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बदली के मौसम में सनस्क्रीन लगाना आवष्यकः डॉ आर के मिश्र

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लखनऊ। आम तौर पर यह धारणा है कि तेज धूप के मौसम में सनस्क्रीन लगाना सबसे जरूरी है, जबकि सच्चाई कुछ और है। बदली के मौसम में सूरज की किरणों से निकलने वाली यू.वी.ए. व यू.वी.बी.किरणें हमारी त्वचा को सीधे नुकसान पहुंचाती है। इस मौसम में बहुत तेज धूप नही होती है। इस कारण लोग धूप से बचने के उपाय कम करते हैं। इसके कारण हमारी त्वचा पर पड़ने वाली किरणें बहुत नुकसान पहुंचाती है।

इससे ज्यादा एक और ध्यान देने वाली बात यह है कि सनस्क्रीन की जरूरत सांवले लोगों से ज्यादा गोरे लोगों को होती है। क्योंकि गोरे लोगों के अंदर मेलेनिन की ज्यादा कमी होती है और ये किरणें ज्यादा नुकसान पहुचाती है। मेलेनिन एक तरह का ऐसा पदार्थ है जो त्वचा के अंदर रहता है वह सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकने का काम करती है।

The Importance of Sunscreen

सनस्क्रीन के संबंध में प्लास्टिक सर्जन डा. आर. के मिश्र ने बताया कि हम सनस्क्रीन का प्रयोग करके जिन सूरज की किरणों को रोकने का प्रयास करते है वह दो प्रकार की होती है, एक यू.वी.ए. व दूसरी यू.वी.बी.। इन किरणों में 95 प्रतिषत यू.वी.ए. तथा शेष 5 प्रतिषत यू.वी.बी.होती है। इसके अलावा तीसरी यूवीसी किरण होती है, जिसे ओजोन परत ही धरती पर आने से रोक देती है। इससे अलग यू.वी.ए. किरणें आसानी से ओजोन परत को पार करके धरती पर आ जाती है।

इन्हीं किरणों के कारण त्वचा पर दुष्प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण समय से पहले त्वचा ढीली पड़ जाती है और उम्र भी काफी अधिक दिखने लगती है। साथ ही साथ लोगो की त्वचा मे झुर्रियां, कालापन सहित त्वचा कैंसर जैसी घातक बीमारी आसानी से हो जाती है। एक घारणा है कि यू.वी.ए. किरणों के संपर्क में रहने के कारण गोरे त्वचा वाले लोगों का रंग काला पड़ने लगता है। जिससे उन्हें लगता है कि उसके अंदर मेलेनिन की मात्रा बढ़ गई है और वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। जबकि ऐसा नही है।

यू.वी.ए.के साथ-साथ यू.वी.बी. किरणें भी काफी खतरनाक होती है। इससे सनबर्न, मोतियाबिंद जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है। साथ ही इंसान की प्रतिरोधक प्रणाली भी प्रभावित होती है। हालांकि यूवीसी किरणें सबसे ज्यादा घातक होती है, लेकिन ओजोन परत से अवरूद्ध होने के कारण दुष्प्रभाव नही डाल पाती है। आम तौर पर यह माना जाता है कि मेलेनमा कैंसर का सबसे खराब रूप लंबे समय से यूवीए किरणों के सम्पर्क में रहने से होता है। खुले वातावरण में काम करने वालों के लिये इसका बचाव सबसे जरूरी होता है।

डा. आर के मिश्र ने आगे बताया कि सनस्क्रीन को हम दो भागों में बांट सकते है। एक भौतिक और दूसरा रासायनिक । भौतिक सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड के या दोनों पाये जाते हैं जो कि सूरज से निकलने वाली किरणों को वापस कर देता है। कभी कभी लोग सन्टैन लोषन को ही सनस्क्रीन समझते है। मगर यह सनस्क्रीन नही है। सन्टैन लोषन यूवी किरणों को बढ़ाने का काम करता है। जबकि सनस्क्रीन यूवी किरणों को रोकने का काम करता है। हर सनस्क्रीन से कितना लाभ मिलता है इसका निर्धारण एस पी एफ के माध्यम से किया जाता है।

सन प्रोटेक्‍शन फैक्टर (एस पी एफ)
एस.पी.एफः-15, लगभग 93 प्रतिषत यू.वी.बी. किरणों को रोकता है।
एस.पी.एफ:-30, लगभग 97 प्रतिषत यू.वी.बी. किरणों को रोकता है। 15 से 30 होने का मतलब ये नही होता है, की यह एस.पी.एफ 15 से दो गुना ज्यादा अच्छी है।
एस.पी.एफ:-50, लगभग 90 प्रतिषत यू.वी.बी.किरणों को रोकता है।
स्थूल क्रम सनस्क्रीन लगभग 90 प्रतिषत यू.वी.ए किरणों को रोकता है।

सनस्क्रीन का पूर्णतः लाभ उठाने के लिए एस.पी.एफ के साथ निम्न बातों का ध्यान रखना अनिर्वाय है।

1. सनस्क्रीन कितनी मात्रा मे और किस तरह लगायी गयी है।
2. धूप मे कितना समय बिताया जा रहा है। (सुबह 10 बजे शाम 2 बजे तक बाहर जाने से परहेज करना चाहिए।)
3. आपकी त्वचा किस तरह की है।
4. सनस्क्रीन को बाहर निकलने से लगभग 15-20 मिनट पहले लगाना चाहिए या अगर चेहरा धोते है या नहाते है तो दुबारा करें
5. हर 2-3 घण्टे पर इसे फिर से लगाना चाहिए।
6. साल के किस समय पर लगायी जा रही है ।
7. उस समय का मौसम कैसा है।(बदली के समय यू.वी.ए और यू.वी.बी किरणे आसानी से धरती पर प्रवेष करती है)
8. सनस्क्रीन पर निधारित मात्रा को लगाते समय कितना ध्यान दिया है।
9. सनस्क्रीन को पसंद करते समय लोगो का यह ध्यान देना चाहिए की उसका एस.पी.एफ. कम से कम 15 हो। उसमे एबोवेजोन, टाइटेनियम डाइअॅाक्साइड और जिकंआक्साइड हो। पर सनस्क्रीन चाहे क¨ईं भी हो वह 10. अल्ट्रावायेट रेज से होने वाले दुश्प्रभाव को केवल कम कर सकती है पूर्णतः खत्म नही ।

अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें
विषाल मिश्र
कैवल्य कम्युनिकेशन
8756000222

English summary

The Importance of Sunscreen

If you regularly soak up the sun's rays without proper protection, you could be setting yourself up for serious skin damage. Dr. R.K Sharma from lucknow is the information that how the sun's ultraviolet (UV) rays can begin to harm your skin within only 15 minutes of being outside, even on cloudy and cool days. When it comes to using sunscreen, keep these tips in mind:
Story first published: Monday, June 24, 2013, 9:23 [IST]
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