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अधिक हीमोग्‍लोबिन से हो सकती है ये दिक्‍कतें, जाने कितना होना चाहिए हीमोग्‍लोबिन

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अगर भोजन में लगातार लौह तत्‍व यानी आयरन की कमी होती है तो हीमोग्‍लोबिन के कमी के चलते एन‍िमिया जैसी बीमारी हो जाती है लेकिन किन शायद आप नहीं जानते कि इसकी हीमोग्‍लोबिन में आयरन की अधिकता भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। जी हां, हीमोग्‍लोबिन लाल रक्‍त कोशिकाओं में पाएं जाने वाला एक प्रोटीन होता है जिसमें आयरन का एक अणु मौजूद होता है।

इसकी कमी और अधिकता दोनों ही शरीर के ल‍िए घातक साबित हो सकती है। हीमोग्‍लोबिन में आयरन की अधिकता की समस्‍या को हीमोक्रोमेटोसिस कहा जाता है। आइए जानते है इसके बारे में शरीर में अधिक हीमोग्‍लोबिन की वजह से क्‍या समस्‍याएं हो सकती है और शरीर में कितना हीमोग्‍लोबिन होना चाहिए?

 क्‍या है हीमोक्रोमेटोसिस?

क्‍या है हीमोक्रोमेटोसिस?

कुछ साल पहले तक 'हीमोक्रोमेटोसिस' (रक्त वर्णकता) नाम की यह बीमारी दुर्लभ समझी जाती थी। लेकिन आज यह रोग 'सामान्य' श्रेणी में आ गया है। जब रक्‍त में हीमोग्‍लोबिन में मौजूद आयरन का स्‍तर बढ़ जाता है तो उसे हीमोक्रोमेटोसिस कहा जाता है। दुनियाभर में इस बीमारी से जूझने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है।

कितना होना चाहिए हीमोग्‍लोब‍िन

कितना होना चाहिए हीमोग्‍लोब‍िन

हीमोग्‍लोब‍िन की मात्रा को रक्‍त के 100 म‍िलीलीटर के आधार पर मापा जाता है, जबकि मेडिकल टर्म में इसे डेसीलीटर कहा जाता है।

एक वयस्‍क महिला में 12 से 16 ग्राम हीमोग्‍लोबिन होना जरुरी होता है।

एक वयस्‍क पुरुष में 14 से 18 ग्राम हीमोग्‍लोबिन और

किशोर में 12.4 से 14.9 ग्राम हीमोग्‍लोबिन और किशोरी में 11.7 से 13.8 हीमोग्‍लोबिन होना अति आवश्‍यक होता है।

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 इन लोगों में अधिक पाई जाती है हीमोग्‍लोबिन

इन लोगों में अधिक पाई जाती है हीमोग्‍लोबिन

जो लोग पहाड़ी इलाकों रहते है। इसके अलावा ध्रूमपान करने वालों में ये समस्‍या देखी जाती है। दरअसल डीहाइड्रेशन की वजह से हीमोग्‍लोबिन बढ़ने की समस्‍या होती है लेकिन दोबारा तरल पदार्थ लेने से ये समस्‍या सामान्‍य स्‍तर पर आ जाती है।

- फेफड़ों की बीमारी

- दिल से जुड़ी समस्‍याएं होने पर

- ऑक्‍सीजन की मात्रा एक दम बढ़ने से

- पॉलीसिथेमिया रुबरा जैसे रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्‍या होने पर भी ये समस्‍या होती है।

दिमागी क्षमता कम

दिमागी क्षमता कम

हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने पर आपकी दिमागी क्षमता कुछ हद तक प्रभावित होती है। ऐसे में आपके सोचने समझने की क्षमता कुछ कम हो सकती है और आपको बहुत कंफ्यूजन होने लगती है। हर बात बहुत देरी से समझने आती है।

ब्‍लीडिंग होना

ब्‍लीडिंग होना

अगर आपके शरीर से अक्सर ब्लीडिंग होती है जैसे नाक से खून निकलना या फिर दांतों की जड़ों, मसूड़ों से खून आना आदि। ये भी हीमोग्‍लोबिन बढ़ने के संकेत हो सकते हैं।

पेट का भरा हुआ होना

पेट का भरा हुआ होना

पेट भरा हुआ लगना, पेट में दर्द होना, पेट में बायीं तरफ दबाव महसूस होना आदि समस्याएं भी कई बार हीमोग्लोबिन के बढ़ने के कारण हो सकती हैं, इसलिए इन मामलों में जांच करवाना बेहतर होगा।

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 धुंधला दिखाई देना

धुंधला दिखाई देना

कई बार आंखों से धुंधला दिखाई देना या फिर हल्का सिर दर्द बना रहना भी हीमोग्लोबिन के बढ़ने के कारण हो सकता है।

 थकान

थकान

शरीर में जब रेड ब्लड सेल्स काउंट बढ़ जाता है तो उस दौरान आप कुछ भी काम करने पर थोड़ी देर में थक जाते हैं।

 स्किन के ल‍िए नहीं होता है फायदेमंद

स्किन के ल‍िए नहीं होता है फायदेमंद

शरीर में जब लौह तत्व मात्रा से ज्यादा जमा हो जाते हैं, वे अंग काफी नुकसान उठाते हैं। सबसे पहले मधुमेह होता है। फिर त्वचा का रंग बदलता है। गोरे रंग की त्वचा का रंग बदलकर भूरा हो जाता है। यकृत को नुकसान होने से यकृत सिरोसिस हो जाता है जो बाद में कैंसर को जन्म देता है। हृदय में लौह तत्वों की बढ़ी मात्रा मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे हृदय गति बंद हो सकती है। हाथ-पैरों के जोड़ों में लौह तत्व जमा हो जाने से गठिया हो जाती है।

हो सकता है बांझपन

हो सकता है बांझपन

अंडकोष यानी टेस्टिस में इकट्ठे लौह तत्वों से नपुंसकता और पुरुष बांझपन हो सकता है। चिकित्सा वैज्ञानिक को ज्यादा शराब पीने वालों के खून की जांच में ज्यादा तादाद मे लौह तत्वों के होने का पता चला है। यह लौह तत्व शराब तैयार करने के बर्तनों से आते हैं। शराबियों को होने वाली यकृत सिरोसिस में लौह तत्वों का काफी हाथ है।

न खाएं आयरन सप्‍लीमेंट

न खाएं आयरन सप्‍लीमेंट

हीमोक्रोमेटोसिस के रोगियों को बगैर लौह तत्व वाले भोजन की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि भोजन में बहुत थोडी मात्रा में ही लौह तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए होते हैं। हां, जिन व्यक्तियों में लौह तत्व की कमी नहीं है, उन्हें लौह तत्व गोलियों या लौह संपूरित विटामिन कभी नहीं खाने चाहिए। इससे लौह शक्ति बढ़ने के बजाय हीमोक्रोमेटोसिस जैसे रोग हो सकते हैं!

English summary

Do high hemoglobin levels lead to any problems?

In this article, we explaining is high hemoglobin levels lead to any problems? Read on.
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