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हाथ में 6 उंगलियां होने का क्या है मतलब?
क्या आपने अपने आसपास किसी भी शख्स के हाथ में पांच की बजाय छह अंगुलियां देखी है? हालांकि ये देखने में थोड़ी सी विचित्र जरुर लगती है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ और भाग्य की दृष्टि से देखा जाता है। भारतीय ज्योतिष का ही एक भाग है सामुद्रिक शास्त्र, इसके अंतगर्त किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंगों, शरीर पर बने चिह्नों, चाल-ढाल या रहन-सहने के तरीके से आप उस व्यक्ति के चरित्र के बारे में कई गुप्त बातें जान सकते हैं।
हमारे शरीर के हर अंग की बनावट व उसके स्वभाव के अलावा शरीर पर उपस्थित हर चिह्न का एक विशेष महत्व है। इसी तरह जिन लोगों के हाथों में छह अंगुलियां होती थी, इसे भी ज्योतिषीय कारणों से जोड़कर जाना जाता था कहते थे कि हाथों में छह अंगुलियां होना किसी सौभाग्य की निशानी है। लेकिन आपको जानकर हैरत होगी हाथ और पांव में अतिरिक्त अंगुली निकल आने के पीछे एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है जिसे पॉलीडैक्टली कहा जाता है।
हर 500 में से एक बच्चा 6 उंगलियों के साथ पैदा होता है यह ना सिर्फ हाथों में होता है। बल्कि पैरों में भी देखने को मिलता है। बॉलीवुड एक्टर रितिक रोशन इसके अच्छे उदाहरण हैं। आइए जानते है पॉलीडैक्टली से जुड़ी कुछ बातें।
पॉलीडैक्टली डिसऑर्डर
किसी इंसान के जीन में डीएनए के कम या ज्यादा होना पॉलीडैक्टली डिसऑर्डर की वजह बनता है. इस जेनेटिक कंडीशन को ग्रेग (Greig) कहा जाता है. इस डिस्ऑर्डर से हाथ या पैर की उंगलियों की बनावट बिगड़ जाती है. अतिरिक्त उंगलियां उग आती हैं. ये डिसऑर्डर पीढ़ी दर पीढ़ी भी चला आता है। अगर किसी के माता-पिता या करीबी रिश्तेदार को ये डिसऑर्डर है तो उनके बच्चों में इसके हो जाने की संभावना पचास फीसदी बढ़ जाती है। कोई जरूरी नहीं है कि हर केस में पूरी उंगली ही निकलें। ये भी हो सकता है कि स्किन पर हलका सा उभार हो। इसको सर्जरी कराकर आसानी से निकाला जा सकता है। इससे केवल एक मार्क ही बचा रह जाता है।
अफ्रीकन मूल में ज्यादा पाई जाती है
ये डिस्ाऑर्डर 500 में से एक इंसान में होता है और आमतौर पर अफ्रीकन लोगों में यह ज्यादा देखा गया है। मशहूर एंकर ओपरा विंफ्रे के भी पैरों में ज्यादा उंगलियां हैं।
समुद्र शास्त्र के अनुसार
ज्योतिष
शास्त्र
के
समुद्र
शास्त्र
के
अनुसार
जिन
लोगों
के
हाथ
में
छः
अंगुलियां
होती
हैं,
वह
व्यक्ति
बहुत
भाग्यशाली
होता
है,
परंतु
कुछ
लोग
इसे
एक
अशुभ
लक्षण
भी
मानते
हैं।
लेकिन
वास्तव
में
छः
अंगुलियां
होने
पर
जिस
व्यक्ति
के
हाथों
में
10
से
अधिक
उंगलियां
होती
हैं,
वह
अधिक
फायदा
कमाने
वाला
और
हर
काम
में
छानबीन
करने
वाला
होता
है।
ऐसे
लोग
अपना
काम
पूरी
ईमानदारी
और
मेहनत
से
करते
हैं,
लेकिन
ये
दूसरे
के
कामों
में
हमेशा
कमी
निकालते
हैं।
इसलिए
कभी-कभी
इनकी
लोगों
से
कम
बनती
है।
ये
अच्छे
आलोचक
माने
जाते
हैं।
हाथ
में
यह
छठी
अंगुली
जिस
अंगुली
के
साथ
जुड़ी
हुई
होती
है,
उसी
अंगुली
की
क्रियाशीलता
पर
अतिरिक्त
अंगुली
की
क्रिया
निर्भर
करती
है
अर्थात्
इस
अतिरिक्त
अंगुली
का
अपना
कार्इे
स्वतत्रं
अस्तित्व
नहीं
हाेता
है।
यह
तो
मृत
अंगुली
के
रूप
में
अपनी
उपस्थिति
दर्ज
कराती
रहती
है
सौभाग्य का सूचक
पहली स्थिति में छठी अगुंली कनिष्ठिका अंगुली की जुड़वा अंगुली के रूप में दिखाई देती है। दूसरी स्थिति में यह छठी अंगुली, अंगूठे के साथ जुड़ी हुई दिखाई देती है। प्राचीन मत के अनसुार छठी अंगुली को सौभाग्य के सूचक के रूप में माना जाता रहा है।
जादू
टोना
के
रुप
में
देखा
जाता
था
मध्यकालीन युग में छठी अगुंली वाले शख्स को जादू टोने करने वाले से जोड़कर देखा जाता था। छठी अंगुली के धारक व्यक्ति को जादू-टोने, इंद्रजाल और मायावी विद्याओं में पारंगत समझा जाता था। उस समय छः अंगुलियों के धारक व्यक्ति को विश्वास के योग्य नहीं पाया जाता है। यदि यह छठी अंगुली कनिष्ठिका से जुड़ी हो तो ऐसे व्यक्ति बिल्कुल भी विश्वास के योग्य नहीं माने जाते थे। कुछ शाधेकर्ताओं का मत है कि प्रत्यके 1,00,000 बच्चों में लगभग 50 बच्चे ऐसे पैदा होते हैं जिनके हाथ में यह अतिरिक्त अंगुली पाई जाती है। हाथ में इस अतिरिक्त छठी अंगुली की स्थिति दो प्रकार से पाई जाती है।
जानवरों में पॉलीडैक्टली
इंसानों के अलावा जानवरों की कुछ प्रजातियों में भी ये डिसऑर्डर पाया जाता है। बिल्लियों के अगले पंजे में आमतौर पर पांच और पिछले पंजे में चार उंगलियां होती हैं, लेकिन बहुत सारी बिल्लियां पॉलीडैक्टल होती हैं। बिल्लियों के अलावा मुर्गों, कुत्तों और चूहों में भी ये डिस्ऑर्डर पाया जाता है।