हैं? और चंद्रगहण पर किन बातों का ध्यान रखने की जरुरत हैं।
ये है ग्रहण का समय खंडच्छायायुक्त ग्रहण शुरू: 7 अगस्त, 21:20:01 pm आंशिक ग्रहण : 7 अगस्त, 22:52:56 pm अधिकतम ग्रहण: 7 अगस्त, 23:50:29 pm आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 00:48:09 am खंडच्छायायुक्त ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 02:20:56 am.
ये चीजें ना करें
चन्द्रमा में कैंची का प्रयोग न करें, फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, गाय, भैंस व बकरी का दोहन न करें, भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें, स्त्री प्रसंग न करें, यात्रा न करें तथा शयन करना भी वर्जित माना गया है। गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में एक नारियल अपने पास रखें जिससे कि वायुमण्डल से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा का प्रभाव उन पर नहीं पड़ेगा।
ये है शुभ मूहर्त
- चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा।
- ज्योतिषाचार्य का कहना है कि चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 1.53 बजे से सूतक लग जाएगा। सुबह 11.04 बजे तक भद्रा काल का असर रहेगा।
- चूंकि सूतक और भद्रा दोनों में ही शुभ कार्य वर्जित हैं, इसलिए इन दोनों के बीच का समय राखी बांधने के लिए शुभ है।
- सुबह 11.04 बजे से लेकर 1.52 मिनट तक आप रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं।
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण:
भारत समेत यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में की ज्यादातर एरिया में । इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे एक मिनट होगी आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे, 55 मिनट है।
रावण का हुआ था सर्वनाश
ऐसा कहा जाता है कि सूपनखा मे अपने भाई रावण को भद्रा में राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का विनाश हो गया। इस कारण घर के बड़े बूढ़े लोग मना करते हैं भद्रा में राखी बांधने को।
सिर्फ पूर्णिमा को लगता है ग्रहण
चंद्रग्रहण वो खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं। चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं।आंखों को नुकसान नहींचंद्रग्रहण को आप बिना किसी स्पेशल चश्में के खुली आंखों से देख सकते हैं क्योंकि इससे आंखों को नुकसान नहीं होता ।एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है। सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है।