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मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के उपचार हेतु पादुंगाष्ठासन
स्वस्थ रहने के लिए कई बातें आवश्यक हैं। उसी प्रकार महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए मासिक धर्म आना अत्यंत आवश्यक है, विशेष रूप से तब जब वे प्रजनन की आयु में हों। यह महीने में एक बार आता है। जब मासिक धर्म के चक्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी आती है तो इसे मासिक धर्म संबंधी विकार कहा जाता है।
जिन लोगों को मासिक धर्म संबंधी समस्याएं आती हैं उन्हें मासिक धर्म के दौरान दर्द होता है, मासिक धर्म के चक्र की अवधि में बदलाव आता है तथा इसके साथ ही बहुत अधिक स्त्राव और मासिक धर्म में अनियमितता की समस्या आती है।
मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं के उपचार हेतु लोग कई प्रकार अपनाते हैं परन्तु इन सब उपचारों में योग सबसे उत्तम उपचार है। पादुंगाष्ठासन भी एक एक ऐसा ही आसन है जो मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं के उपचार में सहायक होता है। पादुंगाष्ठासन शब्द संस्कृत शब्द 'पाद” जिसका तात्पर्य पैर तथा “अंगुष्ठ” जिसका तात्पर्य पैर का अंगूठा है, से निकला है। आसन से तात्पर्य मुद्रा से है।
पादुंगाष्ठासन एक बहुत ही सरल आसन है। प्रारंभ में घुटनों को सीधे रखते हुए पैर की उँगलियों को पकड़ना थोडा कठिन लग सकता है परन्तु नियमित अभ्यास से यह आसान हो जाता है। यहाँ पादुंगाष्ठासन की चरण दर चरण प्रक्रिया बताई गयी है। आइए देखें:
पादुंगाष्ठासन की चरण दर चरण प्रक्रिया:
1. सीधे खड़े हो जाएँ। आपके पैर एक दूसरे के समानांतर होने चाहिए।
2. ध्यान रहे आपकी जाँघों की मांसपेशियां सिकुड़ी हुई हों।
3. आगे की ओर झुकें। आपका माथा घुटनों को स्पर्श करना चाहिए।
4. आपका सिर तथा धड़ दोनों एक साथ आगे बढ़ना चाहिए।
5. अपनी उँगलियों से पैर के दोनों अंगूठों को पकड़ें।
6. कोहनियों को सीधा करें, गहरी सांस लें और धड़ को उठायें।
7. पुन: आगे की ओर झुकें तथा उँगलियों से पैर के अंगूठे को पकड़ें।
8. निरंतर साँस लेते रहें और सामान्य स्थिति में वापस आ जाएँ।
9. अच्छे परिणामों के लिए इसे कुछ मिनिट तक करें।
पादुंगाष्ठासन से होने वाले अन्य लाभ
दिमाग को शांत करता है। तनाव से आराम दिलाता है। पाचन में सहायक है। सिरदर्द से आराम दिलाता है। किडनी को सक्रिय करता है। पिंडलियों को फैलाने में सहायक होता है। जाँघों को मज़बूत बनाता है। प्रजनन तंत्र को उत्तेजित करता है।
सावधानी:
ऐसे लोग जिन्हें गर्दन या कमर में चोट है उन्हें पादुंगाष्ठासन नहीं करना चाहिए। हालाँकि यह बहुत ही सरल आसन है परन्तु अच्छा होगा कि आप किसी प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही पादुंगाष्ठासन करें।