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PMS के ये लक्षण कहीं ले ना लें आपकी जान
पीएमएस यानि पोस्ट मैनुस्ट्रल सिंड्रोम, इस बात का संकेत होता है कि महिला, नए मासिक चक्र के लिए तैयार है। इस अवधि में महिला को कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं होती है।
पेट में दर्द, ऐंठन, स्तनों में भयानक तनाव, सिरदर्द और बदन दर्द होता है। कई उनकी स्थिति डिप्रेशन वाली हो जाती है, उन्हें हद से ज्यादा तनाव होता है और वो परेशान रहती हैं।
पीरियड्स के दौरान भारी ब्लीडिंग हो तो अपनाएं ये घरेलू उपचार
एस रिसर्च के अनुसार, 75 प्रतिशत महिलाओं को पीएमएस का अनुभव होता है। 20 साल की उम्र के बाद ही ये सब लक्षण महसूस होते हैं। पीरियड्स होने से 5 से 11 दिन पहले ये होना शुरू हो जाता है।
पीएमएस का कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस दौरान शरीर के हारमोन्स में उतार-चढाव होता है। इसी वजह से, पीएमएस होते हैं और महिला को दिक्कत होती है।
रिसर्च में यह भी स्पष्ट हुआ है कि महिला को पीएमएस में अवसाद रोगी की तरह महसूस होता है, जो कि पीरियड्स के बाद सही हो जाता है। लेकिन उतना समय उसके लिए मुश्किल होता है।
शोध में यह बात भी सामने आई है कि पीएमएस के दौरान, महिला के शरीर का रक्तचाप भी बहुत उच्च रहता है। इस अवधि में महिला के शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। वह धूम्रपान की ओर बढ़ सकती है और उसका मोटापा बढ़ जाता है।
पीएमएस
के
दौरान,
बेकार
के
विचार
भी
मन
में
आना
सामान्य
है।
कई
बार
कमजोरी
भी
महसूस
होती
है।
कुछ
महिलाओं
को
लो
ब्लड
सुगर
की
शिकायत
भी
हो
जाती
है।
लेकिन याद रहे, रक्तचाप तभी कम होगा, जब दिल के वॉल्व सही से काम नहीं कर रहे होंगे। इसे माईट्रल वॉल्व प्रोलैप्स सिंड्रोम कहा जाता है, इसमें पीएमएस के दौरान बेहोशी आ जाती है।