Just In
- 1 hr ago मलेरिया होने पर जल्दी रिकवरी के लिए मरीज को क्या खिलाएं और क्या नहीं?
- 2 hrs ago Personality Test: पैरों का आकार बताता है कई राज, जानें अपनी पर्सनालिटी से जुड़ी ये ख़ास बात
- 3 hrs ago क्या होता है स्मोक्ड बिस्किट? जिसे खाने के बाद कर्नाटक में एक बच्चे की बिगड़ गई तबीयत
- 4 hrs ago Zero Shadow Day 2024 Timing: आज बैंगलोर में परछाई छोड़ देगी लोगों का साथ, जानें कितने बजे होगी ये अनोखी घटना
Don't Miss
- News Haryana News: सीएम नायब सिंह ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं, कही यह बात
- Movies शेखर सुमन के साथ इंटिमेट सीन देते हुए कैसा था रेखा का हाल? अभिनेता ने किया चौकाने वाला खुलासा!
- Education MP Board Agar Malwa Toppers List 2023: आगर मालवा जिले के 10वीं, 12वीं के टॉपर छात्रों की सूची
- Finance CGHS कार्ड होल्डर्स के लिए खुशखबरी, अब Aiims में भी मिलेगा कैशलेश ट्रीटमेंट
- Technology डेटा खपत के मामले में Reliance Jio ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, चीन की दिग्गज कंपनी को छोड़ा पीछे
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई Ultraviolette F77 Mach 2 इलेक्ट्रिक बाइक, मिलेगी 323KM की रेंज, जानें कीमत
- Travel केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर यात्रा बुकिंग हो गयी है Open, जानिए किराया
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
प्रदूषण से फेफड़ों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करती है एस्प्रिनः स्टडी
एस्प्रिन को पहले से ही कई प्रकार के दर्द को दूर करने और सूजन को कम करने में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन एक नई स्टडी में एक और नई जानकारी सामने आई है। यह स्टडी जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में पब्लिश हुई है। कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारी की गई इस नई स्टडी के अनुसार, एस्प्रिन वायु प्रदूषण से फेफड़ों पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को कम कर सकती है।
इस स्टडी में बोस्टन के 73 साल की औसत आयु वाले 2280 पुरुषों को शामिल किया गया। स्टडी में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पूरी सेहत और फेफड़ों के काम करने की क्षमता का टेस्ट किया गया।
इसके साथ ही हर व्यक्ति के फेफड़ों के टेस्ट के रिजल्ट, एस्प्रिन का उपयोग करने वाले और पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)/ब्लैक कार्बन के स्तर के बीच संबंध का पर जांच की गई। इसके अलावा भी दूसरे कारणों पर भी ध्यान दिया गया, जैसे कि प्रत्येक व्यक्ति की पर्सनल मेडिकल हिस्ट्री और चाहे वह रेगुलर स्मोक न करने वाला हो।
इसके बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि एस्प्रिन के उपयोग ने फेफड़ों के काम करने पर पीएम का निगेटिव प्रभाव लगभग आधा कर दिया। स्टडी में शामिल अधिकतर लोग एस्प्रिन ले रहे थे इसलिए स्टडी के ऑथर का कहना है कि स्टडी का निष्कर्ष मुख्य रूप से एस्प्रिन पर ही लागू होता है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि एस्प्रिन का फेफड़ों के काम करने पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है और इस पर आगे स्टडी की आवश्यकता है।
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एस्प्रिन जहां तक फेफड़ों के काम करने में फायदा पहुंचा रहा है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण से फेफड़ों में आने वाली सूजन में भी राहत मिलती है।