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ब्रेस्ट को हेल्दी रखने के लिए इन 7 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करें महिलाएं
आयुर्वेद चिकित्सा और कल्याण के लिए प्राचीन भारतीय प्रणाली है। अमा एक टॉक्सिन है, जो ख़राब पाचन के कारण होता है। यह माना जाता है कि अमा दोष सबसे अधिक बीमारियों का मूल कारण है, जिसमें स्तन कैंसर भी शामिल है।
आयुर्वेद के डॉक्टर के अनुसार, स्तन के ऊतकों में अमा का संचय स्तन रोगों के लिए पूर्ववर्ती है। स्तन स्वास्थ्य में सुधार करने और एमा के संचय को साफ करने के लिए, डॉ. इन सात आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
इस ब्रेस्ट पैक को लगा कर बढ़ा सकती हैं ब्रेस्ट के साइज
इसके अलावा आप अपनी डाइट को सुधारें, आराम करें और नींद पूरी करें। अपने रिश्तों को मजबूत बनाएं तथा अच्छी अच्छी हॉबीज़ अपनाएं। अपने इमोशन्स को समझें। आप चाहें तो अपनी मन की बातों को एक डायरी में लिख सकती हैं।
बाजार में मिलने वाले डियोड्रेंट को ना लगाएं। अगर पसीना आता है तो उसे प्राकृतिक तरीके से साफ करें। बाजारू डियो यूज़ करने से टिशू में लेयरर्स बिल्डअप हो जाती हैं, जिससे ब्रेस्ट को नुकसान पहुंचता है।
फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट के इलाज के 12 घरेलू उपाय
आप चाहें तो रोजाना अपने ब्रेस्ट की मसाज तिल के तेल या कैस्टर ऑइल से कर सकती हैं। इससे ब्रेस्ट में गांठे नहीं पड़ती।
1) शतावरी: डॉ भगवती के अनुसार, शतावरी जड़ी-बूटी स्तन को सुडौल और मजबूत बनाने में मदद करती है। यह एक फाइटोस्ट्रोजेन है जो नियमित रूप से उन महिलाओं के लिए निर्धारित किया जाता है जिन्हें लैक्टेटिंग की परेशानी होती है। आप को शतावरी बड़े आराम से सब्जी मंडी में मिल सकती है। इसे सैलेड मे डाल कर खाइये या फिर सब्जी बना कर प्रयोग कीजिये।
2) एलोवेरा: आपको बता दें कि एलोवेरा के अनगिनत स्वास्थ्य फायदे हैं। इसे ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर सेल्स के विकास को रोकने के लिए जाना जाता है। डॉ. भगवती कहते हैं कि एलोवेरा को नियमित रूप से खाने से स्तन की नलिकाओं को मजबूत करने में मदद मिलती है। एलो वेरा आपको आराम से घर पर मिल सकता है। इसका जैल निकालें और ताजा ही प्रयोग करें।
3) पुनर्नवा: इसे वैज्ञानिक नाम बोहेराविया डिफुसा से भी जाना जाता है। इस पौधे और उसके हिस्सों का उपयोग कई आयुर्वेदिक तैयारी में किया जाता है। मुख्यतः यह शरीर में जमा एमा को ख़त्म करने में सहायता करता है।
4) सौंफ़: क्या आप जानते हैं कि खाने के बाद एक चम्मच सौंफ क्यों खाया जाता है? डॉ। भगवती कहते हैं कि सौंफ खाने से स्तन के ऊतकों में बनने वाले विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
5) यष्टिमधु: इसमें कई शक्तिशाली कैंसर विरोधी और हार्मोन-संतुलन गुणों की वजह से इसे आयुर्वेद में एक खास जगह दी गई है। यह लसीका द्रव को साफ करता है, जिससे शरीर को स्तन के स्वास्थ्य के लिए खराब होने वाले विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
6)
मेथी:
यह
सुगंधित
और
थोड़ी
कड़वी
जड़ी-बूटी
भारत
के
सभी
किचन
में
पाई
जाती
है।
इसके
कई
स्वास्थ्य
फायदे
होते
हैं।
डॉक्टर
भगवती
के
अनुसार,
आपको
अपनी
डायट
में
इसे
जरूर
शामिल
करना
चाहिए।
क्योंकि
यह
स्तन
के
ऊतक
के
चारों
ओर
एमा
का
निर्माण
रोकती
है।
7) तुलसी: पवित्र तुलसी को भारतीय संस्कृति में कई स्वास्थ्य लाभ और धार्मिक महत्व के लिए सम्मानित किया गया है। यह सुगंधित जड़ी-बूटी, लीकोरिस की तरह, लसीका द्रव को साफ करने में मदद करती है और शरीर को एमा से छुटकारा दिलाती है।