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लेडीज.. इन फैक्‍टस से मालूम कीजिए आप सेक्‍सुअली फिट है या नहीं!

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सेक्‍स लाइफ को एक्‍साइटेड बनाने के लिए सेक्‍सुअल हेल्‍थ पर भी ध्‍यान देना जरुरी होता है। कई महिलाएं अपने शारीरिक और मानसिक हेल्‍थ को अनदेखा कर देती हैं।

अगर आप सेक्‍सुअल एक्टिव है तो आपको सेक्‍सअुल हेल्‍थ को इग्‍नोर नहीं करना चाहिए। महिलाओं को खुद को सेक्‍सुअली फिट रखने के लिए कुछ बातों के बारे में मालूम होना जरुरी होता है। कई बार महिलाएं शर्म और झिझक की वजह से खुलकर सेक्‍सुअल डिसीज और समस्‍याओं के बारे में बात नहीं कर पाती है, जब बात पूरी तरह से स्‍वास्‍थ्‍य की हो, तब किसी भी महिला को सेक्‍स परेशानियों से जुड़ी बातों को डॉक्‍टर से बताने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिये।

वजाइनल ईस्‍ट इंफेक्‍शन

वजाइनल ईस्‍ट इंफेक्‍शन

यह बहुत ही आम बीमारी है। ईस्‍ट इंफेक्‍शन एक कम संख्‍या में, योनि में रहते हैं और धीरे धीरे बढ़ते हुए संक्रमण का रूप ले लेते हैं। इंफेक्‍शन हो जाने पर महिला की योनि में जलन, लालिमा और सूजन होने लगती है। सेक्‍स करते वक्‍त यह बहुत ही पीढ़ादायक होती है। ईस्‍ट इंफेक्‍शन किसी भी लड़की को हो सकता है। इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिये।

टेस्टोस्टेरोन

टेस्टोस्टेरोन

महिलाओं की सेक्‍स इच्‍छा को बढाने में टेस्‍टोस्‍टेरोन हार्मोन बड़ा मायने रखता है। 20 साल की उम्र तक टेस्‍टोस्‍टेरोन काफी हाई मात्रा में रहता है और जैसे जैसे उम्र ढलती जाती है वह गिरने लगता है। महिलाओं के यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिला रजोनिवृत्ति तक नहीं पहुंची है, उसे टेस्‍टोस्‍टेरोन थैरेपी करवानी चाहिये। ऐसा करने से उसकी सेक्‍स में रूचि बनी रहती है।

 कंडोम से STDs का बचाव नहीं

कंडोम से STDs का बचाव नहीं

ज्‍यादातर महिलाएं ये सोचती है कि कंडोम अनचाहे गर्भ के साथ ही STDs के खतरे को भी टाल देता है लेकिन ये सच नहीं है। कंडोम आपको सीधे सीधे आपके पार्टनर के प्राइवेट पार्ट के सम्‍पर्क में आने से बचाता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि वो आपको किसी भी इंफेक्‍शन से बचाव करें। कंडोम सिर्फ STDs के खतरे को टालता है न कि पूरी तरह आपको यौन संक्रमण से बचाता है।

सेक्‍स के बाद जाएं वॉशरुम

सेक्‍स के बाद जाएं वॉशरुम

अपने पार्टनर के साथ इंटीमेट होने के बाद वॉशरुम जाती हैं? अगर ना तो आपको मालूम होना चाहिए कि इंटीमेट होने के बाद आपको अपने वजाइना को धोना चाहिए, वजाइना धोने से यूरिनरी ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन (UTI) यानी vagina में होने वाले इन्फेक्शन का रिस्क काफी कम हो जाता है। सेक्स के बाद बैक्टीरिया आपके दूसरे प्राइवेट पार्ट्स में जाकर इन्फेक्शन दे सकता है और धोने से इसकी संभावना काफी कम हो जाती है।

वजाइना की सफाई

वजाइना की सफाई

जब बात वजाइना की सफाई की आती है तो आपको बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। टीवी या मैगजीन में आपने यहां की सफाई करने वाले स्पेशल वाइप्‍सके बारे में देखा है तो उस पर भी पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। बहुत ज्यादा बाहरी प्रोडक्ट आपके वजाइना के पीएच लेवल को अंसतुलित कर सकता हैं। इसीलिए हमेशा की तरह अपने रोजाना इस्तेमाल होने वाले साबुन और पानी से ही इसकी सफाई कीजिए।

पीएपी टेस्ट कराना है जरूरी

पीएपी टेस्ट कराना है जरूरी

पीएपी एक ऐसी सर्विकल स्क्रीनिंग हैं जिसमें गर्भाशय (सर्विक्‍स या गर्भ) में कैंसर की संभावना का पता लगाया जाता है। हर लड़की को 21 साल के बाद यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। अगर आप सेक्‍सुअली एक्टिव हैं तो पीएपी टेस्‍ट हर साल करवाना और जरूरी हो जाता है। अगर अब तक आपने एक बार भी ये टेस्ट नहीं करवाया है तो तुरंत करवाएं। अगर लगता है कि पीएपी टेस्‍ट में ही आपको सारी बीमारियों का पता चल जाएगा तो यह भी गलत है। यह टेस्ट सिर्फ सर्विकल सेल्स की abnormality चेक करता है। अगर आप नियमित तौर से सेक्स करती हैं तो आपको अलग से STDs की जांच के लिए टेस्ट करवाना चाहिए।

STD से अनजान हो सकती हैं आप

STD से अनजान हो सकती हैं आप

कुछ Sexually Transmitted Diseases ऐसी होती हैं जिनके बाहरी तौर से कोई symptoms नज़र नहीं आते। यानि ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई बीमारी हो चुकी हो और आपको इसका पता ही न चले क्योंकि आप बिल्कुल नार्मल feel कर रही हैं। लेकिन ऐसी कुछ बीमारी के परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं जिनमें pelvic में सूजन या बांझपन (infertility) भी शामिल है।

किसी को भी हो सकता है HPV

किसी को भी हो सकता है HPV

सेक्सुअली एक्टिव लोगों में एचपीवी (Human Papilloma Virus) पुरुष और महिला दोनों को हो सकते हैं। किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति को यह वायरस हो सकता है और कभी कभी इसके कोई लक्षणनजर नहीं आते। अगर आप किसी एचपीवी से ग्रसित व्यक्ति के साथ वजाइनल, एनल या ओरल सेक्‍स करती हैं तो यह वायरस आपको भी हो सकता है। हालांकि ये बहुत खतरनाक बीमारी नहीं है लेकिन हर साल इसका टेस्ट भी जरूर करवाएं।

रजोनिवृति

रजोनिवृति

45 से 55 तक की उम्र में सभी महिलाएं मां बनने की छमता खो देती हैं और रजोनिवृत्ति तक पहुंच जाती हैं। जब महिला रजोनिवृत्ति में पहुंचती है, तब महिला को मूड स्‍विंग, हाई बीपी और अन्‍य परेशानियां शुरु हो जाती हैं। इसमें योनि सूख जाती है और सेक्‍स करने की इच्‍छा खतम हो जाती है।

एक्सरसाइज़ है जरूरी

एक्सरसाइज़ है जरूरी

पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए आप कीगल वर्क आउट भी कर सकती हैं। डिलीवरी के बाद यह एक्सरसाइज बहुत काम आती है। यह एक्सरसाइज करने से वजाइना और पेल्विक मसल्स हेल्‍दी रहते हैं।

English summary

Facts A Woman Should Know About Her Sexual Health

Here are some of the sexual health facts that every women should know in order to remain healthy.
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