Just In
- 8 min ago Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
- 38 min ago गर्मी में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को पसंद आएगी मैंगो स्टफ्ड मलाई कुल्फी, यह रही रेसिपी
- 13 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 14 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
Don't Miss
- Finance PMS vs Mutual Funds: जानें किसमें मिलेगा बेहतर रिटर्न और जोखिम भी होगा कम
- News Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 60.59 प्रतिशत पड़े वोट, इस सीट पर सर्वाधिक पोलिंग
- Automobiles इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को Google की सौगात, अब EV चार्ज करना होगा और आसान, जानें क्या है नया फीचर?
- Technology Samsung Galaxy F15 5G का भारत में नया वेरिएंट लॉन्च, जानिए कीमत, ऑफर और उपलब्धता
- Education UP Board Result 2024 Statistics: जानिए पिछले 10 वर्षों में कैसे रहा यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं रिजल्ट ग्राफ
- Movies Bollywood Hindi News Live: BMCM की हुई हाफ सेंचुरी, गोविंदा की भांजी की शादी की रस्में शुरू
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों नहीं करना चाहिए भोजन ?
भारत में कई धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं और इस देश की ज़मीन पर आपको विभिन्न आस्था और परंपराएं देखने को मिलेंगीं।
सही शब्दों में कहा जाए तो भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न संस्कृति, धर्म, जाति और उपजाति के लोग रहते हैं। इसी बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इस देश में कितनी अलग-अलग संस्कृति और पंरपराओं को माना जाता होगा।
भारत का हर राज्य सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से अलग है और इसकी खुद की एक खास सांस्कृतिक पहचान है। इन राज्यों में आज भी अपनी पंरपराओं को अपने तरीके से निभाया जाता है।
जैसे कि कई राज्यों में नए साल की शुरुआत बिलकुल अलग तरीके से होती है और साल के अलग-अलग समय पर यहां नया साल मनाया जाता है।
कनार्टक में नया साल उगदी के रूप में बनाया जाता है और इसे तमिलनाडु में पोंगल कहा जाता है। इन दोनों ही राज्यों में एक ही त्योहार को लेकर अलग-अलग रस्में निभाईं जाती हैं।
इन पंरपराओं को मानने के पीछे कई तरह की मान्यताएं छिपी हैं। कहते हैं कि इन प्रथाओं का पालन करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं कुछ लोग इसे निरर्थक मानते हैं।
उहारणार्थ, आज भी भारत के कई परिवारों में माना जाता है कि बेटे को जन्म देने से स्त्री को स्वर्ग में जगह मिलती है जबकि इस मान्यता का कोई प्रमाण नहीं है, ये पूरी तरह से मिथक है
वहीं अन्य मान्य्ता के अनुसार महिलाओं को माहवारी के तीसरे दिन अपने बाल जरूर धोने चाहिए, इकसे पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।
माहवारी के दौरान महिलाओं के शरीर से अत्यधिक तेल और पसीना बाहर निकलता है इसलिए माहवारी के अंतिम दिन पर बाल धोना स्वच्छता को दर्शाता है।
अब हम कुछ प्राकृतिक चीज़ों जैसे पूर्णिमा और ग्रहण की बात करें तो इन्हें लेकर भी भारत में कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं।
यहां कई लोगों का मानना है कि सूर्य ग्रहण के दौरान व्यक्ति को भोजन ग्रहण और घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
तो चलिए जानते हैं कि भारतीय क्यों मानते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
क्योंं
ग्रहण
नहीं
करना
चाहिए
भोजन
?
1.
पहला
कारण
:
सूर्य
की
किरणों
से
सेहत
संबंधी
दिक्कतें
हम सभी जानते हैं कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब सूर्य को ग्रहण लग जाता है। खगोलविदों और वैज्ञानिकों क कहना है कि ग्रहण के दौरान कुछ विकिरण वातावरण में मिलकर पृथ्वी पर पहुंचती हैं और ये विकिरण मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। इससे बहुत जल्दी भोजन में बैक्टीरिया फैलता है।
हो
सकता
है
कि
इस
वजह
से
भी
भारतीयों
को
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
भोजन
ग्रहण
ना
करने
को
कहा
जाता
है।
2. दूसरा कारण : हो सकती है अपच
भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण ना करने का दूसरा कारण अपच भी हो सकती है। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान विकिरण आपके भोजन पर प्रभाव डालकर आपके पाचन तंत्र का प्रभावित करता है।
कई शोधों में भी वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण करने से अपच हो सकती है।
कुछ अध्ययनों में विशेषज्ञों में दावा किया है कि ग्रहण के प्रत्यक्ष संपर्क में आ चुका भोजन यानि जिस भोजन पर सूर्य की विकिरणें सीधी पड़ती हैं वो भोजन पूरी तरह से दूषित हो जाता है और उसे खाने से केवल नुकसान ही होता है।
अब तो आप जान ही गए होंगें कि भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों भोजन ग्रहण ना करने की सलाह दी जाती है।