Just In
- 2 min ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए आयोग ने जारी की एडवाइजरी, जाने गर्मियों में कैसे लू से खुद को बचाएं
- 2 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
- 3 hrs ago Crispy Chicken Strips : इफ्तार के लिए इस तरह बनाएं टेस्टी-टेस्टी क्रिस्पी चिकन स्ट्रिप्स, पढ़ें पूरी रेसिपी
- 4 hrs ago Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
Don't Miss
- News जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, खाई में पलटी सवारियों से भरी कैब, 10 की मौत
- Movies 'मैं रोती रही और शाहरुख...' 17 साल बाद फराह खान ने वैनिटी वैन के अंदर हुए इस किस्से से उठाया पर्दा?
- Education UPSC ESE 2024 Prelims Result: इंजीनियरिंग सेवा प्रारंभिक परीक्षा रिजल्ट जारी, यहां देखें पीडीएफ लिंक
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Technology Realme ला रहा नया धांसू स्मार्टफोन, इन तगड़े फीचर्स से होगा लैस, सामने आईं डिटेल्स, 4 अप्रैल को होगा लॉन्च
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
मौसमी एलर्जी: कारण और निवारण
एलर्जी का कारण
एलर्जी एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसके जींस एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चले जाते हैं। मनुष्य के शरीर में रोगों का प्रतिरोध करने वाती जो नैसर्गिक इम्यून सिस्टम है, उसके कमजोर हो जाने से ही एलर्जी उत्पन्न होती है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
फरवरी से अप्रैल एर्व सिंतबर से नवंबर के समय परागकणों से तकलीफ, तेज हवा वाले दिनों में अधिक होती है, क्योंकि तेज हवा के कारण परागकण ज्यादा मात्रा में पेड़ों से झड़ते हैं। एंव लंबे समय तक वातावरण में रहते हैं और एलर्जी का कारण बनते हैं।
विभिन्न एलर्जी
1. घर पर धूल- धूल में पाए जाने वाले माइट बहुत सूक्ष्म होते हैं, जो बिस्तरों में, जानवरों के पंखों में, पुरानी लकड़ी में ज्यादा मिलते हैं।
2. परागकणं- तरह-तरह के पेड़-पौधों एंव फूलों के परागकण मुख्य हैं। पालतू जानवरों के पंखो और बालों से भी एलर्जी हो सकती है।
3. खाघ पदार्थो से- अंडे, कई प्रकार के नट्स (बादाम, अखरोट, काजू), दूध, सोयाबीन, अनाज आदि साधारण वस्तुओं से भी एलर्जी हो सकती है। दूध एंव दूध से बनी वस्तुएं यानी आइसक्रीम, बिस्कुट, मिठाई आदि से भी एलर्जी हो सकती है।
4. कई प्रकार के धातुओं से- सोना, चांदी, लोहा, एल्यूमिनियम एंव इनसे संपर्क में रहने से भी एलर्जी हो सकती है।
बचाव एंव उपचार-
आप उस चीज या पदार्थ से बचे जिससे आपको एलर्जी है। धल एंव धुएं से बचें और स्कूटर से निकलने पा मुंह पर कपड़ा बांध लें जिससे एलर्जी सीधे नाक के संपर्क में न आए। आंखों पर भी काला चशमा लगाना चाहिये। घर में नमी वाले स्थान से बचना चाहिये। होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर दवा का चयन किया जाता है। आर्सेनिक एल्बम, सैबेडिला, एलियम सीपा, ब्रोनियम, जैल्सीमियम, एरेकिया, मर्कसैल, सोराइनम आदि मुख्य दवाएं हैं। जिनका सेवन क्वालिफाइड होम्योपैथिक फिजिशियन की देखरेख में कर, एलर्जी से काफी हद तक बचा जा सकता है।