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शादी से जुडे़ ये 8 राज़ जिन्‍हें हर मां को अपनी बेटी को जरुर बताने चाहिये

By Super Admin
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आपकी शादी पर इससे अच्छा उपहार क्या हो सकता है कि एक मां शादी की दहलीज़ पर खड़ी हुई अपनी बेटी की गोदी में ज्ञान के कुछ मोती डाले?

लव हो या अरेंज, जोडियाँ स्वर्ग में बनती हैं और यदि आपकी मां जीवन के इस नए दौर में यदि आपका मार्गदर्शन करती है तो आपका जीवन आसान हो जाता है।

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इसके अलावा इससे आपके पति और सास भी खुश हो जायेंगे! यहाँ शादी से संबंधित 8 राज़ बताए गए हैं जिन्हें प्रत्येक मां को अपनी बेटी के साथ बांटना चाहिए।

किसी भी रिश्ते में सही कारणों से प्रवेश करे और उसे बनाये रखे

किसी भी रिश्ते में सही कारणों से प्रवेश करे और उसे बनाये रखे

मां को अपनी बेटी को यह अवश्य सिखाना चाहिए कि स्नेह, निस्वार्थता और कृतज्ञता तथा जाने देना ही सच्चा प्रेम है। यदि ये गुण किसी रिश्ते में नहीं हैं तो अब वह समय है जब आपको अपने क़दमों पर पुनर्विचार करना चाहिए। अकेले हो जाने का डर या किसी सामाजिक दबाव के कारण किसी के साथ रहना ठीक नहीं। उसे वास्तविक प्यार से परे प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए।

प्रेम का परीक्षण नहीं करना चाहिए

प्रेम का परीक्षण नहीं करना चाहिए

यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो क्या कभी भी आप उसको आग से खेलने के लिए कहेंगे? किसी के प्यार की परीक्षा लेना ऐसा करने के बराबर ही है। एक प्रकार से यह किसी की असुरक्षा और डर को प्रतीक होता है। बेटियों को स्वयं पर, अपने पति पर तथा अपने रिश्ते पर बिना किसी शर्त विश्वास करना सिखाना चाहिए। इससे वह एक स्वस्थ रिश्ते का निर्माण करने के लिए तैयार होगी। अपनी ज़िन्दगी किसी दुसरे के साथ बांटने का ख्याल थोडा भयभीत करने वाला होता है परन्तु क्या यह जीवन की यात्रा में मिलने वाला पुरस्कार नहीं है?

प्रेम को अंदर से प्रस्फुटित होने दे

प्रेम को अंदर से प्रस्फुटित होने दे

आप दूसरों को तब तक प्यार और सम्मान नहीं दे सकते जब तक आप स्वयं को प्यार और सम्मान नहीं देते। शादी के बाद भले ही आप अपने सास ससुर के साथ एक घर में न रहते हों परन्तु फिर भी उनके तथा घर के एनी बड़े सदस्यों के साथ आपके संबंध बहुत महत्व रखते हैं। आपको कुछ चीज़ें दूसरों के लिए भी करनी पड़ती है और कभी कभी उन्हें स्वयं से अधिक प्राथमिकता भी देनी पड़ती है। चिंता न करें, यदि आपके मन में प्रेम की उत्पत्ति भीतर से है तो कोई भी आपको दूसरों के जीवन में चिरस्थायी बसंत बनने से नहीं रोक सकता!

प्रेम और सांस लेने की जगह दे

प्रेम और सांस लेने की जगह दे

प्रत्येक रिश्ते को खिलने के लिए समय और व्यक्तिगत स्थान की आवश्यकता होती है। अपनी बेटी को याद दिलाएं कि उसे अपने जीवनसाथी को सांस लेने के लिए जगह दें। उसे बताएं कि उसकी भावनाएं जैसे आवश्यकता से अधिक स्वत्वाधिकार, जलन या उत्सुकता उसकी निर्णय लेने की क्षमता पर हावी न हों। सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि उसे सिखाएं कि वह अपनी रुचियों, हॉबी को जीवित रखे, दोस्तों के साथ समय बिताये तथा साथ ही साथ कुछ समय अकेले में भी बिताये। उसे पूर्ण होने का अनुभव होना चाहिए। रोमांटिक प्यार के लिए बहुत सा स्थान होता है।

