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Myths and Facts: मांस का सेवन करने से हो सकता है मंकीपॉक्स? इस वायरस से जुड़े इन मिथकों को करें अनसुना

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लगभग तीन वर्षों तक कोविड-19 महामारी से जूझने के बाद, अब एक और वायरल बीमारी - मंकीपॉक्स - का अचानक फैलना दुनिया भर में चिंता का कारण बन रहा है। कम से कम 19 देशों ने अब तक मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि की है। लोगों में इस बीमारी का खौफ देखा जा रहा है इसल‍िए, अब इस बीमारी को लेकर कई तरह की अफवाहें सुनने को मिल रही हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि लोगों को इन तमाम अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। तो यहां हम आपको मंकीपॉक्स के बारे में कुछ मिथकों के बारे में बता रहे हैं, जिन पर ऐसे ही आंखे मूंदकर विश्‍वास नहीं क‍रना गलत होगा।

मिथक 1: मंकीपॉक्स केवल बंदरों के माध्यम से फैलता है

मिथक 1: मंकीपॉक्स केवल बंदरों के माध्यम से फैलता है

इस वायरल बीमारी का नाम मंकीपॉक्स है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस केवल बंदरों से फैलता है या अगर कोई बंदरों के निकट संपर्क में तो वो इस वायरस का वाहक है। मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। और यह कोई भी जानवर हो सकता है।

मिथक 2: मांट खाने से मंकीपॉक्स हो सकता है?

मिथक 2: मांट खाने से मंकीपॉक्स हो सकता है?

विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ मांस खाने से मंकीपॉक्स नहीं होगा! सोशल मीडिया में मंकीपॉक्स के बारे में कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है। लेक‍िन एक्‍सपर्ट इस थ्‍योरी को स्‍वीकार नहीं करते हैं। संक्रमित जानवरों के सेवन से वायरस फैल सकता है लेकिन स्वस्थ, अच्छी तरह से पका हुआ मांस खाने से क‍िसी प्रकार की समस्‍या नहीं होती है।

मिथक 3: एस्ट्राजेनेका का कोविड वैक्सीन मंकीपॉक्स का कारण बन रहा है

मिथक 3: एस्ट्राजेनेका का कोविड वैक्सीन मंकीपॉक्स का कारण बन रहा है

ब्रिटेन में, एक थ्‍योरी के अनुसार एस्ट्राजेनेका का कोरोनावायरस वैक्सीन की वजह से मंकीपॉक्स फैल रहा है। लेकिन विशेषज्ञों ने इस फर्जी थ्‍योरी को खारिज कर दिया है और लोगों से इस अफवाह को प्रसारित करने से रोकने के लिए कहा है।

मिथक 4: मंकीपॉक्स कोविड-19 से अधिक संक्रामक है

मिथक 4: मंकीपॉक्स कोविड-19 से अधिक संक्रामक है

विशेषज्ञों ने इस बीमारी से बचने के ल‍िए सावधानी बरतने की बात जरुर कही है, लेकिन यह नहीं कहा है कि ये बीमारी कोविड -19 से अधिक संक्रामक है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविद वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने एएनआई को बताया, "मंकीपॉक्स कोविड की तरह संक्रामक या गंभीर नहीं है। हालांकि, इसका प्रसार चिंता का विषय है। भारत में इस बीमारी से जुड़ा कोई भी संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है।

मिथक 5: केवल समलैंगिक या बायसेक्‍सुअल पुरुषों को मंकीपॉक्स होता है

मिथक 5: केवल समलैंगिक या बायसेक्‍सुअल पुरुषों को मंकीपॉक्स होता है

अलग-अलग रिपोर्ट के अनुसार, समलैंगिक या बायसेक्‍सुअल पुरुषों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस भेदभाव नहीं करता है। सीडीसी (यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल) डिवीजन ऑफ एचआईवी/एड्स प्रिवेंशन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जॉन ब्रूक्स को सीएनएन को बताया है क‍ि कोई भी मंकीपॉक्स से संक्रमित हो सकता है। इसका बायसेक्‍सुअल या समलैंगिक से कोई लेना देना है। अमेरिका में तो समलैंगिक समुदाय पर क‍िसी तरह का कोई जोखिम नहीं है।

English summary

Myths about the monkeypox virus debunked in Hindi

Monkeypox : Here are the common Myths about the monkeypox virus that are debunked in Hindi. Read on.
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