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क्‍या आपको प्रसव के इन 3 चरणों के बारे में पता है?

By Super
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औरत जब माँ बनने वाली होती है तो उसके लिए यह दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुशी बन जाती है। लेकिन इसके साथ ही वह कई सारे बदलाव को अपने अंदर महसूस कर रही होती है। जैसे जैसे प्रसव की तारीख नज़दीक आने लगाती है वह ज्यादा भावुक हो जाती हैं और साथ ही उनमें हार्मोनल बदलाव भी आता है।

स्त्रीरोग विशेषज्ञ के अनुसार एक बच्चे को इस दुनिया में आने के लिए पूरे नौ महीने लगते हैं। लेकिन जब प्रसव का समय आता है तो यह काफी दर्द देता है। हर महिला का प्रसव अलग होता है। इसलिए यह बता पाना काफी मुश्किल है कि आपके प्रसव की शुरुआत कब होगी।

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हालांकि, प्रसव से पहले की अवस्था, प्रसव की शुरुआत और सक्रिय प्रसव की अवस्था के दौरान कुछ विशेष बदलाव होते हैं। इनसे आपको यह जानने में मदद मिल सकती है कि आपका प्रसव और शिशु का जन्म नजदीक ही है। कई महिलाएं लेबर के दर्द से बचने के लिए सीजेरियन करा लेती हैं।

सीजेरियन में गर्भवती महिला को स्पाइनल कॉर्ड में अनेस्थेसिया दिया जाता है जिससे निचला हिस्सा सुन्न हो जाता है, और 5 मिनट के भीतर सीजेरियन डिलिवरी करा दी जाती है। जो महिलाएं पहली बार माँ बनने वाली हैं उन्हें लेबर पेन के बारे में कम जानकरी होती हैं, इस लिए आज हम आपको ऐसी ही कुछ लेबर स्टेज के बारे में बताने जा रहें हैं।

Labour

प्रसव के संकेत
गर्भाशय में दबाव बढ़ता है जिसकी वजह से भूरे या खून सी रंगत का श्लेम (म्यूकस) निकलना है। यह संकेत है कि अब शिशु का जन्म होने वाला है। लेबर पेन और डिलीवरी के बीच के समय को तीन भागो में बाटा गया है।

प्रसव का पहला चरण
प्रसव में सबसे पहले सर्विक्स फैल जाता है। जिससे बच्चे को निकलने में आसानी होती है। इसके बाद प्रसव को तीन भागों में बाटा गया है जैसे अर्ली लेबर, एक्टिव लेबर और ट्रैन्सिशनल।

Transitional Labour2

अर्ली लेबर
इसमें सबसे ज्यादा दर्द होता है। इस दौरान सर्विक्स में विरलन और फैलाव होता है, क्योंकि सर्विक्स 3-4 सेंटीमीटर तक फ़ैल जाता है। प्रसव का शुरुवाती समय हफ्ता, दिन और कुछ घंटों के लिए भी हो सकता है।

एक्टिव लेबर
इस दौरान दर्द और दबाव बढ़ जाता है क्योंकि सर्विक्स 10 सेंटीमीटर तक फ़ैल जाती है।

Transitional Labour

ट्रैन्सिशनल लेबर

इस दौरान दबाव और ज्यादा होता है साथ ही यह 2-3 मिनट के अंदर कई बार होता है। हर स्टेज में दर्द और दबाव कम से कम 90 सेकंड तक रहता है।

प्रसव की दूसरी स्टेज
डिलिवरी

सर्विक्स( गर्भाशय ग्रीवा) पूरी तरह से फ़ैल चुकी होती है और बच्चा गर्भ से से बहार आना शुरू कर देता है। इस दौरान महिलाओं को शांत रहना चाहिए और थोड़ा दर्द सहने की कोशिश करनी चाहिए। ( महिलाओं को इस समय योनि में जलन और झुनझुनी महसूस होगी।)

प्रसव की तीसरी स्टेज
गर्भनाल की डिलिवरी

बच्चा पैदा होने के बाद गर्भनाल को गर्भाशय से हटाया जाता है। इसे सेकंड बेबी भी कहा जाता है, इस दौरान महिलाओं को थोड़ा सा दर्द होता है। गर्भनाल के योनि से बाहर आने के बाद उसे काट कर हटा दिया जाता है।

English summary

Do You Know The 3 Stages Of Labour?

Do you know the three stages of labour and delivery? Here are some of the things pregnant women should keep in mind. Take a look:
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