Just In
- 1 hr ago क्रॉच एरिया के फंगल इंफेक्शन की वजह हो सकता है आपका गंदा अंडरवियर, Jock Itching से बचने के लिए करें ये काम
- 3 hrs ago Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
- 6 hrs ago Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
- 6 hrs ago गर्मी में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को पसंद आएगी मैंगो स्टफ्ड मलाई कुल्फी, यह रही रेसिपी
Don't Miss
- News पंजाब: भारी बारिश में डटकर सीएम भगवंत मान को सुनते रहे लोग, बोले- पंजाब की जनता कमल को उखाड़ फेकेंगी
- Finance Antyodaya Scheme से क्या लाभार्थियों को मिल रहा है फायदा, क्या बन रहा है उनका जीवन बेहतर
- Education UP Board 10th Toppers List 2024 Out: प्राची निगम ने किया हाई स्कूल में टॉप, डाउनलोड करें PDF
- Movies जब सुष्मिता सेन के कारण सपना चौधरी के घर पर मचा था बवाल, किस्सा जान हो जाएंगे हैरान
- Technology एलन मस्क ने क्यों स्थगित किया भारत दौरा
- Automobiles Bajaj Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर का किफायती वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए कितनी होगी कीमत?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
गर्भवती महिलाओं में डिलीवरी से जुड़े डर को दूर करती है ये क्लासेज
माँ बनना औरत के लिए सबसे बड़ा सौभाग्य होता है। नौ महीने कई तरह की मुश्किलों को पार करके वह एक नए जीवन को जन्म देती है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती है जो गर्भावस्था के दौरान होने वाली परेशानियों और प्रसव से घबरा जाती हैं।
कई बार महिलाएं अपने आस पास के लोगों की बातें सुनकर या फिर प्रेगनेंसी से जुड़े वीडियो देख कर गलतफहमियों का शिकार हो जाती हैं। लेकिन आज टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है कि आज ज़्यादातर डॉक्टर्स गर्भवती स्त्रियों को बर्थिंग क्लासेस की सलाह देते हैं।
ये क्लासेस महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं से निपटने में मदद करती हैं। इन्हीं में से एक है लमाज। यह गर्भवती महिलाओं में लेबर पेन और बच्चे के जन्म से जुड़े डर को खत्म करने में सहायता करता है। आज इस लेख में हम आपको लमाज के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
क्या है लमाज?
फ्रेंच प्रसूति-विशेषज्ञ डॉक्टर फर्नांड लमांज ने लमाज तकनीक की शुरुआत की थी। इसका मुख्य लक्ष्य महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के फायदों के बारे में अवगत कराना और उनमें बच्चे को जन्म देने की क्षमता को बढ़ाना होता है। इसमें प्राकृतिक तरीके से देखभाल के अलावा प्रसव पीड़ा से निपटने का तरीका बताया जाता है जिसमें एंटी-नेटल क्लासेज प्रेगनेंट महिला के फिटनेस और पोषण जैसी चीज़ें भी शामिल हैं।
Most Read:क्या आपके बच्चे की त्वचा पर भी बन रहे हैं सफ़ेद पैचेस
गर्भवती महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करता है
जब ज़्यादातर बच्चों का जन्म सी-सेक्शन द्वारा होने लगा तब लमाज के द्वारा महिलाओं को नेचुरल तरीके से बच्चे को जन्म देने के लिए शिक्षित किया जाने लगा। इसके माध्यम से औरतों को समझाने का प्रयास किया जाता है कि उनका शरीर नेचुरल तरीके से बच्चे को जन्म देने में सक्षम है।
1. जन्म देना सामान्य बात है- लमाज के अनुसार बच्चे को जन्म देना औरत के लिए प्राकृतिक होता है इसलिए इसमें डरने वाली कोई बात नहीं होती।
2. बच्चे का जन्म न सिर्फ माँ को प्रभावित करता है बल्कि उन सभी लोगों को जो किसी न किसी तरह से उससे जुड़े होते हैं। यही कारण है कि आजकल पति भी अपनी पत्नियों के साथ लमाज क्लासेज़ अटेंड करते हैं।
3. बच्चे के जन्म के दौरान होने वाली माँ का सहज ज्ञान उनका मार्गदर्शन करता है। लमाज क्लासेज उनके इसी सहज ज्ञान को समझने और उनका पालन करने में उनकी मदद करता है।
4. लमाज तकनीक इस बात पर ज़ोर देता है कि बच्चे के जन्म के लिए स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस ओर भी ध्यान देना ज़रूरी है। यदि होने वाली माँ आराम महसूस कर रही है तो इसका मतलब उसे ज़्यादा तनाव नहीं है।
5. गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म से जुड़ी सभी जानकारियां पहले ही होनी चाहिए ताकि सही समय पर वह सही निर्णय ले सके।
लमाज बर्थ के फायदे
नॉर्मल डिलीवरी माँ और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है। आजकल ज़्यादातर महिलाएं प्रसव पीड़ा के भय से सी-सेक्शन द्वारा बच्चे को जन्म देना पसंद करती हैं इसलिए यह कार्यक्रम हर उस गर्भवती महिला के लिए है जो कई बार मिथकों की वजह से डर का शिकार हो जाती हैं।
लमाज का मानना है कि पहले दिमाग तैयार होता है और फिर शरीर अपने आप ही तैयार हो जाता है।
लमाज क्लासेज़ में जो सबसे ज़रूरी चीज़ सीखायी जाती है वह है गहरी साँस लेना क्योंकि यह प्रसव पीड़ा से निपटने में बहुत ही मददगार साबित होती है।
लमाज एक्सपर्ट्स आपको प्रसव के अलग अलग पोजीशन के बारे में बताएंगे और आपके लिए जो सबसे बेस्ट होगा उसी का चुनाव करेंगे।
यह तनाव कम करने में भी मदद करता है।
इसमें जन्म के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करनी है यह भी सिखाया जाता है।
Most Read:कितना सुरक्षित है आपके शिशु के लिए वजाइनल सीडिंग?
लमाज क्लासेज़ कब से शुरू करनी चाहिए?
गर्भावस्था के छठे या सातवें महीने से आप यह क्लासेज लेना शुरू कर सकती हैं। इस दौरान आप अपने बच्चे को अच्छी तरह से महसूस कर सकती हैं और उससे आपका एक जुड़ाव हो जाता है। साथ ही इस दौरान यह क्लासेज़ करने से आप खुद को बच्चे के जन्म के लिए मानसिक रूप से तैयार कर सकती हैं। लमाज क्लासेज़ में कुछ व्यायाम भी बताया जाता है इसलिए इसकी शुरुआत करने से पहले बेहतर यही होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।