आत्मिक विकास

आत्मिक विकास

एक मां को अपनी बेटी को ऐसा आहार देना चाहिए जिसमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास प्रचुर मात्रा में हो। यदि आप में आत्मविश्वास है तो इसका अर्थ यह है कि कोई आपको प्यार करे इसके लिए आपको बदलने की आवश्यकता नहीं है। अपनी बेटी को सिखाएं कि ऐसा व्यक्ति जो आपको बदलने का प्रयत्न करता है वह आपका सच्चा साथी नहीं है। बेटियों याद रखें यदि आप स्वयं पर विश्वास नहीं रखेंगी तो कोई और भी आप पर विश्वास नहीं करेगा।

आपका शरीर सिर्फ इच्छापूर्ति के लिए नहीं है

आपका शरीर सिर्फ इच्छापूर्ति के लिए नहीं है

मां को अपनी बेटी को अपने शरीर से प्यार करना सिखाना चाहिए - यह आत्म सम्मान सिखने के समान ही है। आपके शरीर को खुशी की आवश्यकता होती है, यह मात्र उपयोग करने के लिए नहीं है। यदि आप उसे यह नहीं सिखाएंगी तो और कौन सिखाएगा? उसका शरीर केवल इसलिए नहीं है कि उसका जीवनसाथी ही उसे प्यार करे बल्कि उसे स्वयं भी इसक आनंद उठाना चाहिए और इसकी देखभाल करनी चाहिए। इस विषय में सकारात्मक बात करने से वह स्वयं इस बात की पहल करेगी।

शादी का अर्थ समर्पण नहीं बल्कि क्षमा है

शादी का अर्थ समर्पण नहीं बल्कि क्षमा है

शादी के बाद के पहले कुछ महीने बहुत चुनौतीपूर्ण होते हैं। विशेष रूप से तब जब अरेंज मैरिज हो जिसमें लड़की का जीवनसाथी परिवार द्वारा चुना जाता है जिसे लड़की उसके (लड़के के) गुण दोषों के साथ स्वीकार करती है। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि मां लड़की को पहले अपनी कमियों को स्वीकार करने की आदत डाले। इससे वह अपने पति को आसानी से अपना सकेगी क्योंकि वह यह बात जान जायेगी कोई भी व्यक्ति सम्पूर्ण नहीं होता और समर्पण से अच्छा है कि कुछ बातों पर ध्यान न देना ही खुशी की चाबी होती है।

अपनी परी कथा स्वयं लिखें

अपनी परी कथा स्वयं लिखें

"एक ऊंचा, सांवला, सुन्दर व्यक्ति गिटार बजाता हुआ अपने सफ़ेद घोड़े से उतरकर आएगा...उठो...यह समय जागने और वास्तविकता को पहचानने का है। अपनी बेटी को बताएं कि उसका जीवन सिंड्रेला या रपुन्ज़ेल जैसा नहीं है। वास्तविक प्रेम बहुत कठिन होता है और विभिन्न रूपों में आता है। परंतु यदि आप एक बार हैप्पी रिलेशनशिप की चाबी के बारे में जान जाए तो अपनी परी कथा लिखना भी कोई कठिन काम नहीं है।

कुछ जरुरी बातें

कुछ जरुरी बातें

प्रसन्न, स्वस्थ और दीर्घायु शादीशुदा जीवन के राज़ एक ऐसा उपहार है जो आज ही आप अपनी बेटी को दे सकते हैं जिसकी जल्दी ही शादी होने वाली है। तो आगे बढ़ें तथा उसके जीवन को अधिक सुन्दर और सम्पूर्ण बनायें।

English summary

8 Marriage Secrets Every Mother Must Tell Her Daughter

Love or arranged, matches are made in heaven, and if it is mommy dear who is guiding you through, the new phase in your life will become much simpler. Also, you are sure to earn some brownie points with your husband and your in-laws as well! Here are 8 marriage secrets that every mother should share with her daughter.
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