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पीरियड मिस होने से पहले, इन लक्षणों से मालूम चल जाती है प्रेगनेंसी

कोई महिला कब जांच करती है कि वो प्रेगनेंट है या नहीं? जब उसके पीरियड्स मिस होते हैं तभी न। आमतौर पर पीरियड्स मिस होने को ही प्रेगनेंसी का सिग्नल माना जाता है। लेकिन असल में पीरियड्स जब मिस होते हैं, तब तक प्रेगनेंसी को कुछ हफ्ते हो चुके होते हैं। जब एग फर्टीलाइज होकर यूटरस में प्रत्यारोपित हो जाता है, तब कोई महिला गर्भवती होती है। यह घटना पीरियड्स मिस होने के बहुत पहले हो जाती है।
अब सोचने वाली बात यह है कि पीरियड्स मिस होने के अलावा गर्भवती होने के और कौन से संकेत हैं? गर्भावस्था की शुरुआत के हफ्तों में ही पीरियड्स मिस होने के अलावा भी कई और संकेत मिलने लगते हैं। यह संकेत बहुत आम होते हैं। किसी और बीमारी की ओर इशारा भी कर सकते हैं कभी-कभी ये प्रेगनेंट होने के भी संकेत होते हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो जांच करवा लेना ही बेहतर है।
स्तनों में बदलाव
गर्भ धारण करने के 1-2 हफ्ते के दौरान ही स्तनों में बदलाव नजर आने लगता हैं। इस दौरान उनमे दर्द, भारीपन और सूजन जैसे बदलाव देखे जा सकते हैं।
शरीर के तापमान में फर्क
जब हम बिल्कुल आराम की स्थिति में होते हैं, तब हमारे शरीर का जो तापमान होता है उसे 'basal Body temperature' कहते हैं। पीरियड्स के दौरान यह तापमान बढ़ता ही है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान बीबीटी बढ़ा हुआ ही रहता है। आपको इस तापमान पर भी नजर रखना चाहिए।
हल्की ब्लीडिंग
यदि आपका मासिक धर्म नियमित रूप से 28 दिन की साइकिल पूरी कर रहा है। आपको 20-24 दिन के दौरान ही हल्की स्पॉटिंग और क्रैम्प्स होने लगे तो यह गर्भावस्था का संकेत होता है। इसे 'implantation bleeding' भी कहते हैं।
थकावट
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्त्राव होता है। इस वजह से थकान लगना और नींद आते रहना बहुत आम है। इसके साथ ही इन दिनों में सिरदर्द और कमरदर्द की समस्या भी हो जाती है।
ब्लोटिंग होना
आमतौर पर तो पेट गैस और कब्ज की वजह से फूलता है। मगर गर्भावस्था के दौरान भी प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की वजह से पीरियड्स मिस होने से पहले ही पेट का फूलना या भारी होना महसूस होता है।
बार बार पेशाब जाना
गर्भावस्था के दौरान पीरियड मिस होते ही बार-बार पेशाब आने की समस्या होना भी बहुत आम बात है। आपको कई बार खासतौर से रात में पेशाब जाने की जरूरत महसूस होती है।
खाना अच्छा नहीं लगना.
आपको अपना पसंदीदा खाना खाने की इच्छा नहीं हो रही है। उसकी खुशबू और टेस्ट अच्छा नहीं लग रहा है। लगभग 85% महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में इस स्थिति से गुजरती है।
चक्कर आना
गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। इस वजह से चक्कर आना आम समस्या बन जाती है। शुरुआती तिमाही में यह समस्या अधिक होती है। दूसरी तिमाही में ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
मूड स्विंग होना
प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल चेंजेस होते हैं, जो दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स पर प्रभाव डालते हैं। इस वजह से अचानक रोना या तेज गुस्सा आना जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।