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ई-सिगरेट से किशोरों में बढ़ रही निकोटीन की लत

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(आईएएनएस)| ई-सिगरेट को पारंपरिक सिगरेट को छोड़ने के एक उपाय के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है, लेकिन एक नए अध्ययन में पता चला है कि इससे किशोरों में पारंपरिक सिगरेट और निकोटीन की लत बढ़ रही है।

शोध पत्रिका 'जेएएमए पिडिएट्रिक्स' में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, जो किशोर ई-सिगरेट का प्रयोग करते हैं, उनमें सिगरेट छोड़ने की अपेक्षा इसकी लत पड़ने की आशंका अधिक होती है।

E-cigarettes may cause nicotine addiction in teens

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया-सैन फ्रांसिस्को (यूा सीएसएफ) के सेंटर फॉर टोबैको कंट्रोल रिसर्च एंड एजुकेशन के पोस्ट डॉक्टोरल फेलो लॉरेन डुट्रा ने कहा, "दावा किया जाता रहा है कि ई-सिगरेट लोगों को सिगरेट की लत छोड़ने में मदद करता है, लेकिन हमने पाया है कि ई-सिगरेट किशोरों को सिगरेट छोड़ने के बजाय इसका अधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित करता है।"

माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय के 40 हजार से अधिक किशोरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 2011-12 के बीच ई-सिगरेट का प्रयोग 3.1 फीसदी से दोगुना बढ़कर 6.5 फीसदी हो गया। वास्तव में ई-सिगरेट निकोटीन और पारंपरिक सिगरेट की दुनिया में पहुंचने का एक प्रवेश द्वार बनता जा रहा है।

पारंपरिक सिगरेट जैसा दिखने वाला ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक उपकरण है, जिससे निकोटीन और अन्य रसायनों से मिश्रित हवा खींची जा सकती है। यह चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी जैसे फ्लेवरों में उपलब्ध होता है, जिसका उपयोग पारंपरिक सिगरेट में करना मना है, क्योंकि ये फ्लेवर किशोरों को काफी भाते हैं।

English summary

E-cigarettes may cause nicotine addiction in teens

Electronic cigarette use might in fact influence adolescents toward conventional smoking and addiction of nicotine. But the study didn’t answer evidently the significant question on if e-cigarettes worked as a path to smoking.
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