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प्रेगनेंसी के दौरान अगर हो जाए ब्रेस्ट कैंसर तो क्या शिशु पर होगा कोई असर?

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प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर होने वाली माँ के लिए बहुत ही दुखद अनुभव होता है। ब्रेस्ट कैंसर इस समय होने वाली आम समस्या बन गयी है जो करीब 3000 में से एक गर्भवती महिला को होती है। साथ ही गर्भावस्था में इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि माँ बनने वाली स्त्री के स्तनों में कई तरह के बदलाव आते हैं। यही कारण है कि ज़्यादातर स्तन कैंसर का पता एडवांस स्टेज में लगता है। इसलिए आज कल डॉक्टर्स प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट की जाँच करवाने पर ज़ोर देते हैं जिसे वे नॉर्मल चेकअप का हिस्सा मानते हैं।

हालांकि आज के इस आधुनिक दौर में मेडिसिन और टेक्नोलॉजी ने इतनी तरक्की कर ली है कि कैंसर का इलाज संभव है लेकिन प्रेगनेंसी में इसका होना खतरे को बढ़ा देता है। साथ ही माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखना डॉक्टर्स के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं होता है।

Breast Cancer During Pregnancy

गर्भावस्था में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट कैंसर और इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे।

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता कैसे लगाया जा सकता है?

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता कैसे लगाया जा सकता है?

जैसा कि हमने आपको बताया प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का पता जल्दी नहीं चल पता क्योंकि इस दौरान स्तनों में कई तरह के परिवर्तन आते हैं जिसके लक्षण कैंसर से मिलते जुलते हैं जैसे स्तनों में कठोरता। हालांकि आपके डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी में होने वाले टेस्ट के साथ अपने स्तनों की जांच की भी सलाह दे सकते हैं। यदि डॉक्टर को आपके स्तनों में किसी भी तरह की गाँठ दिखाई पड़ेगी तो वे आपको स्तनों का अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहेंगे ना कि मैमोग्राफी जो की गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ब्रैस्ट कैंसर का पता लगाने का बायोप्सी एक दूसरा सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

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क्या कैंसर का असर होने वाले शिशु पर पड़ता है?

क्या कैंसर का असर होने वाले शिशु पर पड़ता है?

जब कैंसर का खुलासा हो जाता है तो सभी के दिमाग में बच्चे की सुरक्षा सबसे पहले आती है। लेकिन हम आपको यह बता दें कि इसका बच्चे पर तुरंत कोई असर नहीं होता। यदि कैंसर के सेल्स प्लेसेंटा के ज़रिये पास होते हैं तो शिशु के विकसित होते हुए इम्यून सिस्टम द्वारा ये क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। हालांकि बहुत ही कम मामलों में ऐसा हुआ है कि माँ से बच्चे में कैंसर के सेल्स चले गए हों लेकिन कई तरह के अध्ययन इस बात को नहीं मानते।

वहीं दूसरी ओर माँ द्वारा उपचार का तरीका बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन बच्चे पर बुरा असर डालती है इसलिए डॉक्टर्स उपचार को डिलीवरी तक रोक देते हैं।

क्या प्रेगनेंसी में कीमोथेरेपी सुरक्षित है?

क्या प्रेगनेंसी में कीमोथेरेपी सुरक्षित है?

कुछ कीमोथेरेपी की दवाइयां प्रेगनेंसी में सुरक्षित मानी जाती है। हालांकि कीमोथेरेपी से प्रेगनेंसी के पहले तीमाही में बचना चाहिए क्योंकि इससे होने वाले शिशु के विकास पर प्रभाव पड़ता है साथ ही गर्भपात का भी खतरा बढ़ जाता है। कीमोथेरेपी प्रेगनेंसी के दूसरे और तीसरे तिमाही में एकदम सुरक्षित माना जाता है। इसमें केवल बच्चे के वज़न और समय से पहले जन्म का खतरा होता है। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए डिलीवरी से तीन या चार हफ्ते पहले डॉक्टर्स कीमोथेरपी सेशन को रोक देते हैं।

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प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के अन्य कौन से विकल्प हैं?

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के अन्य कौन से विकल्प हैं?

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट कैंसर का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपका ट्यूमर कितना बड़ा है, उसका स्थान और आपकी प्रेगनेंसी का स्टेज। यदि कैंसर का पता शुरूआती दौर में ही लग जाए तो इसका सबसे अच्छा इलाज सर्जरी होता है। इसका होने वाले शिशु पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। इसमें दो तरह की सर्जरी होती है मस्टेक्टॉमी और ब्रेस्ट कन्सर्विंग सर्जरी। मस्टेक्टॉमी सर्जरी में स्तन को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है ताकि यह बीमारी न फैले। वहीं दूसरी ओर यदि आप ब्रेस्ट कन्सर्विंग सर्जरी को चुनती हैं तो आपको दूसरे रेडिएशन और कीमोथेरेपी का भी पालन करना होगा।

रेडियोथेरपी स्तन कैंसर के उपचार का अन्य विकल्प है जो की प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित नहीं मानी जाती है। इसके लिए डॉक्टर्स डिलीवरी तक इतंज़ार करते हैं।

क्या आप स्तनपान करा सकती हैं?

क्या आप स्तनपान करा सकती हैं?

इस स्थिति में ब्रेस्ट फीडिंग थोड़ा मुश्किल होता है, यदि कैंसर को खत्म करने के लिए सर्जरी की ज़रुरत पड़ती है जिसमें कीमोथेरेपी और रेडियोथेरपी न हो। ऐसे में आप अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का असर आपके स्तनों के दूध पर भी पड़ता है जो बच्चे के लिए हानिकारक होता है।

अगर सही तरीके से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराया जाए तो इसका बुरा असर आपके शरीर और होने वाले शिशु पर नहीं पड़ता। ऐसे कई मामले हैं जिनमें ब्रेस्ट कैंसर को मात देकर महिलाओं ने बच्चों को बिल्कुल सुरक्षित तरीके से जन्म दिया है। ऐसे में परिवार का सहयोग और अच्छे डॉक्टर्स से इलाज सब कुछ आसान बना देता है।

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English summary

Everything You Need To Know About Breast Cancer During Pregnancy

During pregnancy breast cancer is the most common kind of cancer that is diagnosed. One of the safe way to detect breast cancer is through biopsy. Read to know what happens if you have breast cancer while pregnant.
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