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क्या पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों पर होता है पितरों का आशीर्वाद? जानें इनका स्वभाव

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पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे होते हैं शुभ या अशुभ? जानें कैसा होता है इनका स्वभाव

हिंदू पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक होता है। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्माएं धरती पर अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं। हिंदू धर्म में इस महिने को बहुत ही पावन माना जाता हैं। लोग इस दौरान अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करते हैं। ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सकें, और उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। इस समय पैदा होने वाले बच्चों को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। इस समय कोई भी शुभ काम करने से लोग बचते हैं, ऐसे में बच्चे के जन्म को लेकर भी लोगें के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। जिसका जवाब आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको देंगे।

Are children born on Pitru Paksha auspicious or inauspicious? Know their nature in Hindi

क्या होता है पितृ पक्ष

भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू हुआ ये पितृ पक्ष अपने पितरों के प्रति आदर, सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का एक मौका हैं। हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक 15 दिन तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध किया जाता है। साथ ही अनुष्ठान करवाने वाले ब्राह्मण को भोजन करवा कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।

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कैसे होते हैं पितृ पक्ष में पैदा हुए बच्चे

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता हैं। इस समय को पूरी तरह पूर्वजों को समर्पित किया जाता हैं। कई शास्त्रों और नक्षत्रों के मुताबिक भी इस समय को शुभ नहीं माना जाता है। जिसके कारण कई लोगों का ऐसा मानना है कि इस दौरान बच्चे का पैदा होना शुभ नहीं होता। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है। पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे शुभ माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस समय पैदा होने वाले बच्चे बहुत रचनात्मक होते हैं। उनके अंदर कुछ भी पाने की दृढ़ शाक्ति बहुत तेज होती है। तथ्यों की मानें, तो पितृ पक्ष में जन्मे बच्चों का चन्द्रमा थोड़ कमजोर होता है, लेकिन अपनी किस्मत को बदलना इन बच्चों के हाथ में होता हैं। इस समय जन्मे बच्चे आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं।

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पितृ पक्ष का समय पूर्वजों का माना जाता है। इसलिए ऐसा भी कहा जाता है कि इस समय जन्म लेने वाले बच्चों पर उन पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है, जिनका हम श्राद्ध कर रहे हो। ऐसे बच्चें अपने पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन में बहुच कामयाबी हासिल करते हैं।

ऐसा भी माना जाता है कि पितृ पक्ष में घऱ में बच्चे का जन्म होने पर घर में खुशियां आती हैं। इतना ही नहीं बच्चे के जन्म के बाद से घऱ में तरक्की होने लगती है।

ज्योतिष के मुताबिक पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने पूर्वज का रूप लेकर वापस धरती पर आते हैं। इन बच्चों का जन्म किसी विशेष कार्य के लिए होता है। इस समय जन्में बच्चों का अपने परिवार के सदस्यों से काफी लगाव होता है। ये बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा समझदार होते हैं।

Disclaimer: The information is based on assumptions and information available on the internet and the accuracy or reliability is not guaranteed. Boldsky does not confirm any inputs or information related to the article and our only purpose is to deliver information. Boldsky does not believe in or endorse any superstitions.

English summary

Are children born on Pitru Paksha auspicious or inauspicious? Know their nature in Hindi

According to the Hindu calendar, Pitru Paksha starts from the full moon date of Bhadrapada and ends on the new moon day of Ashwin month. Pitru Paksha has a special significance in Sanatan Dharma. According to the scriptures, on Pitru Paksha, the souls of ancestors come to the earth to bless their family members. It is believed that the blessings of the ancestors remain on the children born at this time.
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