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हमेशा खुश रहने के लिए रहिए स्वस्थ्य
भोजन तथा विश्राम की व्यवस्था की गई थी, बीच में कुछ नृत्य के कार्यक्रम भी हुए। लेकिन संयोगवश उसी रात चंद्रगुप्त अचानक बीमार हो गए। कुशल वैद्यों के उपचार ने उन्हें स्वस्थ्य तो कर दिया, पर चंद्रगुप्त चिंता में डूब गए और विचार करने लगे कि वन के आस-पास के गांव के लोग किस तरह रहते होंगे?
फिर उन्होंने उनके उपचार के लिए एक वैद्य को नियुक्त कर दिया। लेकिन कोई भी ग्रामवासी अपनी चिकित्सा के लिए नहीं आया, तब वैद्य ने राजा चंद्रगुप्त से कहा, "लगता है मैं यहां व्यर्थ ही रह रहा हूं। यहां के लोग बीमार नहीं होते, इसलिए वे मेरे पास उपचार के लिए नहीं आते हैं।"
राजा ने वैद्य की शंका का निवारण करते हुए कहा, "यहां का हर निवासी श्रम करता है। फिर उसे जब तक भूख परेशान नहीं करती, तब तक वह भोजन नहीं करता। मैंने सुना है कि यहां के लोग कम खाते हैं। यही इनके स्वस्थ रहने का कारण है।"
इसलिए अपने मन को स्वस्थ रखिए और नीचे लिखे गुरुमंत्रों को ध्यान से पढ़िए :
*
आश्चर्य
की
बात
है
कि
व्यक्ति
जीवन
को
आगे
बढ़ाना
तो
चाहते
हैं,
लेकिन
उसे
सुधारना
नहीं
चाहते।
*
सेहत
वाली
किताबें
पढ़ते
समय
हमेशा
सावधान
रहें,
क्योंकि
छपाई
की
जरा
सी
गलती
आपकी
जान
ले
सकती
है।
*
कमजोरी
का
इलाज
गरीबी
की
चिंता
करना
नहीं
है,
बल्कि
शक्ति
पर
विचार
करना
है।
*
भगवान
से
आपकी
यही
प्रार्थना
होनी
चाहिए
कि
वह
आपको
हमेशा
शरीर
और
दिमाग
से
स्वस्थ
रखे।
*
शराब
की
जगह
शर्बत
पीने
से
न
कोई
बीमार
पड़ता
और
न
कर्जदार
होता।
उसकी
पत्नी
जल्दी
विधवा
भी
नहीं
होती।
*
जो
व्यक्ति
धन
खर्च
करने
के
साथ-साथ
धन
बचाता
भी
है,
वही
सबसे
सुखी
व्यक्ति
होता
है,
क्योंकि
वह
दोनों
तरह
का
आनंद
लेता
है।
*
इस
संसार
में
सर्वश्रेष्ठ
डाक्टर
केवल
तीन
हैं-
नियमित
भोजन,
शांत
रहना
और
प्रसन्नचित्त
मन।
*
स्वस्थ
रहने
के
लिए
सिर्फ
उतना
ही
खाओ,
जितना
हजम
हो
सके,
क्योंकि
अधिक
खाने
वाले
लोग
जल्दी
अल्लाह
को
प्यारे
हो
जाते
हैं।
*
सुखी
रहने
के
लिए
यह
जरूरी
है
कि
आपके
पास
इतनी
फुर्सत
न
हो
कि
आप
सोच
सके
कि
मैं
सुखी
व्यक्ति
हूं
या
दुखी
हूं?
*
यदि
आप
दूसरों
को
स्वस्थ
देखना
चाहते
हैं,
तब
आपको
खुद
को
स्वस्थ
रखने
का
फार्मूला
खोजना
होगा।
(डायमंड बुक्स प्रा.लि., नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक 'सीक्रेट्स ऑफ सक्सेस' से साभार)