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क्या आपका बच्चा भी नहीं करता आपकी इज्जत, कहीं इसके पीछे ये वजह तो नहीं
क्या आपका बच्चा भी आपके साथ इज्जत से पेश नहीं आता? क्या वो आपके हर सवाल को अनुसुना देता है? अगर आपका जवाब हां है, तो ये बात चिंताजनक है। वैसे देखा जाए तो बच्चों के इस तरह के व्यवहार के पीछे जिम्मेदार पेरेंटस और उनकी परवरिश है। क्यूंकि हम अपने बच्चों को पालन-पोषण ही कुछ इस तरह से करते हैं कि वे बड़े होने पर आक्रामक स्वभाव के और निडर हो जाते हैं। ऐसे में वे अपने माता-पिता की बात नहीं मानते हैं और फिर उनकी इज्जत करना भी कम कर देते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि हर पेरेंटस बचपन से ही बच्चे की परवरिश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। यहां हम आपको उन बातों के बारे में बताते हैं जो माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को बोल देते हैं और फिर यही बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते।
1. रोना बंद करो, ज्यादा नौटंकी मत करो
अधिकांश पेरेंटस अपने बच्चों से ऐसे शब्द बोल जाते है, जिनका बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जैसे रोना बंद करो, नौटंकी मत करो। दरअसल, इन शब्दों के इस्तेमाल से बच्चे इमोशनली बहुत आहत होते है। बच्चों को लगता है कि उसके माता-पिता उसकी भावनाओं को समझते नहीं हैं और अपनी बात मनवाने के लिए उसे डांट कर चुप करवा देते हैं। जबकि पेरेंटस को ये समझना होगा कि बच्चे किसी कारण से रो रहे हैं क्योंकि वे परेशान हैं। अब जब आप ऐसी बातें उससे कहेगें तो उसमें नैगेटिव फीलिंग्स आने लगती है, ऐसे में उसे कोई भी परेशानी हो तो फिर आपको कुछ भी नहीं बताता है और मन ही मन आपकी इज्जत करना कम देता है।
2. तुम बेवकूफ हो क्या
बच्चों से नैगेटिव या एग्रेसिव तरीके से बर्ताव करने से बच्चों पर बहुत बुरा असर होता है। और यही कारण है कि, जब वे बड़े होने लगते हैं तो यही बातें उन्हें गुस्सैल और विद्रोही बना देती है और वे आपकी इज्जत करना कम कर देते हैं। बच्चों में खुद में कमी महसूस होने लगती है, उन्हें लगता है कि वे आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। इससे उनमें निराशा की भावना बढ़ जाती जाती हैं और उन्हें लगता है कि वे कुछ अच्छा भी करेंगे तो आप उन्हें बेवकूफ ही समझेंगे।
3. तुम उसके जैसे नहीं हो
तुलना हर उम्र के लोगों के लिए घातक हो सकती है, तो फिर छोटे मासूम बच्चों का क्या, जो किसी दूसरे बच्चे के साथ तुलना करने पर मानसिक रूप से सुस्त हो जाते है। इस कारण वे पेरेंटस के प्रति गलत छवि बना लेते हैं और उनकी नजरों में आपकी कोई भी अहमियत नहीं रहती है। इसलिए हमें कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों या उनके भाई-बहनों से नहीं करनी चाहिए। ये समझें कि हर बच्चा स्पेशल है।
तो ये कुछ बातें है जिनका अगर हर पेरेंटस शुरू से ध्यान दें तो बच्चा आपको अनदेखा नहीं करेगा और आपको पूरी इज्जत देगा।