प्राचीनकाल में जब दांत साफ करने के लिए ब्रशों का अविष्कार नहीं हुआ था तब लोग अपने दांत साफ रखने के लिए नीम या बबूल की छाल से अपने दांत साफ किया करते थे। दातुन से सिर्फ दांत स्वस्थ रहता था बल्कि ये दांतों के बीच कीटाणु या बैक्टिरिया पनपने नहीं देते थे।
आज हालांकि बाजारों में मौजूद तरह-तरह के हर्बल, केमिकल टूथपेस्ट और पाउडर मौजूद हैं जो दांतों को सुरक्षित और सुंदर बनाने के दावा करते हैं। ऐसे में लोग अब औषधीय गुणों से भरपूर नीम के दातुन या अन्य दातुन को नजरअंदाज करने लगे हैं। लेकिन आज भी कई गांवों में बुजुर्ग दांतों को साफ करने के लिए दातुन का इस्तेमाल करते हैं।
आज की पीढ़ी के बच्चों को तो दातुन के बारे में मालूम होगा। आयुर्वेद में भी दातुन करने के फायदों के बारे में बताया गया है, आज हम आपको दातुन के आयुर्वेदिक लाभों के बारे में बताएंगे।
धार्मिक महत्व
दातुन का वर्णन आयुर्वेद में भी हैं, धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से भी बेहतर माना जाता है। यही वजह है कि व्रत, त्यौहार वाले दिन बहुत से लोग ब्रश की बजाय दातुन से दांत साफ करते हैं। धार्मिक दृष्टि से दातुन का महत्व इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि दातुन जूठा नहीं होता जबकि टुथब्रश हर दिन नया प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
क्या कहा गया है आयुर्वेद में
आयुर्वेद में वर्णित दंतधावन विधि में अर्क, न्यग्रोध, खदिर, करज्ज, नीम, बबूल आदि पेड़ों की डंडी की दातुन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल आयुर्वेद में मुख प्रदेश यानी मुंह को कफ का मुख्य स्थान बताया गया हैं। ऐसे में सुबह का काल भी कफ प्रधान होता है व पूरी रात सोने के कारण मुह के अंदर कफ जमा हो जाता है। इसलिए शास्त्रों में कफ दोष का नाश करने वाले कटु, तिक्त एवं कसैला प्रधान रस वाली दातुन का प्रयोग करने को कहा जाता है
नीम का दातुन
आयुर्वेद में बताया गया है कि नीम का दातुन केवल दांतों को ही स्वस्थ नहीं रखता, बल्कि इसे करने से पाचन क्रिया ठीक होती है और चेहरे पर भी निखार आता है। यही वजह है कि आज भी बहुत से पुराने लोग नियमित नीम की दातुन का ही इस्तेमाल करते हैं।
बेर का दातुन
आयुर्वेद के अनुसार बेर के दातुन से नियमित दांत साफ करने पर आवज साफ और मधुर होती है। इसलिए जो लोग वाणी से संबंधित क्षेत्रों में रुची रखते हैं या इस क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें बेर के दातुन का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए।
बबूल का दातुन
मसूड़ों और दांतों की मजबूती के लिए बबूल के दातुन से दांत साफ करने चाहिये। ये दांतो और मसूड़ों दोनों को अच्छा रखता है।
कैसे करें दातुन
दातुन को ऊपर के दांतों में ऊपर से नीचे की ओर और नीचे के दांतों में नीचे से ऊपर की ओर करा चाहिये। इससे मसूड़े मजबूत होंगे और पायरिया की समस्या भी नहीं होगी। नीम का दातुन नेचुरल सांसों की बदबू को भी खत्म करता हैं।
Boldsky लाइफस्टाइल की सारी खबरें यहां पाएं | Subscribe to Hindi Boldsky.
Related Articles
दर्द से छुटकारा पाने के चक्कर में पेनकिलर दे सकता है ये बीमारियां..
World Liver Day 2018: जानिए क्या करें जब लीवर में हो जाएं गर्मी और सूजन
World Liver Day 2018: लीवर नहीं तो कुछ नहीं, इसे हेल्दी रखना है तो खाएं ये 9 फूड
अचानक से पेट में क्यूं बढ़ जाती है एसिड की मात्रा?
छोटे से दिखने वाले बेर को खाने के है बड़े फायदें
देसी वियाग्रा है चुकंदर का रस.. मर्दो की यौन शक्ति में करता है इजाफा..
मोटापा कम करने के चक्कर में ना पिएं ज्यादा नींबू पानी, हो सकते हैं ये नुकसान
मेनोपॉज में बढ़ जाता है इस बीमारी का ख़तरा
ये फल और सब्जियां आपको गर्मी की मार से बचाकर रखते है हाइड्रेड...
इन फलों से बढ़ता है स्पर्म काउंट, मर्दो को infertility से मिलता है छुटकारा..
मोटापा घटा कर पाएं अच्छी नींद, ये 5 फूड करेंगे आपकी मदद
क्यों निकल आते है प्राइवेट पार्ट पर Pimple..??
अक्ल के दाढ़ में है दर्द तो तुरंत आजमाएं ये घरेलू उपचार