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अब नहीं होगी आधी रात को बेबी की डायपर लीकेज की प्रॉब्लम, ये आसान हैक्स आएंगे बड़े काम
बच्चों को संभालना बड़ा ही मुश्किल काम है, और उनके सुबह से लेकर रात तक की दिनचर्या में जो सबसे परेशान करने वाली चीज है वो है डायपर लीकेज की समस्या। जिसके कारण ना सिर्फ बच्चे को गीलेपन की शिकायत रहती है, बल्कि ज्यादा देर तक गीले बिस्तर पर लेटे रहने से सर्दी-जुकाम और इंफेक्शन का भी खतरा रहता है। तो इस समस्या से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है, इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे है-

बेबी का डायपर लीक आखिर होता क्यों है?
दरअसल कम्प्रेशन लीक होना या फिर प्रेशर के साथ पॉटी बाहर आना भी इसका बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए जब भी बच्चे को डायपर पहनाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि वह बच्चे की कमर में फिट आए और बहुत ज्यादा टाइट न हो। वहीं, डायपर के मटेरियल की वजह से भी यह लीक हो सकता है। डायपर जितना कम अब्सॉर्ब कर पाएगा लीकेज उतना ही ज्यादा होगा और डायपर जितना ज्यादा अब्सॉर्ब कर पाएगा लीकेज उतना ही कम होगा। ऐसे में यदि बच्चे ने खराब क्वालिटी का डायपर पहना है तो यह लीक हो सकता है। इसके अलावा यदि डायपर का साइज बहुत छोटा है या यह बहुत टाइट है और यदि इसकी इलास्टिसिटी खत्म हो जाती है और यह पैरों व बॉटम में फिट नहीं आता है तो इससे भी लीकेज के चांसेज रहते है।

डायपर लीकेज से समस्या से कैसे मिले छुटकारा
1. परफेक्ट साइज का डायपर खरीदें
यदि आपके बच्चे का डायपर बार-बार लीक होता है तो आपको बड़े साइज का डायपर खरीदना चाहिए। यानि कि अगर आपके बच्चे की उम्र या वजन के हिसाब से आप उसे सामान्यत: उसे स्मॉल साइज का डायपर पहनाते है तो सोने से पहले उसे मीडियम साइज का डायपर पहनाएं। क्यूंकि यह बच्चे की पॉटी को अब्सॉर्ब करेगा और इससे लीकेज भी नहीं होगा।

2. सही से डायपर लगाएं
डायपर को फोल्ड करके सही से पैक नहीं करने के कारण भी डायपर लीकेज की समस्या हसे सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि बच्चे को सही से डायपर न लगाया गया हो। यानि कि डायपर की फिटिंग ढीली है या डायपर में इलास्टिसिटी बहुत ज्यादा है। इसलिए बच्चे की कमर व पैर में डायपर को अच्छी तरह से रैप करें ताकि इसकी फिटिंग अच्छी हो और साइड से लीकेज न हो सके। कमर की जगह हमेशा नाभि से नीचे होनी चाहिए।

3. फीडिंग का फिक्स शेड्यूल बनाएं
बच्चे का डायपर लीक फीडिंग शेड्यूल की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में बच्चे को दिन में दूध देने, नैप से पहले और बाद में दूध पिलाने और बेड टाइम से ठीक पहले दूध पिलाते समय ध्यान रखें। टॉडलर्स को सोने से पहले कोई भी ड्रिंक या जूस देने से बचें ताकि डायपर लीकेज न हो।

4. कम अंतराल में डायपर बदलें
बच्चे को इंफेक्शन और डायपर रैश से बचाने के लिए उसका डायपर जल्दी-जल्दी बदलनें, खासकर सोने से पहले आवश्यक रूप से बदलने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा यदि सिर्फ रात में ही डायपर बदलने की जरूरत पड़ती है तो उसे दिन में डायपर न पहनाएं। इससे बच्चे के बॉटम को आराम मिलेगा और वह आराम से सो सकेगा।

5. ओवरनाइट डायपर का उपयोग करें
यदि रेगुलर डायपर से बच्चे को कोई भी आराम नहीं मिल रहा है तो बच्चे के लिए ओवरनाइट डायपर का उपयोग करें। ओवरनाइट डायपर बहुत ज्यादा अब्सॉर्बेंट होता है, जो काफी समय तक चलता है और पूरी रात काम करता है।

6. डायपर बूस्टर लें
अगर ओवरनाइट डायपर भी सक्सेसफुल साबित नहीं हो रहे है बच्चे के लिए डायपर बूस्टर पैड्स खरीदें। डायपर बूस्टर पैड्स डायपर को जल्दी गीला होने से बचाने के लिए एक एक्स्ट्रा लेयर के रूप में लगाई जाती है और यह लेयर डायपर गीला होने से पहले तक लगभग 225 मिलीलीटर फ्लूइड तक अब्सॉर्ब कर सकती है।