Just In
- 42 min ago प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है या मिसकैरेज की तरफ इशारा, जानें यहां
- 1 hr ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
- 2 hrs ago DIY Mosquito Repellent : मच्छरों के काटने से बच्चे का हो गया बुरा हाल, बचाने के लिए करें ये काम
- 3 hrs ago चेहरे का आकार बता सकता है कैसे इंसान हैं आप, यकीन नहीं होता तो ये टेस्ट आजमाकर देख लें
Don't Miss
- Technology रोबोट डॉग जो 30 फुट तक आग उगलता है
- Movies उर्फी जावेद ने T*pless होकर काटा बवाल, गुस्साए-भिन्नाए लोग बोले-हिम्मत है तो हाथ उठाकर बोल- जय श्रीराम...
- News 'शमी ने पार्टी फंड में दिए करोड़ों रुपए...,' हसीन जहां ने फर्जी डॉक्यूमेंट मामले में भी किया चौंकाने वाला दावा
- Finance Bank holiday for Lok Sabha Election 2024: क्या 26 अप्रैल को इन राज्यों में बंद रहेंगे बैंक? देखें ये लिस्ट
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- Education MP Board Sehore Toppers List 2024: सीहोर जिले के 10वीं, 12वीं के टॉपर छात्रों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सावन में महामृत्युंजय मंत्र का लाभ मिलता है दोगुना, बस ये सावधानी है जरूरी
हिंदू धर्म में मंत्र, जप, यज्ञ आदि का बहुत महत्व माना गया है। शिवपुराण तथा दूसरे कई ग्रंथों में महामृत्युंजय मंत्र का जिक्र मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। शिव का प्रिय सावन का महीना भी लग चुका है।
भोलेनाथ अपने भक्तों के उद्धार के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन सावन के महीने में शिव भक्तों को उनकी विशेष कृपा मिल पाती है। शिव को प्रसन्न करने में महामृत्युंजय मंत्र भी अहम भूमिका अदा करता है। सावन के खास महीने में आप भी भगवान शिव का खास आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। जानते हैं कौन कौन से लाभ आपको महामृत्युंजय मंत्र से मिल सकते हैं।
जानें पूर्ण महामृत्युंजय मंत्र और अर्थ
ऊं हौं जूं सः ऊं भूर्भुवः स्वः ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊं स्वः भुवः भूः ऊं सः जूं हौं ऊं
महामृत्युंजय मंत्र से मिलने वाले लाभ से पहले इस चमत्कारी मंत्र का अर्थ जानना जरूरी है।
इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर सांस में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरी सृष्टि का पालन-पोषण करते हैं। इस मंत्र के साथ महसूस करें कि आपको एक ताकत मिलती है जो जीवन में खुशी, संतुष्टि और शांति का एहसास कराती है। इस बात से सभी वाकिफ हैं कि अमरता हासिल करना संभव नहीं है लेकिन भोलेनाथ अपनी शक्तियों से हमारी मृत्यु के समय को कुछ समय के लिए बढ़ा सकते हैं।
ये विधि है असरकारी
किसी भी व्यक्ति को महामृत्युंजय मंत्र की साधना श्रद्धापूर्वक और निष्ठा के साथ करनी चाहिए। इस मंत्र का अनुष्ठान शुभ दिन, शुभ पर्व, शुभ काल या शुभ मुहूर्त में सम्पन्न करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान करने के दौरान भगवान शिव और पार्वती माता की तस्वीर लगाकर महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र के निरतंर जप से मिलते हैं ये लाभ
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक उत्तम मार्ग है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक शंकर भगवान के इस महामंत्र से निश्चित मृत्यु को भी टाला जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जप करने से आने वाली अथवा मौजूद किसी भी तरह के रोग और नुकसान पहुंचाने वाले ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को खत्म किया जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र असाध्य रोग और अकाल मृत्यु से लोगों की रक्षा करता है और ये बात वैदिक शास्त्रों और पुराणों से भी साबित होती है। कुंडली में किसी तरह के दोष, पारिवारिक कलह, धन संपत्ति से जुड़े विवाद में भी ये मंत्र लाभकारी होता है।
महामृत्युंजय मंत्र के जप का उचित समय
शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए सुबह 2 बजे से 4 बजे का समय श्रेष्ठ माना गया है। अगर किसी वजह से इस समय में आप मंत्र जाप नहीं कर पाते हैं तो सवेरे उठकर स्नानादि करें और साफ वस्त्र धारण करें और फिर पांच बार रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप कर लें।
महामृत्युंजय मंत्र से जुड़ी सावधानी
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं। लोगों को इससे जुड़े नियम और सावधानी का ज्ञान होना भी जरूरी है ताकि वो इस मंत्र का पूरा लाभ ले सकें। अगर आपको इस मंत्र के जप से जुड़ी कोई भी आशंका है तो इसका जाप किसी पंडित से कराना ही बेहतर रहेगा।