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क्या IVF एक दर्द भरी प्रक्रिया है?
आईवीएफ कोई हौव्वा नहीं है बल्कि यह एक 'टेस्ट-ट्यूब बेबी' की प्रक्रिया है, जिसके बारे में हाल ही के कुछ वर्षों में जानकारी प्राप्त हुई है।
आईवीएफ कोई हौव्वा नहीं है बल्कि यह एक 'टेस्ट-ट्यूब बेबी' की प्रक्रिया है, जिसके बारे में हाल ही के कुछ वर्षों में जानकारी प्राप्त हुई है। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या आती है या पुरूषों में प्रजनन क्षमता न होने की दशा में इसका लाभ उठाया जा सकता है।
आईवीएफ एक सुरक्षित प्रक्रिया है जिसका लाभ हर वर्ष कई लाख लोग उठाते हैं। इस उपचार को विशेष रूप से महिला की फेलोपियन ट्यूब में समस्या होने पर दिया जाता है। हारमोन थेरेपी, इस पूरी प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है।
इस प्रक्रिया में ओवरी में अंडों को उत्पादित होने के बाद उन्हें हटाकर टेस्ट ट्यूब में रखा जाता है और निषेचित होने दिया जाता है।
बाद
में
भ्रूण
को
एक
इनक्यूबेटर
में
ले
जाया
जाता
है
और
कुछ
दिनों
बाद
गर्भाशय
में
वापस
स्थानांतरित
किया
जाता
है।
यदि
प्रेग्नेंसी
फेल
हो
जाती
है
तो
दूसरे
भ्रूण
हो
रखा
जाता
है
और
जब
तक
प्रेग्नेंसी
सही
से
कैरी
नहीं
हो
जाती
है,
ये
प्रक्रिया
जारी
रहती
है।
क्या आईवीएफ एक दर्दनाक प्रक्रिया है?
आईवीएफ को लेकर लोगों के बीच कई मिथक व्याप्त हैं। यहां इस आर्टिकल में हम आपको इस प्रक्रिया के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों को बता रहे हैं:
दवाईयां-
इस प्रक्रिया की शुरूआत सबसे पहले दवाईयों से होती है। ये दवाईयां ओवरी को उत्तेजित करती हैं ताकि वो अंडों का उत्पादन करें। ऐसा करने से ओवरी में कई अंडे उत्सर्जित हो जाते हैं। परिपक्व अंडों के साथ रोम भी बन जाते हैं जो कि निषेचन की प्रक्रिया में मददगार होते हैं।
गतिविधियों से बचने की सलाह -
इस प्रक्रिया को करवाने की शुरूआत से ही आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। दौड़ना, ड्राईविंग, तेज चलना, स्वीमिंग या भारी सामान को उठाना आदि मना होता है। ऐसा आपके शरीर की प्रक्रिया को निरंतर समान बनाये रखने के लिए किया जाता है।
एग रिट्राईवल या अंडों की पुनर्प्राप्ति -
कुछ दिनों के बाद, अंडों को प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इसमें उत्तेजित अंडों को बाहर निकालना शामिल है। इस प्रक्रिया के दौरान इंजेक्शन और हारमोन्स की वजह से मूड उखड़ा रहता है, सूजन आ जाती है और थोड़ा दर्द भी रहता है।
दर्द और ऐंठन -
इस प्रक्रिया के मध्यम में पेट में दर्द और सूजन होती है और आपका पेट ऐसा लगने लगता है कि आप गर्भवती हैं। यहां तककि जींस जैसे कपड़े पहनने में भी दिक्कत आने लगती है। पेट की त्वचा में भी कसाव होने लगता है और खुजली होती है।
सोने की स्थिति -
सूजन को कम करने के लिए, आपको डॉक्टर द्वारा सही स्थिति में सोने की सलाह दी जाती है। दरअसल अंडा हटाने की प्रक्रिया में अंडाशय को चोट पहुँच जाती है जिससे दर्द और सूजन होती है। अगर ऐसे में आप सही से नहीं सोती है तो ये दिक्कत दे सकता है। क्योंकि निकलने वाला द्रव, सीने की ओर चढ़ सकता है और आपको दर्द हो सकता है। इसलिए, इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
हॉट फ्लेसेस -
कुछ महिलाओं को इस प्रक्रिया के दौरान के ऐसी समस्या होती है। अगर आपको ऐसा महसूस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और उनके बताये अनुसार परीक्षण करवाएं। ब्लड टेस्ट, इंजेक्शन और अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ने पर करवा लें।
दुष्प्रभाव
आईवीएफ प्रक्रिया का कोई शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं होता है जो बाद में दिक्कत दे। लेकिन इससे मल्टीपल प्रेग्नेंसी हो सकती है। इसके अलावा, कुछ महिलाएं हार्मोन दवाओं और अंडा हटाने की प्रक्रिया के प्रभावों को सहन नहीं कर पाती हैं।
क्या याद रखें -
याद रखें से प्रक्रिया उतनी आसान नहीं है जितना लगती है। ऐसे में आप इसे करवाने से पहले मानसिक रूप से खुद को तैयार रखें और परिवार व पति का सहयोग लेती रहें।