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शोध: लम्बे समय तक एंटीबॉयोटिक के सेवन से महिलाओं में हो सकता है ये खतरा
हल्की सी भी तबीयत बिगड़ने से या फिर सर्दी-जुकाम जैसी समस्या होने पर हम खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं और बिना डॉक्टरी सलाह के ही हम अपने मन से एंटीबॉयोटिक दवाईयां लेने लग जाते हैं। जरुरत से अधिक एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन और हर छोटी-छोटी बात पर इन दवाओं का इस्तेमाल करना खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर महिलाओं के लिए। हाल में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि जो महिलाएं लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाएं लेती हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने या आघात आने का खतरा बढ़ जाता है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 60 या उससे अधिक उम्र की महिलाएं जो दो महीने या उससे अधिक समय तक एंटीबायोटिक लेती हैं, उन्हें हृदय रोग का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। बीच की आयु वाली (40-59 वर्ष) महिलाओं में भी एंटीबायोटिक के लंबे समय तक उपयोग करने पर इसका जोखिम बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं को 20-39 के बीच की उम्र की वयस्क महिलाओं में एंटीबायोटिक के उपयोग से जोखिम बढ़ने का कोई संकेत नहीं मिला है। एंटीबायोटिक का उपयोग हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होने का संभावित कारण है क्योंकि एंटीबायोटिक्स आंत में सूक्ष्म वातावरण के संतुलन को बदल देते हैं।
शोधकर्ताओं की मानें तो आंत में सूक्ष्मजीवों के संतुलन को बदलने में एंटीबायोटिक का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण कारक है। पिछले अध्ययनों में आंत के माइक्रोबायोटिक वातावरण में परिवर्तन और रक्त वाहिकाओं के संकुचन और सूजन, स्ट्रोक और हृदय रोग के बीच एक कड़ी दिखाई गई है। शोधकर्ताओं ने नर्सेज हेल्थ स्टडी में भाग लेने वाली 36,429 महिलाओं का अध्ययन किया।
अध्ययन में सामने आया कि वयस्कता के दौरान जो महिलाएं दो माह से अधिक समय तक नियमित तौर पर एंटीबॉयोटिक का सेवन कर रही थी उनमें धीरे-धीरे दिल से संबंधित समस्याएं देखी गई।