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पढ़ें, भारत में सुहाग रात से जुडे़ हुए कुछ बेतुके रिवाज़
शादी के साथ शुरू होते ये रिवाज़ शाम ढलते समाप्त होते हैं और इन्हें निभाते विवाहित दंपति थक जाते हैं। ऐसे स्थिति में सुहाग रात से जुडे रिवाज बेतुके लगते हैं।
भारतीय शादियों में रीति-रिवाज का अपना एक अलग स्थान है। यहां रिवाज़ केवल विवाह तक ही नहीं बल्कि विवाह के बाद संबंधित परंपराओं से भी जुडे नज़र आते हैं।
शादी की पहली रात कौन सी 10 चीज़ें करते हैं वर-वधू
हल्दी वाले दूध से लेकर बिस्तर पर बिछी सफेद चादर के पीछे जुडे कारणों को समझने पर ये रिवाज़ काफी बेतुके नज़र आते हैं।
हालांकि, ये जिस दौर में बनाए गए थे उस दौर के लोगों की अपनी एक सोच रही होगी। परंतु आज की बीग फैट वेडिंग में ये बेबुनियाद नज़र आते हैं।
पुराने जमाने में शादी में केवल कुछ गिने चुने लोगों को बुलाया जाता था परंतु आज महमानों की लिस्ट में हजारों लोग शामिल रहते हैं।
शादी के साथ शुरू होते ये रिवाज़ शाम ढलते समाप्त होते हैं और इन्हें निभाते विवाहित दंपति थक जाते हैं। ऐसे स्थिति में सुहाग रात से जुडे रिवाज बेतुके लगते हैं।
सुहागरात को यादगार बनाने के 12 तरीके
यदि
आप
इन
बेतुके
रिवाज़ों
के
बारे
में
जानना
चाहते
हैं
तो
इस
लेख
को
आगे
पढें।
1 दूध का गिलास
नव विवाहित दंपति अपनी ऊर्जा को बढाने के लिए दूध पीते हैं। इस रस्म को आपने कई फिल्मों में देखा होगा। इस रस्म में पत्नी पति को दूध का गिलास देती हैं और आधे बचे दूध को खुद पीती है। यह विवाह के बाद की एक आम रस्म है।
सुहागरात पर दूध पिलाने की परंपरा के पीछे छुपा कौन सा राज़
2
पान
खाना
दूध
की
तरह
दंपति
को
पान
भी
बांटकर
खाना
होता
है।
पान
की
महक
दोनों
को
करीब
लाती
है।
परंतु
आज
के
आधुनिक
युग
में
शायद
की
कोई
पान
खाने
वाले
के
करीब
जाना
पसंद
करेगा।
3
कौमार्य
टेस्ट
आज
भी
यह
परंपरा
भारत
के
कई
गांवों
में
प्रचलित
हैं
और
दुल्हन
की
कौमार्य
का
परीक्षण
करने
के
लिए
बिस्तर
पर
सफेद
रंग
की
चादर
बिछाई
जाती
है।
इस
चादर
पर
पड़ने
वाली
सिलवटे
और
मिट्टी
के
निशान
दुल्हन
की
कौमार्य
के
प्रतीक
के
रूप
में
माने
जाते
हैं।
यह
सबसे
बेतुका
रिवाज़
जो
आज
भी
भारत
के
कई
हिस्सों
की
एक
परंपरा
है।
4 मैली चादर की पूजा करना
सुहाग रात की सेज पर बिछी सफेद चादर जब दुल्हन की कौमार्य को बयान करती है। तब दुल्हन की सास सिलवटों से भरी सुहाग रात की चादर को धोने से पहले पूजती है। यदि चादर पर सिलवटे ना हों तो क्या दुल्हन से सवाल किए जाएँगे?
5 काल रात्रि
शादी से जुडी यह परंपरा बंगालियों में काफी लोकप्रिय है। इस परंपरा के अनुसार नव विवाहित जोडे को शादी की पहली रात अलग-अलग कमरों में बितानी होती है तथा उन्हें एक दूसरे को देखने की भी अनुमति नहीं दी जाती। दुल्हन अगली सुबह अपने परिवारवालों से मिलकर उन्हें यह विश्वास दिलाती है कि वह अपना बाकी जीवन अपने नए परिवार वालों के साथ व्यतीत करना चाहती है। इसके बाद ही जोडे को एक साथ रहने की अनुमति दी जाती है।